टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever), बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। इसे आंतों का बुखार भी कहते हैं। यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया खाने और पीने की चीजों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें बीमार बना देता है। कुछ देशों में यह महामारी बनकर टूटा है। WHO के अनुसार, टाइफाइड का सबसे हालिया प्रकोप 2015 में युगांडा में हुआ था।
टाइफाइड बुखार के लक्षण नीचे दिए जा रहे हैं:
टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever) पेट से संबंधित बीमारी है। यह मुख्य रूप से साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा यह दूषित जल या भोजन के सेवन से भी होता है। टाइफाइड का बैक्टीरिया आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। इसका सही इलाज न होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है।
टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) का बैक्टीरिया जब एक बार शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो यह आंत में लगभग 1-3 सप्ताह तक रहता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे खून में रास्ता बनाते हुए अन्य टिश्यू और अंगों तक फैल जाता है। टाइफाइड रैश में छोटे गुलाबी स्पॉट्स होते हैं जिन्हें 'रोज स्पॉट्स' कहा जाता है। टाइफाइड (Typhoid) के बैक्टीरिया का शरीर में रहना इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह आपके शरीर में कैसे पहुंचा है। यह आमतौर पर 6 से 14 दिनों तक शरीर में रहता है जबकि इसके रहने की अधिकतम अवधि 30 दिन होती है।
टाइफाइड बुखार की जांच के निम्न तरीके नीचे दिए जा रहे हैं:
टाइफाइड बुखार से बचाव के बच्चों व वयस्कों के लिए टाइफाइड टीका लगाया जाता है। यह टीका भारतीय उपमहाद्वीप और एशिया, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ टाइफाइड प्रकोप से प्रभावित इलाकों के लोगों को लगाया जाता है। हालांकि टाइफाइड वैक्सीनेशन 100% प्रभावी नहीं है। यह दो वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को लगाई जा सकती है।
जैब साइट (इंजेक्शन लगने वाली जगह) पर सूजन के साथ दर्द और लालिमा
टाइफाइड वैक्सीन की डोज उसके लेने वाले प्रकार पर निर्भर करती है। इसे निम्न तरीकों से लिया जा सकता है।