विवाह या कोई भी रिश्ते एक बंधन होता है. यह कोई बाध्यकारी बंधन नहीं है. सही साथी ढूँढना और उसके साथ खुशहाल जीवन बिताना किसी सपने जैसा प्रतीत होता है. हकीकत में जब आप सही पार्टनर ढूंढ लेते है, तो रिश्ते में मजबूती लाने में पूरी जिंदगी लग जाती हैं. अपने पार्टनर के साथ खुश रहना पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप अपने साथी के साथ संबंध कैसे विकसित करते हैं.
खुशहाल और सफल शादी के लिए समझदारी, प्यार, देखभाल, सहयोग और सहानुभूति के अलावा संचार या संवाद की जरुरत होती है. संवादहीनता संबंधों की विफलता के प्रमुख कारणों में से एक है. क्या आप अपने पार्टनर की सराहना करते है या फिर आप उसकी पूरे दिन आलोचना करते हैं? क्या आप उसके विचारों और भावनाओं पर विचार करते हैं या हमेशा उन्हें नीचा दिखाते हैं? प्रभावी रूप से संवाद करने के लिए अपने साथी को खुले रूप से विचार व्यक्त करने का मौका देना चाहिए. अपनी पसंद और नापसंद व्यक्त करना का अवसर दें. जब आप अपने विचारों और भावनाओं के बारे में मुखर होते हैं, तब तक आप अपने साथी को समझने की उम्मीद कैसे करते हैं? आप निराश और परेशान महसूस होते हैं क्योंकि चीजें आपके मुताबिक नहीं होती हैं, लेकिन क्या आपने अपने साथी से अपने मन की बात साझा करने की कोशिश की है?
संबंधों में संचार की कमी के परिणामस्वरूप निराशा, गलतफहमी, अवास्तविक अपेक्षाएं, अपराध और व्यक्तिगत मतभेद पैदा हो सकते हैं. रिश्तों में प्यार और संचार के बिना एक-दूसरे के साथ साथ रहना मुश्किल है. इससे दूरिया बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में कोई एक साथी प्यार पाने के लिए कही और मौका देखता है.
जो कपल्स प्रभावी ढंग से संवाद करते हैं, उनके बिच बहस भी होती है. बहस इसलिए होते हैं क्योंकि भागीदारों के बीच मतभेद होते है; जो एक बहुत ही सामान्य बात है. बहस आमतौर पर बुरा और कड़वा तरीके से खत्म होता है. हालांकि यह हम पर निर्भर करता है की उस अस्वास्थ्यकर बहस को स्वस्थ बहस में कैसे बदलें. हम में से अधिकांश लोग जीतने की भावना से बहस करते हैं, वे इस मामले को हल नहीं करना चाहते है. इस मामले में 'प्रगति' महत्वपूर्ण है, जीत नहीं.
इस बात को हमेशा याद रखें, गुस्सा आने पर कभी किसी से बहस नहीं करना चाहिए, इसके कारण आप संतुलन और तर्कसंगत तर्क खो देते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जहाँ आप किसी को समझने की क्षमता खो देते है. किसी भी रिश्ते में संवेदनशीलता अत्यंत महत्वपूर्ण है. हमेशा अपने साथ ही प्रोत्शाहित करते रहे और उसे बोलने का मौका देना चाहिए. गुस्से के दौरान चुप रहना ज्यादा बेहतर है, इस दौरान आप सामने वालो को बोलने का मौका देना चाहिए. जब गुस्सा शांत हो जाए, तब आप अपनी बात कहने की कोशिश करे. इससे आप अपनी बात को ज्यादा तर्कपूर्ण तरीके से बोल पाते है.
संचार संकेत जो बहस की गुणवात्त में सुधार करने में मदद करते हैं:
दिमाग एक पैराशूट की तरह होती है, यह तब तक काम नहीं करता जब तक कि यह खुला न हो. यह एक व्यापक परिप्रेक्ष्य है. अपने साथी के भावनाओं को समझने की कोशिश करें. विवाह एक गहरी समुद्र की तरह होती है, जिसके लिए कोई कंपास अभी तक आविष्कार नहीं हुआ है. खुशहाल शादी में यह मायने नहीं रखता है की आप कितने संगत हैं, बल्कि आप असंगतता से कैसे निपटते हैं. विवाह कभी भी सही नहीं होता है, फिर भी यह धरती पर सबसे अच्छी गलती लगती है.
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