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Last Updated: Apr 23, 2021
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गैस्ट्रिक के लिए घरेलू उपचार: प्रक्रिया, स्वास्थ्य लाभ, जोखिम और जटिलताएं

गैस्ट्रिक के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार क्या है? क्या गैस्ट्रिक के लिए उपचार के कोई दुष्प्रभाव हैं? उपाय के बाद के दिशानिर्देश क्या हैं? गैस्ट्रिक की समस्या ठीक होने या गैस्ट्रिक से छुटकारा पाने में कितना समय लगता है? क्या गैस्ट्रिक के घरेलू उपचार के परिणाम स्थायी हैं? क्या गैस्ट्रिक के लिए इन प्राकृतिक उपचारों को करने के लिए किसी प्रशिक्षण या विशेषज्ञ की आवश्यकता है?

गैस्ट्रिक के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार क्या है?

गैस्ट्रिक एक सामान्य समस्या है जो कई लोग अपने दैनिक जीवन में अनुभव करते हैं। यह अपच, एसिडिटी, मसालेदार भोजन या शराब के अत्यधिक सेवन और तनाव के कारण हो सकती है। कुछ आसान और सरल घरेलू उपचार आपकी गैस्ट्रिक समस्याओं से निपटने में मदद कर सकते हैं:

  1. नींबू का रस:

    बेकिंग सोडा के साथ नींबू का रस लेने से, गैस्ट्रिक समस्याओं से आपको आसानी से छुटकारा दिला सकता है। पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदें निचोड़ें और इसमें थोड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा मिलाएं। इसे तब तक हिलाएं जब तक कि यह ठीक से मिक्स न हो जाये और फिर इसे पी लें।

  2. लहसुन:

    लहसुन में कुछ हीलिंग गुण होते हैं जो आपके पेट में गैस्ट्रिक रस को उत्तेजित करने में मदद करते हैं, जिससे आपको गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत मिलती है। आप सूप में लहसुन डालकर खा सकते हैं या काली मिर्च और जीरा के साथ कुछ लहसुन की लौंग को उबाल सकते हैं। इस मिश्रण को रोजाना दो से तीन बार पिएं।

  3. सौंफ के बीज:

    सौंफ के बीज, ब्लोटिंग या पेट फूलने की समस्या से राहत पाने के बहुत अच्छे उपाय हैं। आप कुछ सौंफ़ बीज ले सकते हैं और गैस्ट्रिक दर्द से राहत पाने के लिए उन्हें चबा सकते हैं। एक अन्य विकल्प यह है कि उबले हुए पानी में कुछ सौंफ के बीज डालें और कुछ मिनटों के बाद इसे पी लें।

  4. नारियल पानी:

    नारियल पानी, आपके पाचन तंत्र को शांत करता है और गैस्ट्रिक समस्याओं से आपको राहत देता है। रोजाना नारियल पानी पीने से आपके शरीर को प्रोटीन मिलता है और आपकी स्थिति में सुधार होता है।

  5. लौंग:

    लौंग में औषधीय गुण होते हैं जो आपकी गैस्ट्रिक समस्याओं को प्रभावी रूप से कम कर सकते हैं। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्राव को बढ़ाती है और अपच और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं का इलाज करती है। सीधे लौंग के 1 या 2 टुकड़ों का सेवन करें और आपको इसके सकारात्मक परिणाम देखेंगे।

  6. इलायची:

    इलायची, रसोई का मसाला आपके पाचन को तेज करने में मदद कर सकता है, जिससे आपको एसिडिटी और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत मिलती है। आप खाना बनाते समय इलायची पाउडर को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं या बस एक दिन में दो या तीन बार चबा सकते हैं।

  7. तुलसी की पत्तियां:

    तुलसी के पत्तों में कुछ कार्मिनेटिव और सुखदायक गुण होते हैं जो गैस, एसिडिटी के साथ-साथ मतली से तुरंत राहत प्रदान करते हैं। अगर आप एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं तो तुलसी के कुछ ताजा पत्ते लें और उन्हें ठीक से चबाएं। आप इसे पानी में उबाल भी सकते हैं और यदि आप चाहें तो शहद मिला कर भी ले सकते हैं।

