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Last Updated: Dec 06, 2022
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गॉलस्टोन सर्जरी का ऑपरेशन - Gallstones surgery in Hindi

पित्त की पथरी क्या है ? Gallstones surgery kya hai? पित्त कि पथरी के प्रकार Gallstones surgery ke prakar गॉल स्टोन सर्जरी कितने प्रकार की होती है ? Gallstone Surgery ke prakar गॉल्स्टोन सर्जरी करवाने के फायदे गॉल स्टोन सर्जरी करवाने के बहुत से फायदें होते हैं, जैसे कि: पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) की सर्जरी क्यों करवाई जाती है ? गॉलस्टोन सर्जरी के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Gallstones ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein गॉलस्टोन सर्जरी से पहले की तैयारी - Gallstones ki surgery se pehle ki tayari गॉलस्टोन सर्जरी कैसे किया जाता है? - Gallstones ka operation kaise kiya jata hai गॉलस्टोन सर्जरी की जटिलताएं - Gallstones ke operation ki jatiltayein गॉलस्टोन सर्जरी सर्जरी की लागत - Gallstones surgery ki laagat गॉलस्टोन सर्जरी के नुकसान - Gallstones surgery ke nuksaan निष्कर्ष - Conclusion

पित्त की पथरी क्या है ? Gallstones surgery kya hai?

पित्त की पथरी क्या है ? Gallstones surgery kya hai?

पित्त की पथरी (Gallstone) बहुत ही सामान्य बीमारी है जो भारत में अमूमन 10 से 20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है। पित्ताशय में मौजूद पाचक द्रव का ठोस अवस्था में मौजूद होना ही पित्त की पथरी कहलाती है। यदि पित्त की पथरी का उपचार समय रहते नहीं किया गया तो इसका नतीजा काफी दर्दनाक साबित हो सकता है। यही नहीं, कई बार बड़े ऑपरेशन का भी सहारा लेना पड़ता है। पहले आपको बता दें कि पित्त कि पथरी लिवर के ठीक नीचे होती है। ज़्यादातर 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगो में पित्त की पथरी देखने को मिलती है।

गॉल स्टोन के ऑपरेशन में गॉलब्लैडर में मौजूद गॉलस्टोन को हटाया जाता है। पित्ताशय की थैली(गॉलब्लैडर) की विभिन्न समस्याएं जो स्पष्ट और रोगसूचक हैं, का आमतौर पर कोलेसिस्टेक्टोमी द्वारा इलाज किया जाता है। गॉलब्लैडर, पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में एक बाइल को स्टोर करने वाला नाशपाती के आकार का अंग होता है। मेडिकल भाषा में पित्ताशय की थैली की सर्जरी को कोलेसिस्टेक्टॉमी कहा जाता है।

पित्त कि पथरी के प्रकार Gallstones surgery ke prakar

मुख्य तौर पर पित्त कि पथरी दो प्रकार की होती है-

  • कोलेस्ट्रॉल गॉलस्टोन: पित्ताशय की सबसे सामान्य पथरी को कोलेस्ट्रॉल गॉलस्टोन कहा जाता है। इस तरह की पथरी आमतौर पर पीले रंग की होती है। यह पथरी अघुलनशील कोलेस्ट्रॉल व अन्य पदार्थो से बनती है।
  • पिग्मेंट गॉलस्टोन: पिग्मेंट गॉल्स्टोन सामान्यतौर पर काले व भूरे रंग की होती है। इसके बनने का कारण पित्ताशय में बिलीरुबिन का अधिक मात्रा में मौजूद होना बताया जाता है। बिलीरुबिन एक प्रकार का द्रव है जो लीवर द्वारा बनाया जाता है जबकि इसे संगृहीत करने का काम पित्ताशय का होता है।

गॉल स्टोन सर्जरी कितने प्रकार की होती है ? Gallstone Surgery ke prakar

पित्ताशय की जटिल से जटिल पथरी को हटाने के लिए जिस सामान्य प्रक्रिया को अपनाया जाता है वह कोलेसिस्टेक्टॉमी कहलाती है। वे लोग जो पित्ताशय के रोग से जूझ रहे हैं, अक्सर ही पित्ताशय की थैली को हटाने को लेकर चिंतित रहतें है। उन्हें सबसे ज़्यादा एक ही बात की चिंता सताती रहती है कि पित्ताशय कि थैली के बिना उनका शरीर भला किस प्रकार काम कर पाएगा। लेकिन आपको बता दें कि इसमे परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। बिना पित्ताशय के भी आप अपना जीवन सामान्य तौर पर जी सकते हैं।

