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Last Updated: Feb 03, 2023
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अदरक के फायदे और इसके दुष्प्रभाव | Ginger ke fayde aur side effects

अदरक क्या है अदरक के पौषणिक मूल्य अदरक के स्वास्थ्य लाभ अदरक के उपयोग अदरक के दुष्प्रभाव और एलर्जी अदरक की खेती
अदरक के फायदे और इसके दुष्प्रभाव | Ginger ke fayde aur side effects

अदरक का प्रयोग लगभग हर घर में किया जाता है। अपने लजीज और अनोखे स्वाद की वजह से यह सभी को पसंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं अदरक जितना अपने स्वाद के लिए मशहूर है, उससे ज्यादा इसमें पौष्टिक तत्व भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभकारी है। तो चलिए जानते हैं कि अदरक में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं और वह हमारे स्वास्थ्य के लिए किस तरह से मददगार हैं। इसके साथ ही हम अदरक के कुछ दुष्प्रभाव के बारे में बताऐंगे, जिससे आप किसी गंभीर बीमारी के प्रति सावधान रहें। सबसे पहले जानते हैं अदरक कहते किसे हैं?

अदरक क्या है

अदरक पौधे की जड़ होती है, जिसका प्रयोग ज्यादातर घरों में मसाले के रूप में किया जाता है। इसे हम यूं भी कह सकते हैं कि अदरक भूमि के अंदर होने वाला पौधे का तना है। लगभग सभी भारतीय घरों में अदरक का इस्तेमाल रोज होता है, हालांकि इसको इस्तेमाल करने का तरीका अलग-अलग है। अदरक शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के स्ट्रिंगावेरा से हुई, जिसका अर्थ होता है, एक सींग या बारहा सिंधा के जैसा शरीर। अदरक का वानस्पतिक नाम जिनजिबेर ओफिसिनेल है जो जनजीबेरेसी परिवार से सम्बंध रखती है। जिनजीबेरेसी परिवार को मसाला परिवार भी कहा जाता है।

अदरक के पौषणिक मूल्य

अदरक कई पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण है जो हमारे शरीर को कई रोगों से दूर रखने में मदद करता है। इसी वजह से अदरक की गिनती औषधीय मसालों में की जाती है। अदरक में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, आयरन, विटामिन सी, पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। जबकि इसमें शुगर बिल्कुल भी नहीं होती है। इसे प्रकृति की अच्छाई का पावर पैक भी कहा जाता है। इसके अलावा अदरक में विटामिन बी6, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, फोलेट, राइबोफ्लेविन और नियासिन भी होता है।

पोषण तथ्य प्रति 100 ग्राम

80 कैलोरी
0.8 gram वसा
415 Mg पोटैशियम
13 Mg सोडियम
18 gram कार्बोहाइड्रेट
1.8 gram प्रोटीन
0.1 विटामिन-बी6
0.03 आयरन
0.1 मैग्नीशियम
0.01 कैल्शियम
0.08 विटामिन सी

अदरक के स्वास्थ्य लाभ

अदरक के स्वास्थ्य लाभ
नीचे उल्लेखित अदरक के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभ हैं

दर्द और सूजन कम करने में मददगार

अदरक में विभिन्न लाभकारी यौगिक होते हैं जिन्हें जिंजरोल कहा जाता है। अदरक में पाया जाने वाला यह जिंजरोल हमारे शरीर में दर्द और सूजन को कम करने में चमत्कार का काम करते हैं। ये यौगिक केमोकाइन और साइटोकिन्स को दबाते हैं। यही केमोकाइन और साइटोकिन्स हमारे शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। इसलिए अदरक सूजन के कारण को जड़ से खत्म कर देता है। यह न केवल दर्द और सूजन को रोकने का काम करता है, बल्कि इसे ठीक भी करता है।

डायरिया का इलाज करता है

पेट में होने वाली ऐंठन के लिए अदरक रामबाण इलाज है। यह पेट में होने वाली ऐंठन को रोकता है। इसी ऐंठन की वजह से दस्त शुरू होते हैं और डायरिया जैसी खतरनाक बीमारी की वजह बनते हैं। यह उपाय प्राचीन चीनी युगों में भी प्रचलन में था। चीनी दस्त से पीड़ित लोगों को अदरक का पाउडर देते थे। बाद में वैज्ञानिकों ने भी इस चीनी उपाय को माना। अब दस्त को ठीक करने के लिए अदरक के इस गुण का प्रयोग किया जाता हैं।

पेट फूलने का इलाज करता है

पेट में गैस बनना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन जब यही गैस ज्यादा मात्रा में बनने लगे तो यह दर्द और किसी अन्य बीमारी की वजह बन सकती है। हालांकि, अदरक का सेवन आपको पेट में बनने वाली गैस से राहत दे सकता है। इसी वजह से अदरक की गिनती एक अद्भुत कार्मिनेटिव एजेंट के रूप में होती है। अदरक अतिरिक्त गैस को बाहर निकालने में मदद करता है और आगे ज्यादा गैस बनने को रोकता भी है।

कैंसर से बचाता है

अदरक में महत्वपूर्ण गुणों में से एक है इसका कैंसर निवारक गुण। दरअसल, अदरक में मौजूद जिंजरोल यौगिक उसको एंटी-इंफ्लेमेटरी बनाता है। यही एंटी-इंफ्लेमेटरी कोलन में कैंसर की गतिविधियों को कम करने में भी मदद करता है। इस तरह की गतिविधियों से कोलन और मलाशय का कैंसर होता है। अदरक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को भी दुरुस्त करता है और इसे कई तरह से मदद करता है और यह सबसे महत्वपूर्ण लाभ है। हाल के अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अदरक डिम्बग्रंथि के कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है और आसपास के स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित किए बिना ट्यूमर को कम करता है।