  8. पुदीना और कैमोमाइल चाय:

    पुदीना और कैमोमाइल चाय हर्बल चाय का एक रूप है जो अपच को रोकती है और मल त्याग को बढ़ावा देती है।

  9. अदरक:

    अदरक में, जिनजेरोल नामक एक यौगिक होता है जो मल त्याग को बढ़ावा देता है और अपच को रोकता है। अदरक को, कच्चे रूप में अपने आहार में या अदरक की चाय के रूप में लिया जा सकता है।

  10. धूम्रपान और शराब से बचें:

    धूम्रपान से गले में इर्रिटेशन होती है जिसके परिणामस्वरूप पेट खराब होता है। शराब को पचाना आसान नहीं है और इसका लिवर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यदि आप पेट की समस्या से पीड़ित हैं, तो धूम्रपान और शराब पीने से बचें।

  11. हींग:

    हींग में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हींग के इन गुणों के कारण ये आपके पेट या बॉवेल मूवमेंट से संबंधित किसी भी समस्या को ठीक करने में मदद करती है। आप अपने आहार में कच्ची हींग डालकर या इसको एड-इन करके इसका सेवन कर सकते हैं।

  12. अजवायन:

    अजवाइन में थायमिन नामक एक यौगिक होता है जो गैस्ट्रिक रस के स्राव को बढ़ावा देता है और अपच को रोकता है। यह गैस बनने से भी रोकती है।

  13. छाछ:

    छाछ, पेट में अतिरिक्त एसिड को बेअसर करती है और पेट की परत को बचाती है। यह गैस के निर्माण को भी रोकती है। छाछ प्रोबायोटिक्स के रूप में भी काम करती है और पेट में भोजन के पाचन में सुधार करती है।

सारांश: गैस्ट्रिक की समस्या एक सामान्य स्थिति है और यह हम में से अधिकांश के साथ होती है लेकिन अगर आप नियमित रूप से इससे पीड़ित हैं, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। गोलियां लेने के बजाय प्राकृतिक घरेलू उपचार के साथ इसे ठीक करना हमेशा अच्छा होता है, लेकिन यदि समस्या बनी रहती है तो अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

क्या गैस्ट्रिक के लिए उपचार के कोई दुष्प्रभाव हैं?

इन घरेलू उपचारों के संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं:

  1. अत्यधिक नींबू पानी का सेवन करने से, इसके एसिडिक कंटेंट के कारण आपके दांत का इनेमल नष्ट हो सकता है। इसके अलावा, यह आपके दांतों को संवेदनशील बना सकता है और गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर आपको असुविधा हो सकती है। नींबू पानी की अधिकता भी हार्टबर्न की समस्या हो सकती है।
  2. लहसुन का अगर अधिक में सेवन किया जाता है तो आपके मुंह और गले में जलन हो सकती है, मतली, दस्त या उल्टी हो सकती है।
  3. यदि आपको सौंफ से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकती है जिसमें होठों की सूजन, चकत्ते, पित्ती या सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
  4. नारियल पानी आपके रक्तचाप को कम कर सकता है।
  5. लौंग के अधिक सेवन से एलर्जिक रिएक्शन ट्रिगर हो सकती है, जिससे चकत्ते और पित्ती हो सकती है। इसमें एक ब्लड-थिंनिंग एजेंट भी होता है जो आपके रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  6. इलायची, पित्त पथरी वाले लोगों में ऐंठन के दर्द को ट्रिगर कर सकती है। इसके अत्यधिक सेवन से आपको मतली महसूस हो सकती है।
  7. हालांकि दुर्लभ, कुछ लोगों को तुलसी के पत्तों से एलर्जी हो सकती है। ऐसी स्थिति में, उनकी आँखों में खुजली हो सकती है, उल्टी, बहती नाक, पित्ती या आपके चेहरे पर धब्बे हो सकते हैं।
सारांश: प्रभावी होने के बावजूद, कुछ घरेलू उपचारों के कुछ दुष्प्रभाव होते हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं, इसलिए अपने घरेलू उपचार का चयन केवल तभी करें जब आप किसी विशेष पदार्थ के प्रति एलर्जिक या संवेदनशील न हों। अधिक मात्रा में किसी भी घरेलू उपचार का उपयोग न करें क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

उपाय के बाद के दिशानिर्देश क्या हैं?

