चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो लोगों को एडेस इजिप्ती नामक संक्रामक मच्छर के काटने से संचरित करती है. चिकनगुनिया संक्रमण अफ्रीका, दक्षिणपूर्व एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप और हिंद महासागर द्वीपों में सबसे अधिक प्रचलित है, जहां इन बीमारियों और कुछ प्रकोपों की विभिन्न घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में हुई हैं.
मनुष्य और विभिन्न जानवर चिकनगुनिया वायरस के लिए नियमित मेजबान होते हैं, जो उचित चिकित्सा देखभाल या समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो बहुत दर्दनाक हो सकता है. यह वायरस एडीस इजिप्ती या एडीस अल्बोपिक्टस नामक मादा मच्छर के काटने से लोगों में फैल जाता है. ये वही ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल मच्छर हैं, जो डेंगू वायरस फैलते हैं. यह मच्छर घर के आसपास रहते हैं और दिन के दौरान लोगो से कहते है. यह आपको शाम के शुरुआती घंटों या रात में काटते है. हैचिंग टाइम फ्रेम (बीमारी से बीमारी तक का समय) कहीं भी दो से 12 दिनों के बीच हो सकता है.
लक्षण: चिकनगुनिया संक्रमण निम्नलिखित लक्षणों से चित्रित होता है:
ज्यादातर लोग 7 से 10 दिनों के बाद बेहतर महसूस करना शुरू कर देता है लेकिन कुछ लोग लंबे समय तक दर्द से गुजरते है.
उपचार:
चूंकि इस वायरस में टीका या कोई विशेष दवा नहीं है, इसलिए मच्छरों से जितना संभव हो सके दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए. यात्रा करते समय खुद को ढंकना, खासकर शाम को इसे रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है.
To view more such exclusive content
Download Lybrate App Now
Get Add On ₹100 to consult India's best doctors