Last Updated: Jan 10, 2023
डिप्रेशन एक क्लीनिकल, मानसिक और भावनात्मक स्थिति है जो निराशा और पुरानी उदासी की भावनाओं को जन्म दे सकती है. यह लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों को संसाधित करने के तरीके को धीमा कर देता है और रोगी को निरंतर उदासी और विनाश की भावना में ले जाता है. यह आनुवंशिकी, हार्मोन के संतुलन में परिवर्तन, तनाव, दुःख, आघात और क्रॉनिकल फिजिकल एलमेन्ट के कारण एक अक्षम मानसिक स्थिति है.
डिप्रेशन के लक्षण हैं:
- स्लीप इर्रेगुलरिटी: यह या तो अनिद्रा या ओवरस्लीपिंग से संबंधित है. इसमें आप बहुत ज्यादा सोते हैं या बिल्कुल नहीं सोते हैं. यह आपके व्यक्तिगत या व्यावसायिक जीवन में काम या अन्य तनाव के कारण हो सकता है.
- चिड़चिड़ाहट या अनावश्यक रूप से गुस्सा होना: इसमें आप बहुत जल्दी बिना किसी कारण के टेम्पर खोना शुरू कर देता हैं. आपको लगता है कि आप नियंत्रण खो रहे हैं.
- निराशाजनक और दुखी महसूस करना: इसका पहला सिग्नल या लक्षण निराशा की भावना है. इस मामले में, रोगी आशाहीन हो जाता है. वह खुद को एक पिंजरे में कैद होने जैसा महसूस करते हैं, जिससे वे बाहर आने में सक्षम नहीं हो पाता हैं.
- किसी भी चीज़ में रुचि की कमी: आपको किसी भी काम या खेल में रुचि नहीं लगता है, यहां तक कि आपका दैनिक काम भी उपयोगी नहीं लगता है. आप कुछ भी नहीं करना चाहते हैं, जिस आप कभी शौक और जूनून के लिए करते है, आप उससे भी दिलचस्पी खो देते हैं.
होम्योपैथिक दवाओं की एक विस्तृत सूची यहां दी गई है, जिनमें अधिकांश डॉक्टर डिप्रेशन का इलाज करने की सिफारिश करते हैं:
- सेपिया: यह दवा पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन (जन्म देने के बाद उदासी या भावनात्मक संघर्ष) और मेनोपॉज़ से पीड़ित महिलाओं के लिए फायदेमंद है. लीफी जीने के लिए ऊर्जाहीनता के साथ एकांत और निराशा की भावना कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन्हें सेपिया के साथ कम किया जा सकता है.
- आर्सेनिकम एल्बम: यह दवा डायरिया, गैस्ट्रिक समस्याओं, अपचन जैसे लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित की जाती है, जो रोगियों को अक्सर तीव्र चिंता के परिणामस्वरूप पीड़ित होते हैं. इस दवा के लिए उपयुक्त मरीजी तुनक मिजाज और बेचैन हो जाते हैं. यह सफेद आर्सेनिक से बना है और निर्धारित शक्ति में लिया जाना चाहिए क्योंकि ओवरडोज़ लेने पर गैस्ट्रोएंटेरिटिस हो सकता है.
उपरोक्त उल्लिखित दवाएं केवल कुछ दवाइयां हैं, जिन्हें केवल आपके डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही लिया जाना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के लिए कारण और लक्षण अलग-अलग होते हैं.