ओरल कैविटी में होंठ, मसूड़ों, दांत, गाल (बक्कल श्लेष्म), जीभ का सालमने का 66%, मुंह का कठोर शीर्ष (कठोर ताल), जीभ के नीचे मुंह की मंजिल और पीछे के क्षेत्र ज्ञान दांत (रेट्रोमोलर ट्रिगोन). ऑरोफैरेनजी कैंसर का विकास मुंह के पीछे गले के क्षेत्र में होता है, जिसे ऑरोफैरेनक्स कहा जाता है. ऑरोफैरेनिक्स शुरू होता है, जहां मौखिक अवसाद बंद हो जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया भर के आम कैंसर के मामले में मौखिक कैंसर ग्यारहवें स्थान पर है. यह आमतौर पर पुरुषों में पाया जाता है और इसका विकास विकासशील देशों में थोड़ा अधिक है. अल्कोहल और तंबाकू की अत्यधिक खपत ओरल कैविटी कैंसर के मामलों में लगभग 9 0% योगदान देती है. कैंसर की मौखिक वृद्धि प्रक्रियाओं से जुड़ी होती है जो कि विभिन्न कैंसर के उपचार के समान होती हैं अर्थात् विकिरण उपचार के बाद सर्जरी की सहायता से, विकिरण उपचार में रोगियों को विभिन्न दुष्प्रभावों का प्रबंधन करने की आवश्यकता हो सकती है. केरल के क्षेत्रीय कैंसर केंद्र के साथ राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) के विशेषज्ञों ने आयुर्वेद में सिफारिश किए जाने वाले हर्बल पदार्थों का उपयोग करने वाले एक मुंह से बना दिया है. यह मौखिक कैंसर के लिए विकिरण चिकित्सा का अनुभव कर रहे रोगियों में तीव्र दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं.
अन्य महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित में शामिल हो सकते हैं:
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