बवासीर (Piles) को आमतौर पर पाइल्स के रूप में जाना जाता है। यह पुरानी कब्ज़ और टाईट दस्त के कारण होता है। जब गुदा व मलाशय के नीचे के क्षेत्र में मौजूद नसों में सूजन और जलन होती है़ तब यह बवासीर या पाइल्स का रूप ले लेता है। बवासीर होने के कई कारण हैं।
सामान्यतः बवासीर के कारणों को जानना संभव नहीं होता है। पाइल्स होने का एक कारण मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाना भी है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों पर दबाव पड़ने के कारण तनाव हो जाता है। यह महिलाओं में बवासीर का कारण बनता है। बवासीर मलाशय के अंदर या गुदा के पास की त्वचा के नीचे हो सकता है।
चार में से हर तीसरा वयस्क आज इस परेशान से जूझ रहा है। आमतौर पर बवासीर किसी भी प्रकार के अन्य दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन सही समय पर इलाज नहीं करने पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। बवासीर दर्दनाक हो सकता है। हालांकि इसका डॉक्टरी इलाज संभव है। इसके अलावा घरेलू उपचार और जीवन शैली में बदलाव के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।
यह आमतौर पर मलाशय के अंदर पाया जाता है। यह गुदा की काफी गहराई में होता है इस वजह से कुछ मामलों में यह दिखाई नहीं देते। हालांकि आंतरिक बवासीर कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करते और समय के साथ ठीक हो जाते हैं।
यह मलाशय के ऊपर ठीक उसी जगह पर होता है जहां से मल बाहर निकलता है। अधिकांश मामलों में यह दिखाई नहीं देता जबकि कुछ मामलों में यह मलाशय की सतह पर गांठ की तरह दिखता है।
यह आंतरिक बवासीर में सूजन आने की स्थिति के कारण होता है। आंतरिक बवासीर में सूजन के कारण यह मलाशय से बाहर आ जाता है। इसमें बवासीर एक सूजन ग्रस्त गांठ की तरह या गुदा से बाहर की तरफ निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देता है।
यह बवासीर की सबसे आखिरी स्टेज होती है। इसमें खून के थक्के बनने लगते हैं। ये खून के थक्के आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के बवासीर में बन सकते हैं। इससे पीड़ित को काफी दर्द होता है।
एक्सटर्नल और इंटरनल बवासीर दोनों ही एक फुंसी की तरह दिखते हैं। इन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है। बवासीर आमतौर पर नीले रंग और रबड़ की तरह संरचना होती है। इसके कारण सूजी हुई नसों के अंदर ब्लड क्लॉट्स बनते हैं।
ग्रेड 4 हेमोराइड बवासीर की एक गंभीर स्थिति है। यह गुदा के बाहर फैलता है और मैन्युअली इसे वापस अंदर नहीं ढकेला जा सकता है। ग्रेड 4 बवासीर के लिए तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है। ये बवासीर प्रोलेप्सेड और स्थायी होते हैं। हालांकि नॉन-सर्जिकल इलाज के जरिए इसकी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। आमतौर पर ग्रेड 4 हेमोराइड के लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है।
जब कोई व्यक्ति बवासीर से पीड़ित होता है तो उसे निम्नलिखित लक्षणों और संकेतों का अनुभव हो सकता है। बवासीर के लक्षण हेमोराइड के प्रकार पर निर्भर करते हैं।
एक्सटर्नल बवासीर के लक्षण:
इंटरनल बवासीर के लक्षण:
थ्रोम्बोस्ड बवासीर के लक्षण:
एक्सटर्नल बवासीर को ठीक करने के लिए डॉक्टर आपके बट-सेंट्रिक ट्रेंच और मलाशय (रेक्टम) का टेस्ट करते हैं। इसे निम्न प्रकार की जांच के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
नॉन-सर्जिकल तरीके:
सर्जिकल तरीके:
छोटे बवासीर आमतौर पर थोड़े समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। जबकि बड़े और गंभीर बवासीर को ठीक होने में समय लग सकता है। इससे पीड़ित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि आहार में कुछ बदलाव करके और घरेलू उपचार की मदद से बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है। अगर लक्षण गंभीर हैं तो इसे डॉक्टरी इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है।
थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड, गुदा से बाहर निकलने वाले गहरे नीले रंग की गांठ जैसा दिखता है। ब्लड वेसल्स में सूजन के कारण इसके अंदर ब्लड क्लॉट्स बनने लगते हैं और बवासीर दिखाई देता है। नॉन-थ्रोम्बोस्ड बवासीर, छोटे रबरयुक्त गांठ की तरह दिखते हैं। यह आम तौर पर एक से अधिक होते हैं और एक साथ दिखाई देते हैं।
बवासीर के कारणों के बारे में हम ऊपर पढ़ चुके हैं। इनके अलावा कभी-कभी यह हमारे अधिक तनाव लेने के कारण भी हो सकता है। तनाव के कारण स्फिंक्टर की मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं जिससे रेक्टम पर दबाव पड़ता है। रेक्टम पर पड़ने वाले इस दबाव के कारण बवासीर की शिकायत हो सकती है।
थ्रोम्बस्ड बवासीर खून से भर जाने पर फट सकती है। फटने से पहले उनमें काफी दर्द होता है। यह एक प्रकार से इसके फटने से पहले का संकेत होता है। बवासीर के फटने के बाद आमतौर पर कुछ समय के लिए ब्लीडिंग होती है।
सर्जरी, बवासीर के दर्द का स्थायी समाधान है। इसमें दर्द कम होता है और गैर सर्जरी ट्रीटमेंट की तुलना में कम कठिनाइयां होती हैं। सामान्य तौर पर जब बवासीर का दर्द बढ़ जाता है और ब्लीडिंग होने लगती है तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी बवासीर के इलाज का एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है। वर्तमान समय में हर चार में से तीसरे वयस्क में बवासीर की समस्या देखने को मिलती है।
बाहरी बवासीर को ठीक करने के लिए डॉक्टर रबर बैंडेज का उपयोग करते हैं। बवासीर के कारण होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए एक्सटर्नल बवासीर के बेस के चारों ओर डॉक्टर एक रबर बैंडेज लगा देते हैं। यह रबर बैंडेज बवासीर को सुखाकर एक या दो सप्ताह में ठीक कर देती है। इसमें डॉक्टर को किसी भी प्रकार की सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती।