एंजियोफिब्रोमा (Angiofibroma) एक छोटा और बुरा ट्यूमर है जो नाक गुहा के आंतरिक छोर पर बनता है यह ट्यूमर बहुत ज़्यादा तकलीफ देता है । अन्गिओफिब्रोमा (Angiofibroma) की स्थिति में पुरुषों के लिए लगभग अनन्य है ज्यादातर 7 साल से लेकर 19 साल के लड़के इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं। इस स्थिति में ट्यूमर सर में निकलता है और आस-पास के अंगों में फैल जाता है, जिससे कुछ भी नुक्सान हो सकता है इस स्थिति को पता नाक में एक तरफ या दोनों तरफ की रुकावट से पता चलता है , इसके साथ साथ खून लगातार नाक से बह ता रहता है जिसकी वजह से नाक से सूंघने में परेशानी होती है , चेहरे पर भी बदलाव होने लगते हैं , आंख का दर्द आंख की कक्षाओं में फैलने लगता है जिससे दिखने में भी परेशानी होने लगती है , या कान में फैलने पर सुनने में कठिनाई होने लगती है। यह फैलता हुआ ट्यूमर आस पास की नसों में भी दिक्कत पैदा करता है और तंत्रिका पक्षाघात का कारण बन सकता है। स्थिति का निदान शारीरिक परीक्षण और सीटी स्कैन(CT scan) या एमआरआई स्कैन(MRI scan) जैसे इमेजिंग परीक्षणों द्वारा किया जाता है। बायोप्सी(Biopsy) की सिफारिश नहीं की जाती है क्योंकि ट्यूमर लगभग पूरी तरह से रक्त वाहिकाओं से बना होता है और गंभीर रक्तस्राव हो सकता है।
हालत में सुधार लाने के लिए उपचार मुख्य रूप से एक सर्जरी की मदद से किया जाता है। न्यूनतम इनवेसिव एंडोस्कोपिक सर्जरी विधि आमतौर पर पसंद की जाती है क्यूकि इस सर्जरी से आसानी से हो जाता है और तकलीफ भी दूसरे से काम होती है । यह सर्जरी एंडोस्कोपिक सर्जरी ट्रांसपलाटाइन, एंडोनासल, इन्फ्राटेम्पोरल या ट्रांसमेक्सिलरी दृष्टिकोण द्वारा की जा सकती है। एंडोनासल एंडोस्कोपिक दृष्टिकोण को सबसे अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि यह कम से कम समय में हो जाता है। एक एंडोस्कोप नाक के माध्यम से डाला जाता है जो ट्यूमर तक पहुंचने के लिए ज़रूरी होता है । एंडोस्कोप के साथ छोटे पैमाने पर सर्जिकल उपकरण डाले जाते हैं और सर्जरी सामान्य तरीके से की जाती है। दवाओं और रेडियोथेरेपी का उपयोग इस उपचार से पहले ही किया जाता था,जिससे रोग कण्ट्रोल में रहे लेकिन अब यह उपयोग में नहीं हैं। ट्यूमर सौम्य है और इसलिए शरीर के अन्य भागों में मेटास्टेसिस नहीं करता है।
प्रेडोलेसेन्ट(preadolescent) रोग यह केवल किशोर पुरुषों में पाया जाती है और इसके लक्षण हैं नाक में रुकावट या फिर नाक से खून बह रहा हो साथ में नाक बह रही हो ,और चेहरे पे भी दाने होने लगते हैं आदि।इसका पता शारीरिक परीक्षण और इमेजिंग परीक्षणों द्वारा किया जाता है और उपचार किया जाता है और सकारात्मक निदान किया जाता है जिससे यह जल्दी रिकवर हो सके ।
नासोफेरींजल एंजियोफाइरोमा(nasopharyngeal angiofibroma) के समान लक्षण अगर दिखाई देते हैं तो इन स्थितियों को फाइब्रोमा(fibroma) के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है इस रोग के मरीज़ के उपचार के लिए योग्य नहीं हैं।
एंडोस्कोपिक(endoscopic) सर्जरी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव हैं जो एंजियोफाइरोमा(Angiofibroma) के उपचार के लिए आवश्यक हैं। सर्जरी के कारण हार्ट अटैक(heart attack), सांस लेने में परेशानी, निमोनिया(pneumonia), संक्रमण का खतरा हो सकता है। ज़्यादा खून बहना भी एक बड़ा खतरा हो सकता है रोगी के लिए । सर्जरी में मरीज़ की जटिलताओं के कारण जल्दी आराम हो सकता है। कुछ अन्य है ऊपरी दांत सुन्न होना, मस्तिष्क रक्तस्राव और मेनिन्जाइटिस ।
मरीजों को एंगियोफिब्रोमा(angiofibroma) रोग दुबारा न हो इसके लिए बहुत सावधान रहना पड़ेगा। डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाओं का समय से सेवन करना होगा और ठीक होने के बाद भी डॉक्टर से पूछ के बार बार जांच करवानी होगी ।
नसोपहरयंगेअल अन्गिओफिब्रोमा( Nasopharyngeal angiofibroma) उपचार यह उपचार का सरल तरीका है और यह चार से छह सप्ताह में पूरी तरह से भी ठीक हो सकता है। यह रोग के ऊपर भी निर्भर करता है कितने समय में ठीक होगा ।
भारत में उपचार की लागत 10,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच हो सकती है। यह इलाज के ऊपर निर्भर करती है और डॉक्टर के ऊपर निर्भर करती है वह कितने का खर्चा करवाएं ।
ट्यूमर(tumor) सौम्य है और मेटास्टेसिस(metastasis) नहीं करता है, इसलिए उपचार के परिणाम स्थायी हैं।
नासॉफिरिन्जियल एंजियोफिब्रोमा(nasopharyngeal angiofibroma) के लिए कोई वैकल्पिक उपचार नहीं हैं।
सुरक्षा: अधिक
प्रभावशीलता: अधिक
टाइमलीनेस: कम
सम्बंधित जोखिम: कम
दुष्प्रभाव: कम
ठीक होने में समय: कम
प्राइस रेंज: Rs. 10,000 - Rs. 20,000
Read in English: What is angiofibroma and its causes?