बाएं वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन (Left Ventricular Dysfunction) (या एलवीडी) (or LVD) हृदय रोग का एक प्रकार है, जो सीएचएफ (CHF) या पुरानी हृदय की बीमारी होती है और ये बीमारी मरीज़ के लिए घातक साबित हो सकती है। इस स्थिति का शीघ्र उपचार बहुत ज़रूरी है क्योंकि देरी रोगी के लिए घातक साबित हो सकती है। इस स्थिति का सबसे आम रूप या तो नुस्खे (prescription) या काउंटर दवाओं (counter drugs) का उपयोग है। एलवीडी (LVD) का इलाज करने के लिए आमतौर पर उपयोग की जाने वाली एकमात्र प्रक्रिया लोहा जलसेक (iron infusion) है। उपचार मे न केवल लक्षण प्रबंधन (symptom management) पर ध्यान केंद्रित करते हैं बल्कि इस स्थिति के उलट (reversal) भी करते हैं ताकि रोगी सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकें। बहुत दुर्लभ मामलों में, एलवीडी (LVD) के गंभीर मामलों के इलाज के लिए एक कॉर्नोर सर्जरी या मिट्रल वाल्व सर्जरी (cornoray surgery or a mitral valve surgery) की जा सकती है। हालांकि, यह बहुत दुर्लभ (rare) है और आमतौर पर इससे जुड़े जोखिमों (risks) के कारण इस सर्जरी का इस्तेमाल बहुत कम ही होता है। एलवीडी (LVD) के रोगियों के लिए दवाएं और औषधि-प्रयोग (medications) सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी उपचार इलाज का तरीका हैं।
अगर डॉक्टरों ने पता लगा लिया है कि मरीज़ एलवीडी (LVD) से पीड़ित है , तो रोगियों को ज्यादातर मौखिक दवाओं (oral drugs) द्वारा इलाज किया जायेगा । ये दवाएं न केवल एलवीडी (LVD) के इलाज में मदद करती हैं बल्कि दिल की खतरनाक बीमारी को दूर करने मे भी मदद करती हैं। इन दवाईओ की मदद से मरीज़ अस्पताल जाने की संभावनाओं को भी काफी कम कर सकते हैं। गोलियों को मौखिक (orally) रूप से लेने से पहले, मरीजों को ध्यान से दिए गए निर्देश पुस्तिका (instruction leaflet) को ध्यान से पढ़ना चाहिए और यदि उनके पास कोई सवाल है तो प्रश्न पूछना चाहिए। चिकित्सक (doctor) रोगी को रोजाना दो बार गोली खाने के लिए निर्देशित कर सकता है, जो डॉक्टर के सिफारिशों (recommends) के आधार पर भोजन के पहले या बाद में ली जा सकती है। ज्यादातर दवाएं या तो तरल या टैबलेट (liquid or tablet) रूप में उपलब्ध होती हैं। यदि रोगी तरल (liquid) रूप का फैसला करता है, तो वह इस्तेमाल से पहले बोतल को अच्छी तरह से हिला ले । आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में दीवान, कोरग, वलसार्टन (diovan, coreg, valsartan) आदि दवाएं आती हैं। लौह जलसेक (Iron infusion) भी एक उपचार विकल्प है। इस प्रक्रिया में लोहे ( iron) को रोगी को अनजाने में प्रशासित (intravenously) किया जाता है, एक ड्रिप (drip) की मदद से। मरीजों को इस प्रक्रिया (procedure) के लिए डॉक्टर के क्लिनिक पर जाना पड़ सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया (procedure) के लिए जाने से पहले, रोगियों को अपना भोजन और नियमित रूप से दवा लेना चाहिए, अगर चिकित्सक इसके लिए अनुमति देता है तो । यह प्रक्रिया (procedure) पूरी तरह दर्द रहित है।
हृदय रोगी जिनके पास सीएचएफ (CHF) के साथ या उसके बिना एलवीडी (LVD) है, उपचार प्रक्रियाओं (treatment process) यानी दवाओं और औषधि-प्रयोग (medications) और लौह (iron infusions) के लिए पात्र (eligible) हैं।
