अवलोकन

Last Updated: Feb 28, 2023
Change Language

कासनी के फायदे और साइड इफेक्ट्स | Chicory ke fayde aur side effects in Hindi

क्या होता है कासनी कासनी के प्रकार कासनी के पौषणिक मूल्य कासनी के स्वास्थ्य लाभ कासनी का उपयोग कासनी के दुष्प्रभाव और एलर्जी कासनी की खेती
कासनी के फायदे और साइड इफेक्ट्स | Chicory ke fayde aur side effects in Hindi

आयुर्वेद विज्ञान में कई ऐसे पौधों का जिक्र किया गया है जिनका प्रयोग औषधियों के लिए किया जाता है। ये पौधे पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण हैं जो कई प्रकार की बीमारियों से हमारी रक्षा करने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक पौधा कासनी का होता है जिसे अंग्रेजी में चकोरी कहा जाता है। कासनी भी कई तरह के पौष्टिक तत्वों के गुणों से लबरेज है और हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। तो चलिए जानते हैं कि यह कासनी किस प्रकार का पौधा है और इससे क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। इसके साथ ही इसके दुष्प्रभाव के बारे में भी जानते हैं, जिससे हम इसका सेवन करने के दौरान किसी परेशानी में न घिर जाएं।

क्या होता है कासनी

दरअसल, कासनी एक पौधा है, जिसकी पैदावारी सालभर होती है। यह पौधा कई पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण होता है, इसलिए इसकी गिनती एक प्रमुख जड़ी-बूटी के रूप में की जाती है। यह पौधा एस्टेरसिया परिवार से संबंधित है। इसका वैज्ञानिक नाम सिकोरियम इनक्यूबस है और इसे भारत में कसनी के नाम से भी जाना जाता है। कासनी के पौधे 1 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ते हैं। इसमें गोलाकार पत्तियाँ होती हैं जो स्वाद में कड़वी होती हैं। इसके फूलों का रंग नीला होता हैं जिसमें 15-20 पंखुड़ियाँ होती हैं जो सुबह के समय खुलती हैं और बाद में दिन में बंद हो जाती हैं। इसके फल लगभग पांच कोणीय आकार के होते हैं। ये हल्के रंग के धब्बेदार और छोटे होते हैं।

कासनी के प्रकार

कासनी को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया है। पहला कासनी ग्राम्य और दूसरा कासनी वन्य

कासनी के पौषणिक मूल्य

कासनी में कई बहुमूल्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो तरह की बीमारियों के खिलाफ हमारी रक्षा करते हैं। इसे जिंक, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड और पोटेशियम जैसे विभिन्न पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन-बी6, विटामिन-सी, विटामिन-ई और विटामिन-के भी मौजूद होते हैं। इन पोषक तत्वों की वजह से ही इस पौधे के ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। कासनी के पौधे के बीज में संतृप्त और असंतृप्त वसा अम्ल दोनों गुण पाए जाते हैं। इस पौधे के पत्ते, बीज, जड़ और फूल सभी उपयोग में लाए जाते हैं।

पोषण तथ्य प्रति 100 ग्राम

23 कैलोरी
0.3 Gram वसा
45 Mg सोडियम
420 Mg पोटैशियम
4.7 Gram कार्बोहाइड्रेट
1.7 Gram प्रोटीन
114 % विटामिन-ए
0.1 कैल्शियम
40 % विटामिन-सी
0.04 आयरन
0.05 विटामिन-बी6
0.07 मैग्नीशियम

कासनी के स्वास्थ्य लाभ

कासनी के स्वास्थ्य लाभ

कई तरह के पौष्टिक तत्वों की वजह से कासनी कई तरह के स्वास्थ्य लाभ से संपन्न है, जो निम्नलिखित है-

दिल की समस्याओं को करता है कम

कासनी की जड़ में इनुलिन मौजूद रहता है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर जमा हो जाता है जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है और यह प्रवाह प्रतिबंधित भी हो सकता है। इसी वजह से शरीर में एथेरोस्क्लेरोसिस और है ब्लड प्रेशर की समस्या भी आती है, जो स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जानलेवा समस्याओं का कारण हैं। इसके अलावा कासनी में एंटी-थ्रोम्बोटिक और एंटी-एरिथमिक गुण भी होते हैं।

कैंसर से बचाता है

कैंसर पर किए गए विभिन्न अध्ययनों से पता चला है की कासनी की जड़ें ट्यूमर के विकास को कम करने के लिए एक सफल साधन है। इसकी वजह कासनी में मौजूद एंटी-ट्यूमर और एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो शरीर को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाती है।

