स्क्विंट ऐसी स्थिति है जब आंखों के गोले अलग दिशाओं में संकेत करते हैं इसे भेंगापन कहा जाता है. आमतौर पर आंखों के गोले पुतली के केंद्र की तरफ केंद्रित होते हैं. मगर जिन व्यक्तियों को भेंगापन की परेशानी होती है उन्हें एक जगह केंद्रित होकर देखने में दिक्कत आती है. भेंगापन में एक आंख सही तरीके से देखती है परंतु दूसरी आंख दूसरी दिशा पर देखती है. इस वजह से व्यक्ति को साफ चीजें नजर नहीं आती. इसका इलाज मुमकिन है. इसके इलाज की सफलता इसके जल्द से जल्द नजर आने पर और इलाज शुरू करने पर निर्भर करती है. भेंगापन के कई कारण हो सकते हैं और इसका मुख्य कारण आंखों की मांसपेशियों का कमजोर होना होता है. आंखों की मांसपेशियों के कमजोर होने से आंखों की पुतलियां लटकने लगती हैं. इसके अन्य कारण नसों का कमजोर होना या मोतियाबिंद होना या दिमाग के उससे का कमजोर होना जो आंखों की गतिविधियों को कंट्रोल करता है.
हल्के भेंगापन के लिए आंखों की ड्रॉप और चश्मा जैसे उपचार काफी हैं. व्यक्ति को दृष्टि के अपने क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक आंख पैच पहनना पड़ता है. सर्जरी आमतौर पर सबसे अच्छा विकल्प होता है और आंखों और दृष्टि के ध्यान को सही करने के लिए किया जा सकता है.
अगर आपका भेंगापन ना के बराबर है और आपकी आंखों की रोशनी पर इसका ज्यादा असर नहीं है तब आप चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं. दूसरा तरीका है आईपैड का इस्तेमाल करना है. इस तरह से मैं आप की एक आंख जिसमें भेंगापन ज्यादा है उसे आई पैच द्वारा कवर कर दिया जाता है और दूसरी आंख को वैसे ही छोड़ दिया जाता है. हालांकि यह बहुत ज्यादा समय लेता है इसलिए सबसे सकारत्मक उपचार आंखों की सर्जरी है. सर्जरी के दौरान आंखों की मांसपेशियां जो आंखों को घूमने में मदद करती हैं उन्हें ठीक किया जाता है इन मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है ताकि वह ढीले ना पड़े और आंखों को केंद्र पर फोकस करने में मदद करें. कुछ लोगों के लिए दोनों आंखों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है. सर्जरी से सौ फ़ीसदी भेंगापन सही हो सकता है. सर्जरी बच्चों पर भी की जा सकती है. वास्तविक में जितनी छोटी उम्र में यह सर्जरी की जाए उतनी ही सफल होती है क्योंकि मनुष्य की जब उम्र बढ़ती है तो उसकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और ऐसे में सर्जरी द्वारा और मांसपेशियों को मजबूती देने में दिक्कत आ सकती है. यह एक मामूली प्रकार की सर्जरी होती है और आम तौर पर सर्जरी के 1 दिन बाद चिकित्सालय से छुट्टी मिल सकती है.
बच्चो के लिए इसके बढ़े होने के बाद सर्जरी करना सुरक्षित है . चिकित्सा की पहली पसंद हमेशा चश्मे का उपयोग कर उपचार होना चाहिए.
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति और जिनके लिए शल्य चिकित्सा नहीं की जा सकती है, वे इलाज के लिए पात्र नहीं हैं. बच्चो के लिए उनके कुछ बढ़े होने के बाद सर्जरी करना सुरक्षित है . चिकित्सा की पहली पसंद हमेशा चश्मे का उपयोग कर उपचार होता है.
सर्जरी वाला उपचार काफी सुरक्षित है और इसके किसी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं है आपको थोड़ी आराम की जरूरत पड़ सकती है. इसमें कुछ घबराने वाली बात नहीं है बाद उपचार के बताए गए दिशा निर्देश सही प्रकार से पालन करना जरूरी होता है.
सर्जरी से ठीक होने तक आपको आराम करना होगा जो कुछ दिनों तक हो सकता है. शुरुआत में आपको 2 से 3 सप्ताह की अवधि के लिए चश्मा पहनना पड़ सकता है क्योंकि यह आपकी आंखों को गंदगी और धूल से बचा सकता है. इसके अलावा, आपको सीधे सूर्य की रोशनी को देखने से बचना होता है, और आपको कुछ हफ्तों तक तैरने से बचना होता है. आपको कुछ हफ्तों के लिए भारी और बड़े पैमाने पर काम करने से बचने पड़ सकता हैं, और आपको अपने डॉक्टर और आंख विशेषज्ञ के साथ नियमित जांच-पड़ताल करना होता है.
रिकवरी की अवधि बहुत कम होती है, और आप अगले दिन अपने घर वापस जा सकते हैं. एक सप्ताह के भीतर अपने दिनचर्या के अधिकांश काम करना शुरू कर सकते हैं. आपकी आंख की मांसपेशियों को सर्जरी के तुरंत बाद समायोजित किया जाता है और संक्रमण से बचाव के लिए आपको कुछ समय के लिए चश्मा पहनने की आवश्यकता हो सकती है. इसके अलावा, आपको जल्द ही अच्छी तरह से बेहतर होने के लिए धार्मिक रूप से उपचार के बाद की देखभाल से गुजरना होता है.
यह 50,000 रुपये से शुरू हो सकता है और प्रतिष्ठित क्लीनिकों में 1 लाख रुपये तक जा सकता है. इसके अलावा, उपचार के बाद दवाएं अतिरिक्त हो सकती हैं. यह सुनिश्चित करें कि जब आप क्लिनिक चुनते हैं तो अच्छी प्रतिष्ठा और आंख विशेषज्ञ के साथ क्लिनिक का चयन करें.
95% मामलों में, परिणाम स्थायी होते हैं और कुछ असामान्य मामलों में, यदि लक्षण को सही नहीं किया जाता है तो व्यक्ति को अतिरिक्त उपचार के लिए जाना पड़ सकता है. लेकिन आमतौर पर, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं और बेहतर हुई है और इनकी क्षमताओ मे इज़ाफ़ा होता है.
विकल्प के रूप में, आप प्रभावित आंखों में दृष्टि को सही करने के लिए चश्मे या आंखों के पैच का चयन कर सकते हैं. लेकिन इन उपचारों का उपयोग केवल मामूली मामलों में किया जाता है और यदि चश्मा का उपयोग करके आंखों में मांसपेशियों की ताकत बहुत कम होती है तो सलाह भी नहीं दी जाती है.