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गॉल ब्लै‍डर स्टोैन से होने वाले दर्द के उपचार

Written and reviewed by
Dr. Sanjeev Kumar Sharma 90% (264 ratings)
MBBS, MD - Physical Medicine & Rehabilitation
Pain Management Specialist, Jaipur  •  15 years experience
गॉल ब्लै‍डर स्टोैन से होने वाले दर्द के उपचार

गॉल ब्लैैडर स्टोन जिसे आम भाषा में पित्त की पथरी भी कहते है. यह बहुत ही कष्ट देने वाली होती है. इसे जब तक सर्जरी कर ठीक नहीं किया जाता है. इससे आपको हर दिन दर्द महसूस हो सकती है. अच्छी खबर यह है कि ऐसे कई तरीके है, जिन से आप पित्त की पथरी को ठीक कर सकते है.

दर्द ठीक करने के लिए त्वरित, आसान-पालन अनुवर्ती उपचारों की एक सूची यहां दी गई है.

  1. हीट पैक: पेट पर हीट पैक या गर्म पानी की बोतल लगाने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि गर्मी सीधे पित्त मूत्राशय पर जाती है, जिससे दर्द से तत्काल राहत मिलती है. इसे आधे घंटे के अंतराल पर लगाना चाहिए. कपड़े और हीट पैक के बीच कपड़े की एक परत रखना चाहिए.
  2. ओवर द काउंटर मैडिसिन: ज्यादातर मामलों में यह दर्द को ठीक कर देता है. एनएसएआईडी को तब तक टालना चाहिए, जब तक डॉक्टर द्वारा सुझाया नहीं जाता है. एक अन्नुतेजक पैन रिलीफ़ दावा पित्त मूत्राशय की स्थिति को ठीक कर सकता है.
  3. सब्जियों का जूस पीए: वेजीटेबल जूस थोड़ा फीका होता है पर यह आपको त्वरित रहात प्रदान करती है. इसको चुकंदर, ककड़ी और गाजर को समान अनुपात में मिलाएं और जूस निकाले. इसे सप्ताह में दो बार पीए. यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करेगा और पित्त मूत्राशय दर्द को कम करता है.
  4. साइट्रस फल: नींबू, नारंगी आदि जैसे साइट्रस फलों में पेक्टिन होता है, जिसे पथरी और उनकी समस्या को दूर करता है. यह पित्त मूत्राशय से उत्पन्न दर्द का सालमना करने के लिए बेहद कारगर माना जाता है. ताजे नींबू का 10-12 चमच्च रस एक ग्लास पनि के साथ पीने से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है.
  5. शहद और हल्दी का मिश्रण: शहद की एंटीसेप्टिक प्रकृति संक्रमण को रोकती है और हल्दी में पाए जाने वाले कर्क्यूम पित्त मूत्राशय में पित्त को अधिक घुलनशील बनाता है. टंडेम में यह दो जड़ी-बूटियां पित्त मूत्राशय के दर्द को कम कर सकती हैं और पथरी से भी राहत मिल सकती हैं. लाभ प्राप्त करने के लिए रोजाना शहद का एक बड़ा चमचा और हल्दी का 1 बड़ा चमचा उपभोग किया जाना चाहिए.
  6. हर्बल अपनाए: कई जड़ी बूटी हैं जिन्हें पित्त मूत्राशय से दर्द की उत्पत्ति के इलाज में बेहद प्रभावी माना जाता है. उनमें से कुछ में सोनासेनल, क्विब्रैड्रा, कैटनीप, सौंफ़ बीज, पीले गोदी, मेहंदी, पुदीना हर्बल चाय आदि शामिल हैं.
  7. ऐप्पल साइडर सिरका: ऐप्पल साइडर सिरका प्रकृति में अम्लीय है और एक चौथाई पानी के साथ ग्लास का एक चौथाई जूस पीने से फाइदा पहुँच सकता है. इसे नाश्ते के बाद हर दिन पीना चाहिए. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां इसके पीने के बाद दर्द 15 मिनट के भीतर ठीक हो जाती है. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप एक दर्द प्रबंधन विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं.

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