जलनरोधी होता है

2010 में हुए एक अध्ययन में यह बताया गया है कि कासनी की जड़ों में सूजन और दर्द की समस्या को कम करने का गुण भी होता है। इसी वजह से इसकी गिनती आस्टियोआर्थराइटिस में की जाती है। कासनी की जड़ का उपयोग दर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों की पीड़ा को कम करने के लिए किया जाता है।

वजन घटाने में भी है मददगार

कासनी की जड़ में ओल्गिफ्रुक्टोज और इनुलिन पाए जाते हैं। ये दोनों घटक घ्रेलिन को नियंत्रित करने का सामर्थ्य रखते हैं, इसलिए इसे वजन प्रबंधन में बहुत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा ये घटक एमिनो एसिड पर भी नियंत्रण करता है जो भूख के दर्द के लिए जिम्मेदार है। इस वजह से यह लोगों को अधिक खाने से बचाता है और संतुष्टि व परिपूर्णता की भावना को बढ़ावा देता है।

चिंता कम करता है

कासनी शामक संपत्ति से भी लबरेज है, जो व्यक्ति के तनाव को कम करता है और आराम देता है। इसी वजह से अनिद्रा की समस्या के लिए भी इस पौधे की जड़ों को औषधि के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। चूंकि कासनी एक प्राकृतिक शामक है, इस वजह से यह व्यावसायिक रूप से उत्पादित रसायनों की तुलना में अधिक सुरक्षित है। तनाव और चिंता को कम करने से हृदय रोग, हार्मोनल असंतुलन, समय से पहले बुढ़ापा और संज्ञानात्मक विकार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना भी कम हो जाती है।

स्वस्थ किडनी के लिए लाभकारी है

कासनी की जड़ के अर्क का सेवन करने से पेशाब की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। इस अर्क में मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो पेशाब की आवृत्ति और मात्रा को बढ़ाते हैं। कासनी की जड़ शरीर को अतिरिक्त संचित विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करती है जो लीवर और किडनी में जमा हो जाते हैं।

शीतपित्त या स्किन रैशेज में फायदेमंद

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में स्किन रैशेज एक आम परेशानी है। हालांकि, कासनी इस प्रकार की परेशानी को दूर करने के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है। दरअसल, इसके पत्तों को लाल चन्दन, गुलाब के अर्क तथा सिरके के साथ पीसकर लगाने से शीतपित्त में लाभ होता है।

कासनी का उपयोग

  • कासनी का उपयोग कॉफी के विकल्प के रूप में किया जाता है। हालांकि इसमें कैफीन नहीं होता है, यह मूल पेय के समान प्रभाव देता है।
  • इसकी नई पत्तियों को ताज़ा सलाद के रूप में उपयोग में लाया जा सकता हैं।
  • इसकी परिपक्व पत्तियां सब्जी की तरह पकाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • यह विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज करती है, इसलिए इसे कई तरह से औषधीय उपयोगों में लाया जाता है।
  • कासनी के पत्तों का गिलोय, नागरमोथा तथा खस के साथ मिलाकर काढ़ा बनाया जा सकता है।
  • कासनी के पत्तों को पीसकर लेप करने से ह्रदय रोग और अर्थराइटिस जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।
  • कासनी के जड़ को महीन पीसकर उसकी पोटली बनाकर योनि के स्थान पर लगाने से योनि की सूजन कम होती है।
  • कासनी की जड़ का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है।
  • कासनी के फूलों का शर्बत बनाकर पीने से लीवर की समस्या दूर होती है।

कासनी के दुष्प्रभाव और एलर्जी

वैसे तो कासनी के बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन अन्य चीजों की तरह इसमें भी कुछ खामियां हैं। आइये जानते हैं कि ये खामियां क्या हैं-

  • अगर आपको गेंदा, रैगवीड और डेसीज से एलर्जी है तो आपको कासनी से भी एलर्जी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • पित्त पथरी से पीड़ित लोगों को इस पौधे का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह स्थिति को और बढ़ा सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को कासनी के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह मासिक धर्म को उत्तेजित करके गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है।

कासनी की खेती

कासनी को मूल रूप से यूरेशिया का निवासी बताया जाता है। बताया जाता है कि यूरोपीय लोग इसे बाद में अमेरिका ले गए। आज यह वहां प्राकृतिक रूप से उगता हुआ पाया जाता है। भारत में कासनी के पौधे ज्यादातर उत्तर पश्चिम और दक्षिणी भागों में उगते पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों, जड़ों और बीजों के लिए इसकी खेती की जाती है। कासनी की खेती के लिए जल निकासी वाली मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि रेतीली और चाकली मिट्टी पर इसकी खेती नहीं की जा सकती है।

Content Details
Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
General Physician
Having issues? Consult a doctor for medical advice