गॉल स्टोन सर्जरी दो प्रकार की होती है -

लेप्रोस्कोपिक/रोबोटिक कोलेसिस्टेक्टोमी

इस सर्जरी में एक एडवांस और नई विधि का प्रयोग किया जाता है। गॉलब्लेडर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान रोगी को बेहोश करने के लिए सर्जन द्वारा सामान्य एनेस्थेटिक्स का उपयोग किया जाता है। इसमे डॉक्टर तकरीबन 3 से 4 छोटे कट कि मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देते हैं। ज़्यादातर सर्जन इस प्रक्रिया का चयन करते हैं क्योंकि ओपन सर्जरी कि तुलना में इसमे छोटा कट लगाया जाता है। जिससे कि घाव भी काफी कम होता है और मरीज़ के भी जल्दी रिकवर होने कि संभावना बनी रहती है।

कुछ परिस्थितियों में, सर्जन रोबोटिक्स का उपयोग करके सर्जरी में आगे बढ़ाते हैं। ये ऑपरेशन अन्य लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी से काफी मिलते-जुलते होते हैं। सर्जन प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए रोबोट को नियंत्रित करते हैं, जो इनमें एकमात्र अंतर होता है।

ओपन सर्जरी

यह तकनीक काफी पहले से चली आ रही है जिसमे एक बड़े चीरे कि मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग किया जाता है। इसमें लैप्रोस्कोप या अन्य इमेजिंग उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह एक लम्बी प्रक्रिया होती है। मरीज़ को भी सामान्य होने के लिए कम से कम एक हफ्ता लग जाता है। इसी वजह से ज़्यादातर डॉक्टर्स लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करवाने कि सलाह देतें हैं। साथ ही, यदि गॉलब्लेडर में निम्नलिखित समस्याएं होती हैं तो डॉक्टर ऑपरेट करने का निर्णय ले सकते हैं: जैसे गंभीर रूप से सूजनहै, बुरी तरह से संक्रमित या कई अन्य प्रक्रियाओं से जख्मी होने पर ऐसा हो सकता है।

गॉल्स्टोन सर्जरी करवाने के फायदे

यदि पित्ताशय की थैली में बार-बार पथरी की समस्या हो रही है या फिर आपको गंभीर रूप से दर्द व अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो भलाई इसी में है कि आप एक अच्छे चिकित्सक से सलाह-मश्वरा लें। ऐसे में ज़्यादातर चिकित्सकों का परामर्श एक जैसा ही होता है और वो है पित्ताशय कि थैली यानी गॉल ब्लैडर को समय रहते निकलवा लेना।

मेडिकल भाषा में पित्ताशय की थैली की सर्जरी को कोलेसिस्टेक्टॉमी कहा जाता है। यह सर्जरी बेहद ही सामान्य है। इसका मतलब इसमे जटिलताओं के आने खतरा काफी कम होता है। ज़्यादातर मामलों में मरीज़ सर्जरी के कुछ ही घंटों बाद अपने घर भी जा सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में पित्ताशय की थैली (गॉल ब्लैडर) को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।

गॉल स्टोन सर्जरी करवाने के बहुत से फायदें होते हैं, जैसे कि:

  • यदि समय रहते आप गॉल ब्लैडर को निकलवा लेते हैं तो आपको पथरी के दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा दोबारा पथरी होने की शिकायत से भी नहीं जूझना पड़ता है।
  • समय रहते गॉल स्टोन्स का इलाज करवा लेना चाहिए वरना दर्द और इन्फेक्शन, दोनों ही बिगड़ सकते हैं।
  • सही सर्जरी विकल्प आपके और आपकी सेहत दोनों के लिए ही अच्छा साबित होता है।
  • यह आपको अन्य जटिलताओं से भी बचाने में मददगार साबित होती है।

पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) की सर्जरी क्यों करवाई जाती है ?

मुख्य रूप से यह सर्जरी पित्ताशय में मौजूद पथरी से निजात पाने के लिए करवाई जाती है। यह न सिर्फ आपकी दर्द को कम करती है बल्कि आपको इस बिमारी से जुड़ी बहुत से जटिलताओं से भी बचा कर रखती है। यदि आप लम्बे समय से पित्ताशय की पथरी की समस्या से गुज़र रहे हैं तो एक्सपर्ट की सलाह लें और आज ही अपनी सर्जरी का अपॉइंटमेंट बुक करवाएं।

गॉलस्टोन सर्जरी के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Gallstones ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein

यदि आप पित्ताशय की पथरी से ग्रसित है या आपको पित्ताशय की पथरी होने के कुछ लक्षण या संकेत नजर आ रहे हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श की जरूरत हो सकती है। इसके लक्षण जैसे:-

  • पेट के उपरी हिस्से में तेज दर्द होना।
  • त्वचा का पिला होना आदि

गॉलस्टोन सर्जरी से पहले की तैयारी - Gallstones ki surgery se pehle ki tayari

यदि किसी रोगी को डॉक्टर पित्त पथरी की सर्जरी(गॉलब्लेडर सर्जरी) का सुझाव देते हैं, तो वे सभी बातों को अच्छे से समझाते हैं कि आपको कैसे तैयारी करनी है। यह पता लगाने के लिए कि क्या आप सर्जरी के लिए पर्याप्त रूप से फिट हैं, प्रक्रिया से पहले व्यक्ति को पूरी तरह से शारीरिक टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।

जांच-पड़ताल के बाद, सर्जन ऑपरेशन को पूरा करते हैं, जिसमें अनुमान लगाना शामिल है, और साथ ही डॉक्टर किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपलब्ध रहते हैं

सर्जरी से पहले तैयार होने के लिए निम्नलिखित तैयारियां की जाती हैं:

  • अपनी सर्जरी प्रक्रिया के दिन आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें।
  • सर्जरी से 4 घंटे पहले से कुछ खाने से बचें
  • अपनी सर्जरी से पहले कुछ दवाओं, जैसे नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स पर अस्थायी दवाओं पर रोक लगाएं।
  • यदि खुली सर्जरी हो रही है तो अपने अस्पताल में रहने के लिए व्यक्तिगत वस्तुओं को साथ रखें, जैसे कि टूथब्रश और हेयरब्रश।
  • किसी के साथ घर जाने की व्यवस्था तैयार रखें।
  • सर्जरी से पहले अच्छे से स्नान करें।
  • प्रक्रिया से पहले, विटामिन, ब्लड थिनर्स और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाली दवाओं सहित कुछ दवाएं लेना बंद कर दें।।
  • यदि कोई निर्धारित दवा है तो प्रक्रिया की सुबह, पानी की थोड़ी मात्रा के साथ उसे लें।

गॉलस्टोन सर्जरी कैसे किया जाता है? - Gallstones ka operation kaise kiya jata hai

पथरी यानी स्टोन निकालने के दो तरीके हैं। पारंपरिक सर्जरी तकनीक, जिसे ओपन सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है, और आधुनिक सर्जरी तकनीक, जिसे लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी के रूप में भी जाना जाता है।

पित्त नली की पथरी(बाइल डक्ट स्टोन्स) का सटीक निदान करने के लिए, डॉक्टर आपके लक्षणों की बारीकी से निगरानी करते हैं अल्ट्रासाउंड स्कैन, सीटी स्कैन, पेट का एक्स-रे और एमआरआई स्कैन जैसे टेस्ट का आदेश दे सकते हैं। पथरी के आकार और आपके लक्षणों के आधार पर, आपका डॉक्टर आपको सलाह देंगे कि लेप्रोस्कोपिक या ओपन कोलेसिस्टेक्टॉमी होना चाहिए या नहीं।

यदि किसी रोगी को दूसरी बार या उसके बाद फिर से गॉलब्लेडर सर्जरी हो रही है, या यदि रोगी को हृदय रोग जैसी कुछ चिकित्सा स्थितियां हैं, तो डॉक्टर आमतौर पर उन्हें ओपन कोलेसिस्टेक्टॉमी करने की सलाह दे सकते हैं।

पित्ताशय की पथरी(गॉलब्लेडर स्टोन) को हटाने के लिए कीहोल सर्जरी, गॉलब्लेडर(पित्ताशय की थैली) को हटाने का सबसे वर्तमान और परिष्कृत तरीका है। सर्जन द्वारा यहां कम से कम तीन सेंटीमीटर लंबे कट किए जाते हैं औऱ वह इन चीरों का उपयोग करके आपके पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस इंजेक्ट करते हैं। ताकी पित्ताशय की थैली तक अधिक आसानी से पहुंचा जा सकता है और इस प्रक्रिया के साथ स्टोन को हटाया जा सकता है।

गॉलस्टोन सर्जरी की जटिलताएं - Gallstones ke operation ki jatiltayein

सभी सर्जरी में आमतौर पर कुछ संभावित जोखिम या जटिलताएं शामिल होती हैं, जिनमें आस-पास के क्षेत्रो पर नुकसान, रक्तस्राव या संक्रमण आदि शामिल होते हैं। इसी तरह गॉल्स्टोन ट्रीटमेंट सर्जरी के कुछ जोखिम भी हैं:

