मंकीपॉक्स के भयावह खतरे के बीच, भारत को दुर्लभ '’टोमेटो फ्लू' के रूप में एक और झटका लगा है, जिसे टोमेटो फीवर' भी कहा जाता है। यह पहली बार भारत में इस साल मई में सामने आया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मामलों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
केरल और ओडिशा में अब तक टमाटर फ्लू के कुल 80 मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे आसपास के राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
टोमेटो फीवर का बढ़ना राज्य प्रशासन के लिए चिंता का प्रमुख कारण है क्योंकि यह 1 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों को संक्रमित कर रहा है।
जैसा कि यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, यहां हम आपको इसके हर एक पहलू को विस्तार से बताएंगे, जिससेआपको संक्रमण को समझने और रोकने की मदद मिलेगी। एक नज़र देखें:
टोमेटो फ्लू एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है, जो टमाटर की तरह दिखने वाले लाल रंग के चकत्ते के कारण आसानी से पता लगाया जा सकता है। यह त्वचा में जलन और डिहाइड्रेशन का कारण भी बनता है।
इस संक्रमण को 'टोमेटो फ्लू' नाम दिया गया क्योंकि यह टमाटर के समान लाल फफोले का कारण बनता है। विशेषज्ञों ने इसे हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के रूप में पहचाना है।
यह ज्यादातर बच्चों को प्रभावित कर रहा है क्योंकि वयस्कों के पास पहले से ही मजबूत इम्यून सिस्टम है जो वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त है।
सारांश: टोमेटो फ्लू एक दुर्लभ संक्रमण है जिसके कारण हाथ, पैर और नितंबों पर टमाटर जैसे लाल छाले हो जाते हैं। यह आमतौर पर बच्चों को उनकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण प्रभावित करता है।
सारांश: टोमेटो फ्लू के लक्षण भी किसी वायरल संक्रमण के लक्षणों के समान होते हैं जिसमें बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, उल्टी, शरीर में दर्द और दर्द भरा घाव शामिल हैं।
विशेषज्ञ अभी तक इस बीमारी के मुख्य कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। संक्रमण के कारणों को परिभाषित करने के लिए रिसर्च अभी भी जारी है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टोमैटो फ्लू केवल केरल के कोल्लम क्षेत्र में फैला है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने आसपास के क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है क्योंकि उचित कार्रवाई में देरी होने पर यह तेजी से फैल सकता है।
सारांश: रोग का मुख्य कारण अभी भी ज्ञात नहीं है लेकिन विशेषज्ञ स्वच्छता और साफ-सफाई के उचित उपाय करने का सुझाव देते हैं।
टोमेटो फ्लू और कोविड-19 दोनों के लक्षणों के बीच कुछ अस्वाभाविक समानताएं हैं, लेकिन वे किसी भी तरह से संबंधित नहीं हैं। ये लक्षण अन्य वायरल संक्रमणों में भी आम हैं।
कोविड-19 की तरह, टोमेटो फ्लू में भी इसके इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। यह एक ऐसी बीमारी है जहां डॉक्टर केवल लक्षणों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं जब तक कि संक्रमण गायब नहीं हो जाते हैं।
डॉक्टर टोमेटो फ्लू के रोगी के संपर्क में आने से बचने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। संक्रमित लोगों को पांच-सात दिनों तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
वर्तमान में, डॉक्टर टोमेटो फ्लू के इलाज के लिए चिकनगुनिया और डेंगू के लिए उपयोग किए जाने वाले उपचार का एक ही कोर्स कर रहे हैं, क्योंकि लक्षण बहुत समान हैं। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करें और रैशेज को ठीक करने के लिए गर्म पानी का स्पंज लें।
सारांश: टोमेटो फ्लू के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपाय नहीं है। डॉक्टर, हालांकि, लक्षणों में समानता के कारण चिकनगुनिया और डेंगू जैसी समान उपचार तरीकों का उपयोग कर रहे हैं।
चूंकि टोमेटो फ्लू के बारे में बहुत कम ठोस जानकारी उपलब्ध है, विशेषज्ञों ने किसी भी वायरल संक्रमण को रोकने के लिए सामान्य एहतियाती उपायों का पालन करने का सलाह दिया है। इन तरीकों में अपने आसपास के क्षेत्रों को ठीक से सेनिटाइज और हाइजीनिक रखना शामिल है।
इसके अलावा, संक्रमित रोगी को तब तक आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए जब तक कि लक्षण गायब न हो जाएं। अभिभावक को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवार के सदस्य भोजन साझा न करें, या संक्रमित बच्चे के खिलौनों या कपड़ों को न छुएं। बच्चे को भी फफोले को छूने या खरोंचने से मना करें।
सारांश: डॉक्टरों ने बीमारी को रोकने के लिए उचित स्वच्छता और साफ-सफाई के उपाय करने का सुझाव दिया है।
टोमेटो फ्लू या टोमेटो बुखार आम जनता के लिए एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है। यह मुख्य रूप से बच्चों को संक्रमित कर रहा है क्योंकि उनके पास मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली नहीं है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि जितना हो सके बच्चों को घर के अंदर रखें और बाहर जाने पर उन्हें सुरक्षात्मक मास्क और दस्ताने पहनाएं।