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मासिक धर्म दर्द - 5 योग आसन दिलाएगा दर्द से मुक्ति

Written and reviewed by
Dr. Jiva Ayurveda 91% (326 ratings)
BAMS
Ayurvedic Doctor, Kanpur  •  27 years experience
मासिक धर्म दर्द - 5 योग आसन दिलाएगा दर्द से मुक्ति

मासिक धर्म के दौरान सूजन, क्रैम्पिंग, सिरदर्द, मतली बहुत आम समस्या हैं, यह लक्षण महिलाएं अपने मासिक चक्र के दौरान सहन करती है. इस आवस्था में महिलाओं को नमक, मिठाई, कैफीन या शराब के लालसा होती है. मासिक धर्म क्रैंपिंग को रोकने और उनकी लालसा को पूरा करने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर भी गौर करना चाहिए.

  1. मासिक धर्म क्रैम्प पीरियड के दौरान एक बड़ी समस्या बन आकर सालमने आती है , क्योंकि यह गर्भाशय की दीवार से रक्त प्रवाह को निकासी में बाधित करती है. पेट दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पैर की ऐंठन जैसे आम समस्या इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं: अप नीचे दिये हुए कुछ योग तरीके से इसका उपचार कर सकते है.
  2. जानु सरसासन (सिर से घुटने के आगे की ओर झुकना): फर्श पर बैठने की मुद्रा में अपने पाइरर को आगे की ओर खिंचे. दाएं घुटने को 90 डिग्री कोण के बाहर से घुमाएं और बाएं जांघ पर दाएं पैर को दबाएं. अपने बाएं पिंडली या पैर पर खड़े हो, सांस लें, कूल्हों को कस लें, और पेट को पैर तक लेकर जाए. इसके बाद सांस छोड़े और रीढ़ की हड्डी को फैलाएं और छाती को चौड़ा करे. अंत में अपने पीठ को सीधा कर ले.
  3. पाससाना (नोस पॉज़): अपने दोनों पैर को जोड़कर पालथी मरने के मुद्रा में बैठ जाए. इसके बाद अपने कूल्हे को पैर की तरफ झुकाए. अगर किसी स्थिति में आपके पैर नीचे नहीं झुक सकते, तो एक तकिया की मदद भी ले सकते है. सांस खिंचे और आपके घुटने को एक तरफ मोड़े, साथ में अपने पेट को भी उसी तरफ मोड कर लेकर जाए. सांस छोडते हुए, अपने ऊपरी बाएं हाथ के पीछे अपने दाहिने पैर के बाहर स्पर्श करें और पैर को छूने के लिए बाएं निचले हाथ तक लेकर जाए.
  4. उस्ट्रसन (ऊंट मुद्रा): फर्श पर अपने घुटनों और कूल्हों को झुकाए. अपनी जांघों को अंदर घुमाएं और अपनी पिंडली और पैरों को फर्श पर मजबूती से दबाएं. अपने हाथ को कूल्हों पर दबाए. सांस लेते हुए अपनी छाती को उठाओ, और अपने कंधों को पसलियों की ओर दबाएं. सांस बहार छोड़े, को आगे लेकर जाए, क्योंकि आप शरीर को सालमने की और खींच कर पीछे की तरफ झुकते है. अपने कूल्हों के पीछे या ऊँची एड़ी के पीछे अपने हाथ रखें. यदि आप ऊँची एड़ी पर अपना हाथ डालते हैं, तो ऊँची एड़ी को ऊपर उठाने के लिए अपने पैर की उंगलियों को फर्श पर दबाए.
  5. सुपता पद्ंगुस्थसन (बड़े पैर की उंगलियों को झुकाव): पीठ के सहारे फर्श पर लेट जाए. इसके बाद सांस अंदर की और खिंचे, दाहिने घुटने को झुकाएं, और अंगूठे को दाहिने हाथ पकड़ कर रखे. अपने दाहिने घुटने को बाएं पैर को नीचे रखने के लिए ऊपरी बाएं जांघ के ऊपर अपना बाएं हाथ रखें.
  6. तौलिया हुक: सांस बहार छोड़ते हुए अपने पैर को जितना खिंच सकते है उतना खींचे. इसे आसान करने के लिए दाहिने पैर के चारों ओर लपेटने के लिए एक तौलिया या बेल्ट का भी उपयोग कर सकते हैं. सांस अंदर लेना; अपने सिर को दाहिने पैर की तरफ उठाओ और बाएं पैर को दबाए रखें. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप आयुर्वेद से परामर्श ले सकते हैं.

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