सामान्य गर्भधारण में शिशु गर्भाशय के अंदर विकसित होता है। जब एक निषेचित अंडा आपकी फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से होते हुए आपके गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है। पर जब एक निषेचित(फर्टिलाइज़्ड) अंडा गर्भाशय के बाहर खुद को प्रत्यारोपित करता है तो उसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं।
इसे कभी-कभी "ट्यूबल गर्भावस्था" भी कहा जाता है। आमतौर पर यह फर्टिलाइज़्ड अंडा फैलोपियन ट्यूब में से किस एक में प्रत्यारोपित हो जाता है। फैलोपियन ट्यूब अंडाशय को गर्भ से जोड़ने वाली ट्यूब होती हैं। यदि उनमें गर्भ धारण हो जाए तो वह विकसित नहीं होगा ।
बढ़ती गर्भावस्था के कारण बहुत अधिक खिंचने पर फैलोपियन ट्यूब फट सकती है। इससे आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण हो सकता है और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। ऐसी गर्भावस्था को बचाना संभव नहीं है। इसे आमतौर पर दवा या ऑपरेशन के माध्यम से निकालना पड़ता है।ये समस्या काफी कम लोगों में ही देखने को मिलती है पर काफी गंभीर होती है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी 9 प्रकार की हो सकती है.-
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के चौथे से बारहवें सप्ताह के बीच विकसित होते हैं। कुछ महिलाओं में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं। अगर गर्भावस्था का पता चलते ही
अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भ की स्थिति का पता ना लगाया जाए तो हो सकता है कि ये पता ही न चले कि किसी को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी है।
कई मामलों में य़ह बता पाना मुश्किल होता है कि एक्टोपिक गर्भावस्था का कारण क्या है । पर जानकार मानते हैं कि ऐसा तब होता है जब फैलोपियन ट्यूब संकीर्ण या अवरुद्ध होती हैं।इसके अलावा कुछ और कारणों में शामिल हैं:
वैसे तो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लिए कोई विशेष आहार नहीं बताया जाता ,पर पौष्टिक आहार लेने की सलाह ज़रूर दी जाती है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के उपचार के बाद आपको ज़रूर विशेष आहार की आवश्यकता हो सकती है।
एक्टोपिक गर्भावस्था में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर सबसे पहले आपको चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार की आवश्यकता होती है।हालांकि एक्टोपिक गर्भावस्था के खतरे को कम करने के लिए आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं जैसे
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बारे में पता चलने पर समय व्यर्थ ना करें और तुरंत उसका उपचार शुरु कर दें। ये उपचार दवाओं के माध्यम से या सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है।पर देर करने से आपकी स्थिति गम्भीर हो सकती है।
इसके अलावा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की संभावना को कम करने के लिए कई यौन साथी बनाने से बचें। कंडोम के बिना यौन संबंध न बनाएं और एसटीडी जैसे रोगों से बचाव करें।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को कोई घरेलू इलाज संभव नहीं है।ये एक गम्भीर स्थिति है और इसके लिए आपको चिकित्सक की देखरेख में उपचार की आवश्यकता होती है। हालांकि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी ना हो इसके लिए दिए गए निर्देशों का पालन कर आप एक्टोपिक गर्भावस्था के खतरे को कम कर सकते हैं।
चूंकि एक फर्टिलाइज़्ड अंडा गर्भाशय के बाहर जीवित नहीं रह सकता है, इसलिए इसे बाहर निकालना ज़रूरी है ताकि आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं न हों।एक्टोपिक गर्भावस्था के लिए 3 मुख्य उपचार हैं:
सर्जरी
चाहे आप दवा लें या सर्जरी करवाएं, आप कुछ हफ्तों तक थकान महसूस कर सकते हैं और आपके पेट में कुछ परेशानी हो सकती है। आपको गर्भावस्था जैसे लक्षण कुछ समय तक बने रह सकते हैं। आपको चिकित्सा के प्रत्येक विकल्प के लाभों और जोखिमों के बारे में बताया जाएगा।
कई मामलों में, आपके लक्षणों और आपके परीक्षणों के परिणामों के आधार पर एक विशेष उपचार की सिफारिश की जाएगी। कुछ उपचार भविष्य में स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करने में सक्षम होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं, हालांकि अधिकांश महिलाएं बाद में भी गर्भवती होने में सक्षम होती हैं।
भारत में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के इलाज में 70,000 रुपए से लेकर 250000रुपए तक की लागत आ सकती है। आपके इलाज में कितना खर्च आएगा ये आपकी स्थिति ,लक्षणों औऱ आफ कहां और किस डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं इस पर भी निर्भर करता है।
जब गर्भ आपके गर्भाशय के अलावा किसी और हिस्से में धारण हो जाए तो उसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। ये अधितक फेलोपियन ट्यूब में होती पर कई बार पेट में भी हो सकती है। से स्थिति काफी गम्भीर होती है और इसके तुरंत उलाज की ज़रूरत होती है। अगर दवाओं के माध्यम से इसका उपचार नहीं हो सकता तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।