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बरसात के मौसम में फंगल संक्रमण का इलाज

Written and reviewed by
Dr. Arvind Kumar 91% (81 ratings)
MD - Dermatology, MBBS
Dermatologist,  •  25 years experience
बरसात के मौसम में फंगल संक्रमण का इलाज

हवा बरसात के मौसम के दौरान नमी के साथ संतृप्त होता है. इससे मौसम आर्द्र हो जाता है और बाकी सब कुछ डंप हो जाता है. यह बैक्टीरिया, वायरस और कवक के लिए आदर्श प्रजनन का मौसम बनाता है. सीजन की सामान्य समस्याएं जैसे कि पानी के प्रवेश से भी इस स्थिति में और गिरावट आती है. मॉनसून के दौरान विशेष रूप से फंगल संक्रमण के कारण त्वचा से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं.

यहां कुछ फंगल संक्रमण की सूची दी गई है और आपको उनके साथ कैसे निपटना चाहिए:

  1. एथलीट फूट: यह बीमारी तब होती है जब पैर लंबे समय तक गंदे पानी के संपर्क में आते हैं. त्वचा पस से भरे स्केली और खुजली पैच के साथ हरे रंग की हो जाती है. आप शोषक एंटी-बैक्टीरिया और एंटी-फंगल पाउडर का उपयोग कर इसका इलाज कर सकते हैं. सिरका या ब्लीच समाधान में अपने पैरों को भिगोना एथलीट फूट से राहत पाने में मददगार हो सकता है. अपने पैरों को हर समय सूखा रखना और जूते की एक अलग जोड़ी रखना भी सर्वोत्तम है.
  2. रिंगवॉर्म: रिंगवार्म संक्रमण आपकी गर्दन पर एक अंगूठी के आकार में होता है, आपके पैरों के तलवों पर, बगल में आदि. यह एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम के साथ इलाज किया जा सकता है. इसके अलावा संक्रमित क्षेत्र को खरोंचने या सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़े पहनने से बचें.
  3. टिनिया कैपिटिस: यह खोपड़ी या दाढ़ी पर एक फंगल संक्रमण है (जिसे खोपड़ी की रिंगवार्म भी कहा जाता है). इसका इलाज एंटी-फंगल शैम्पू का उपयोग करके किया जा सकता है. जिसमें सैलिसिलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं जो त्वचा पर पपड़ी पड़ना और संक्रमित कोशिकाओं को खोपड़ी से स्क्रब्स आदि.
  4. नाखून संक्रमण: नाखूनों के नीचे जमा होने वाली गंदगी और मिट्टी उंगलियों और पैर की अंगुली दोनों में फंगल संक्रमण का कारण बनती है. मानसून के दौरान आर्द्र मौसम के कारण, नाखूनों के नीचे पसीने का संचय भी इस तरह के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है. निवारक उपाय छोटे नाखूनों को रखना और नाखूनों के नीचे से गंदगी को हटाना है. एंटी-फंगल पाउडर भी इसके लिए एक उपाय है.
  5. एक्जिमा: यह एक पुरानी त्वचा की स्थिति है जहां खुजली और रक्तस्राव फफोले और पैच त्वचा पर दिखाई देते हैं. नमी के मौसम के कारण मॉनसून के दौरान यह रोग अक्सर बढ़ जाता है. त्वचा के प्रभावित क्षेत्रों पर नमक और मैग्नीशियम लगाने से इसका इलाज किया जा सकता है. नारियल का तेल खुजली और जलन की भावनाओं से राहत प्रदान करने में मदद करता है. इन संक्रमणों से आपकी त्वचा को सुरक्षित रखने का एक शानदार तरीका मानसून के मौसम के दौरान केवल नरम सूती कपड़े का उपयोग करना है. रेशम, साटन, पॉलिएस्टर इत्यादि जैसी सामग्री त्वचा को परेशान करती है और छिद्रों को सांस लेने की अनुमति नहीं देती है, इसलिए उन्हें टालना चाहिए.

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