एलवीडी (LVD) रोगी जिनको दवाओं में कुछ रसायनों (chemicals) के उपयोग के लिए एलर्जी (allergic) हैं या जो यकृत रोग या निर्जलीकरण ( liver disease or dehydration) जैसी अन्य स्थितियों से ग्रस्त हैं, इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, एलवीडी (LVD) के बहुत गंभीर मामलों वाले मरीज़ लोहे के इन्फ्यूजन या मौखिक दवाओं ( iron infusions or oral medications) के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं।
दोनों मौखिक दवाओं (oral medications) के साथ-साथ एलवीडी (LVD) के लिए लौह जलसेक (iron infusions) के दुष्प्रभाव (side effects) होते हैं। मौखिक दवा (oral medications) के दुष्प्रभावों (side effects) में हल्के सिर, चक्कर आना, दस्त, उनींदापन और थकान (lightheadedness, dizziness, diarrhea, drowsiness and fatigue) शामिल है। लौह जलसेक (iron infusions) के दुष्प्रभाव (side effects) सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सांस की तकलीफ, चकत्ते, खुजली, और मतली और बदतर मामलों में, चेतना का सदमे और नुकसान (headaches, muscle and joint pain, shortness of breath, rashes, itching, and nausea and in worse cases, shock and loss of consciousness) होता है।
मरीजों को इसके सफल होने के लिए उपचार के बाद कुछ दिशानिर्देशों (guidelines) का पालन करना होगा। दवाओं के मामले में, रोगियों को ऐसा करने के बाद ड्राइव (drive) नहीं करना चाहिए क्योंकि उनको चक्कर आ सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें मशीनरी का उपयोग नहीं करना चाहिए या किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए जिसमे सतर्कता (alertness) की ज़रूरत होती है। मरीजों को उनके नमक सेवन के साथ-साथ अल्कोहल की खपत में कटौती करने की भी आवश्यकता होगी। जहां तक लोहे के इन्फ्यूजन ( iron infusions) का संबंध है, रोगियों को हर सत्र के बाद आराम करना चाहिए और पूरी तरह से भारी खाद्य पदार्थों (heavy foods) से बचना चाहिए। खुजली और चकत्ते से बचने के लिए उन्हें ढीले और आरामदायक कपड़े भी पहनना चाहिए।
एलवीडी (LVD) के रोगियों को ठीक होने में 3 महीने या 1 साल तक लग सकते हैं। इससे ठीक होना एलवीडी (LVD) की गंभीरता के साथ-साथ इलाज के प्रकार पर भी निर्भर करता है के मरीज़ को किस तरह का इलाज दिया जा रहा है।
एलवीडी (LVD) के लिए मौखिक दवा (oral medication) की कीमत 89 से रु 1500 रु तक हो सकती है और यह कीमत दवा के ब्रांड के साथ-साथ इसकी खुराक बदल सकती है। लौह जलसेक (Iron infusion) बहुत महंगा है और इसकी लागत 4 लाख रु। तक हो सकती है।
एलवीडी (LVD) के इलाज के लिए नियोजित उपचार विधियों ( treatment methods ) के परिणाम बिल्कुल स्थायी (permanent) नहीं हैं। वे इस स्थिति के प्रबंधन (management) में मदद करते हैं और एक महत्वपूर्ण सुधार (significant improvement) भी लाते हैं लेकिन वे इसे ठीक नहीं कर सकते हैं।
एलवीडी (LVD) के लिए दवाओं और लोहे के जलसेक (Iron infusion) का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला विकल्प सर्जरी (surgery) है। इनमें कोरोनरी बायपास सर्जरी और मिट्रल वाल्व सर्जरी (coronary bypass surgery and mitral valve surgery) शामिल है।