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उच्च कार्य डिप्रेशन और चिंता!

Written and reviewed by
MBBS, MD - Psychiatry
Psychiatrist, Mumbai  •  12 years experience
उच्च कार्य डिप्रेशन और चिंता!

डिप्रेशन को अक्सर अलगाव और ब्रूडिंग जैसा समझा जाता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है. बहुत से लोग वास्तव में इस स्थिति के सामान्य लक्षणों को दिखाए बिना डिप्रेशन से पीड़ित हो सकते हैं. इसलिए डिप्रेशन का यह रूप कई सालों तक अनजान रहता है. ऐसे मामलों को उच्च कार्यशील डिप्रेशन के रूप में जाना जाता है. इस स्थिति के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:

  1. खुशी व्यक्त करने में कठिनाई: हालांकि व्यक्ति सामान्य रूप से काम करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन उच्च-कार्यशील डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को खुशी जैसी भावनाओं को व्यक्त करने में मुश्किल होता है. इस तरह वह काम पर पदोन्नति, नए रिश्ते की शुरुआत या ऐसी किसी अन्य कार्य पर खुशी व्यक्त नहीं कर पाते है. ऐसे मामलों में, इन घटनाओं से एक व्यक्ति को जो खुशी मिलती है वह अस्थायी और मौन होती है.
  2. ऊर्जा का स्तर कम होना: डिप्रेशन के सामान्य रूपों से पीड़ित होने पर बिस्तर से बाहर निकलने में सक्षम नहीं होने के विपरीत, उच्च-कार्यशील डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति अपने सामान्य दिनचर्या का पालन कर सकता है. हालांकि, वे अक्सर खुद को उस ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं जो उनके पास सामान्य रूप से होता है और अपने सामान्य कार्यों में अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता महसूस करता है. इससे कार्यों को पूरा करने से प्राप्त संतुष्टि की मात्रा कम हो जाती है.
  3. आत्म-संदेह: आत्म-आलोचना कुछ हद तक अच्छा होता है. डिप्रेशन के इस रूप से पीड़ित व्यक्ति कभी भी अपने काम से संतुष्ट नहीं होता है. यहां तक कि जब उनके साथियों द्वारा या उनके काम के लिए एक पुरस्कार दिया जाता है, तो उन्हें लगता है कि यह प्रशंसा गुमराह करने जैसा है और इसको स्वीकार करने में परेशानी होती है. इस प्रकार, इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति अतिरिक्त वजन के साथ नदी के धारा के खिलाफ तैरता है.
  4. पदार्थों का दुरुपयोग: डिप्रेशन का यह रूप कई वर्षों तक बिना निदान के रहता है, इसलिए रोगी अक्सर निराशा में अल्कोहल और अन्य नशे की लत पदार्थों में पड़ जाते हैं. इससे निदान में देरी हो सकती है क्योंकि इस स्थिति के कई लक्षणों को पदार्थों के दुरुपयोग के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
  5. असफलता महसूस होना: इस स्थिति से बहुत से लोग पीड़ित महसूस करते हैं, क्योंकि वे लगातार समय बर्बाद करते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे एक दिन में कितना काम करते हैं. यह उन्हें निराशाजनक महसूस कर सकता है और लगातार नौकरियों में लगातार परिवर्तन करते है.

अच्छी खबर यह है कि डिप्रेशन ठीक हो सकता है. इसलिए यदि आपके या आपके आस-पास कोई व्यक्ति स्वयं को ऐसे लक्षणों का अनुभव करता है, तो डॉक्टर से बात करें. वैकल्पिक रूप से, आप अपनी मनोदशा को उठाने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव कर सकते हैं. सुबह में ध्यान करने की कोशिश करें या अपने दिन में कुछ हल्के व्यायाम करना चाहिए. हालांकि, यह संज्ञानात्मक थेरेपी और मनोवैज्ञानिक परामर्श को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप मनोचिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं.

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