पसीना बढ़ाता है

शरीर से पसीना निकलना सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है और अदरक शरीर से निकलने वाले पसीने को बढ़ाता है। दरअसल, पसीना निकलने से आपका शरीर डिटॉक्स होता है। यह आपके पोर्स को साफ करता है और साथ ही आपके शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। इसमें डर्मिसिडिन नामक एंटी-जर्म यौगिक भी होता है जिसे बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण को कम करने में प्रभावी माना जाता है। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से पसीना बहाता है उसकी त्वचा पर डर्मिसिडिन की एक सुरक्षात्मक परत विकसित हो जाती है।

यौन क्रिया को बढ़ाता है

सदियों से अदरक का उपयोग कामोत्तेजक के रूप में किया जाता रहा है। यह यौन इच्छाओं को जगाने और ऐसी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अच्छा काम करता है। इसकी सुगंध यौन संपर्क बनाने में मदद करती है। जैसे ही अदरक रक्त संचार को बढ़ाता है, यौन इच्छा बढ़ जाती है और इससे यौन गतिविधियों में वृद्धि होती है।

पीरियड क्रैम्प्स को कम करता है

अदरक प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन के स्तर को कम करता है। यह हार्मोन शरीर में रासायनिक प्र्रक्रिया के रूप में कार्य करता है और ऐंठन, दर्द, बुखार का कारण होता है। मासिक धर्म में ऐंठन भी इस प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन के कारण होती है। इसलिए अदरक को चबाने से पीरियड क्रैम्प को कम करने में मदद मिलती है।

मतली कम कर देता है

मतली आमतौर पर गर्भावस्था से जुड़ी एक समस्या है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए घुमावदार सड़कों पर यात्रा करना जो मोशन सिकनेस से पीड़ित हैं और कीमोथेरेपी से गुजरने वाले रोगी हैं। अदरक शरीर के कार्यों को विशेष रूप से आंत में शांत करता है। यह भोजन के अवशोषण की गति को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह बिना किसी साइड इफेक्ट के मतली के खिलाफ प्रभावी बनाता है।

अदरक के उपयोग

अदरक एक ऐसा मसाला है जिसका उपयोग लगभग सभी प्रकार के मसालों में किया जाता है। अपने स्वास्थ्य लाभों की वजह से यह विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है। अदरक को डैंड्रफ को कम करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। सर्दी-जुकाम, खाँसी ,खून की कमी, पथरी, लीवर वृद्धि, पीलिया, पेट के रोग, वाबासीर, अमाच्चय तथा वायु रोगीयों के लिये दवाओ के बनाने में भी अदरक का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा चटनी, जैली, सब्जियों, शर्बत, लड्डू, चाट आदि में कच्ची तथा सूखी अदरक का उपयोग किया जाता है।

आचार, चाय के अलावा कई व्यजंनों में कई चीजों में अदरक का इस्तेमाल खुशबू पैदा करने के लिए भी किया जाता है। कुछ लोग अदरक का प्रयोग सोंठ के रूप में करते हैं। साथ ही साथ अदरक का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी अदरक को उपयोग में लाया जाता है। इससे तेल, पेस्ट, पाउडर तथा क्रीम को बनाने में किया जाता हैं।

अलग-अलग व्यंजन के हिसाब से अरदक के इस्तेमाल का तरीका भी अलग-अलग होता है। कुछ लोग अदरक को काटकर इसका प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे क्रश करके प्रयोग करते हैं। लोग अदरक से रस निकालकर भी इसका इस्लेमाल करते हैं। इसके अलावा कुछ इसका पेस्ट भी बनाते हैं। हालांकि, इसको इस्तेमाल करने के ये तरीके इस बात पर निर्भर करता है कि इसका इस्तेमाल कहां किया जाना है।

अदरक के दुष्प्रभाव और एलर्जी

अदरक आम तौर पर एक सुरक्षित भोजन है लेकिन इसे अधिक मात्रा में लेने से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है, मुंह में जलन हो सकती है या दस्त भी शुरू हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं, पित्त पथरी या रक्त के थक्के जमने की समस्या वाले लोगों को अधिक मात्रा में अदरक लेने से बचना चाहिए। अगर आपको भी ऐसी समस्या होती है तो डॉक्टर से सुझाव लेना चाहिए।

अदरक की खेती

माना जाता है कि संभवतः अदरक की उत्पत्ति दक्षिणी और पूर्व एशिया में भारत या चीन में हुई।। इसी वजह से इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का मूल निवासी बताया जाता है। भारत और चीन प्राचीन काल से ही भोजन और औषधि में अदरक का उपयोग करते आ रहे हैं।अदरक मुख्य रूप से उष्ण क्षेत्र की फसल है। अदरक को कटाई के लिए परिपक्व होने में 8 से 10 महीने का समय लगता है। यह एक अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी और गर्म और नम जलवायु में सबसे अच्छा बढ़ता है।

भारत में लगभग 136 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में अदरक की खेती की जाती है जो उत्पादित अन्य मसालों में प्रमुख हैं। इसे विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए भी भारत का एक प्रमुख स्त्रोत माना जाता है। विश्व में उत्पादित अदरक का आधा भाग भारत पूरा करता हैं। भारत में हल्की अदरक की खेती मुख्यतः केरल, उडीसा, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा उत्तरॉचल प्रदेशों में मुख्य व्यवसायिक फसल के रूप में की जाती है। केरल देश में अदरक उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं ।

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Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
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