पित्त की चोट, या पित्त नलिकाओं) को नुकसान, कोलेसिस्टेक्टोमी का एक महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव है। आमतौर पर एक पित्त पथरी सर्जरी(गॉलस्टोन्स सर्जरी) में न्यूनतम से कोई जोखिम शामिल नहीं होता है, फिर भी कुछ अन्य प्रत्याशित सर्जिकल जोखिम होते हैं जैसे:

  • इस सर्जरी में घाव संक्रमण या पेट की कैविटी संक्रमण जिसे आमतौर पर पेरिटोनिटिस कहा जाता है, हो सकता है।
  • पेट में ब्लड का श्राव होना
  • पेट की दीवार में ब्लड जमा होना
  • पित्त नली के अंदर पित्त पथरी का प्रतिधारण(रिटेंशन)
  • लीवर या आंतों में चोट महसूस होना।
  • पेट की कैविटी में पित्त पथरी का होना, जिसके कारण फोड़ा बन सकता है।

गॉलस्टोन सर्जरी सर्जरी की लागत - Gallstones surgery ki laagat

गॉल्स्टोन हटाने की सर्जरी की लागत शहर और स्थान के आधार पर अलग-अलग होते है। जहां आप सर्जरी करवाना चाहते हैं, उसके शुल्क जगह के आधार पर एक-दूसरे से भिन्न हो सकते हैं। डॉक्टर और सुविधा जैसे अन्य महत्वपूर्ण बातें भी शुल्क पर निर्भर करती हैं।

इसलिए, पित्त पथरी हटाने की सर्जरी की अनुमानित कुल लागत 45,000 से 90,000 रुपये तक हो सकता है, जिसके भीतर शहर के अधिकांश खर्चों का भुगतान आदि अलग-अलग हो सकता है।

गॉलस्टोन सर्जरी के नुकसान - Gallstones surgery ke nuksaan

गॉलस्टोन सर्जरी से कोई खास नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन फिर भी थोड़े साइड इफेक्ट्स का सामना जरूर करना पड़ सकता है।:-

  • सर्जरी के दौरान आपको दी गई दवाओं से अपच भी हो सकता है।
  • कुछ व्यक्तियों को लंबे समय तक चलने वाले प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव हो सकता है, वैसे यह नुकसान आमतौर पर लंबे समय तक नहीं रहता है।
  • डाइट में बहुत अधिक फैट या अपर्याप्त फाइबर से अपच का बढ़ना आम बात है, जिसके कारअ दस्त या गैस हो सकती है।
  • सर्जरी और उपचार के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एनेस्थेटिक से अस्थायी कब्ज हो सकता है, भले ही क्षतिग्रस्त गॉलब्लेडर को हटाने से आमतौर पर यह कम हो जाती है।
  • किसी भी ऑपरेशन या सर्जरी के कारण कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन अगर यह कुछ दिनों से अधिक समय तक यह बना रहता है या बिगड़ जाता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
  • पित्ताशय की थैली हटाने की सर्जरी के बाद, स्टोन जो अभी भी पित्त नली में होता है, वह कष्टदायी दर्द या पीलिया का कारण बन सकते हैं।

निष्कर्ष - Conclusion

पित्ताशय में मौजूद पाचक द्रव का ठोस अवस्था में मौजूद होना ही पित्त की पथरी कहलाती है। यदि पित्त की पथरी का उपचार समय रहते नहीं किया गया तो इसका नतीजा काफी दर्दनाक साबित हो सकता है। गॉलब्लेडर एक छोटा अंग होने के बावजूद, गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए पित्त की पथरी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर से परामर्श कर के समस्या का समाधान करना बहुत जरूरी हो जाता है।

ऐसे में अपने शरीर के वजन को बनाए रखना, नियमित भोजन करना और फलों, फाइबर, सब्जियों, मिनरल्स और साबुत अनाज में उच्च आहार लेने से आपको पित्ताशय(गॉलब्लेडर) की बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है।

सावधानी बरतने के बाद भी यदि आप पित्त पथरी से पीड़ित हैं, तो सर्जरी के लिए जाना सबसे अच्छा विकल्प होता है क्योंकि यह आपके दर्द को कम करके और संक्रमण के जोखिम को रोककर आपकी समस्या का समाधान करता है।

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Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
General Physician
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