उपाय के बाद के दिशानिर्देशों में शामिल हैं:

  1. मसालेदार, एसिडिक, वसायुक्त खाद्य पदार्थों से बचें जो गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। सोडा और अन्य कार्बोनेटेड पेय का सेवन कम करें।
  2. शराब का सेवन करने से बचें या मॉडरेशन में पियें।
  3. भोजन का उचित समय बनाए रखें और किसी भी समय का भोजन न छोड़े। इसके अलावा, भोजन करते समय जल्दबाजी न करें। अपने भोजन को ठीक से चबाएं और धीरे-धीरे खाएं।
  4. धूम्रपान छोड़ दें।
  5. खुद को ओवरस्ट्रेस न करें।
  6. विश्राम प्रदान करने वाली गतिविधियां करें जो आपको तनाव से राहत दे सकती हैं।
  7. सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं।
सारांश: दिशानिर्देशों का पालन करें। मसालेदार भोजन, धूम्रपान और शराब पीने से बचें। खूब पानी पिएं, तनाव से बचें, भोजन करते समय अपना भोजन ठीक से चबाएं।

गैस्ट्रिक की समस्या ठीक होने या गैस्ट्रिक से छुटकारा पाने में कितना समय लगता है?

एक बार जब आप अपनी जीवन शैली में बदलाव करते हैं और गैस्ट्रिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन घरेलू उपचारों का अभ्यास शुरू करते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपनी गैस्ट्रिक समस्याओं से छुटकारा पा लेंगे। आपकी स्थिति में सुधार देखने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है।

यदि आपकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो, तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि गैस्ट्रिक के लक्षण कुछ अन्य चिकित्सीय स्थिति जैसे कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), क्रोहन रोग या कुछ अन्य समस्या का परिणाम हो सकते हैं।

सारांश: गैस्ट्रिक समस्या से उबरने का समय आमतौर पर एक सप्ताह होता है। लेकिन अगर आपको कोई सुधार नहीं दिखता है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

क्या गैस्ट्रिक के घरेलू उपचार के परिणाम स्थायी हैं?

उचित उपचार और एक स्वस्थ जीवन शैली के साथ, आप स्थायी रूप से अपनी गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत पा सकते हैं। हालांकि, आपको याद रखना चाहिए कि अस्वास्थ्यकर आहार और जीवनशैली को दोबारा अपनाने से आपकी समस्याएं फिर से वापस आ सकती हैं।

सारांश: नहीं, यदि आप एक स्वस्थ आहार नहीं खाते हैं तो उपचार के परिणाम स्थायी नहीं हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें।

क्या गैस्ट्रिक के लिए इन प्राकृतिक उपचारों को करने के लिए किसी प्रशिक्षण या विशेषज्ञ की आवश्यकता है?

गैस्ट्रिक की समस्या से राहत पाने के लिए, इन प्राकृतिक घरेलू उपचारों के अभ्यास के लिए आपको किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। किसी भी भ्रम से बचने के लिए, यदि आपको कोई चिकित्सीय समस्या है तो नियमित रूप से कुछ भी करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं।

सारांश: नहीं, इन घरेलू उपचारों का उपयोग करने में आसान होने के कारण प्रशिक्षण या विशेषज्ञ सहायता की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर उन उपायों का पालन करने के बाद भी आपको कोई सुधार नहीं दिख रहा है, तो अपने डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है।
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