यह जरुरी नहीं की हर मीठी चीज मीठा स्वाद दे. ब्राउन और वाइट शुगर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है. यह न केवल शरीर में ग्लूकोज असंतुलन को ट्रिगर करता है बल्कि हृदय रोगों की संभावना को भी बढ़ाता है. हालांकि, अगर वाइट और ब्राउन रंग की चीनी के बीच तुलना की जाती है, तो ब्राउन शुगर को स्वस्थ माना जाता है. ब्राउन शुगर गुड़ की तरह दानेदार होती है, इसलिए इसमें खनिजों की अधिक मात्रा होती है. इसके परिणामस्वरूप सफेद चीनी के बजाए ब्राउन चीनी की सिफारिश की जाती है. गुड़ अधिक प्राकृतिक घटक होने के कारण सफेद चीनी की तुलना में अधिक स्वास्थ्य लाभदायक है.
चीनी बनाने का बहुत ही सरल और सालमन्य प्रक्रिया है. चीनी को गन्ने के रस से निकालते है, जिसे बाद में छोटे दाने बनाने के लिए अपकेंद्रित्र करते है. सफेद चीनी के विपरीत, ब्राउन शुगर को गुड़ के साथ मिश्रित करना पड़ता है. यह चीनी के प्राकृतिक बनाता है और इसे अधिक परिष्कृत बनाता है. ब्राउन शुगर के कुछ स्पष्ट फायदे हैं. सफेद चीनी में कृत्रिम स्वाद शामिल होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को और नुकसान पहुंचाते हैं. इसके विपरीत, ब्राउन शुगर थोड़ा अधिक फायदेमंद है.
ब्राउन शुगर के कुछ अन्य फायदे भी है. यह वजन घटाने में असरदार साबित होता है. सफेद चीनी की तुलना में, ब्राउन शुगर में कैलोरी की मात्रा काफी काम होती है. इसके अलावा, ब्राउन शुगर खनिजों से समृद्ध है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटेशियम होते है. स्वाद के संबंध में, ब्राउन शुगर में सफेद चीनी की तुलना में हल्का स्वाद होता है. गुड़ की अधिक अनुपात के कारण ब्राउन शुगर, आमतौर पर सफेद चीनी की तुलना में कम मीठा है.
जबकि ब्राउन शुगर बनाने में कम से कम प्रसंस्करण पौष्टिक मूल्य को बढ़ाता है. वास्तव में सादे चीनी के लिए स्वस्थ विकल्प नहीं है. यह सादे चीनी की तुलना में अधिक स्वास्थ्य एंजाइमों को बरकरार रखता है, लेकिन यह वास्तव में आपके शरीर को लाभ नहीं देता है. कई लोग मानते हैं कि ब्राउन शुगर के स्वास्थ्य लाभों को बताना एक मार्केटिंग रणनीति है और इससे ब्राउन शुगर के कीमत में इजाफ़ा होता है.
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