Top Health Tips on Treating Animal Bite

Insect Bite And Stings - Homeopathic Medicines for it!

BHMS
Homeopathy Doctor, Pune
Insect Bite And Stings - Homeopathic Medicines for it!
Insect bites and stings ( bee, wasp, fire ant, mosquitoes, snakes ) can be painfully annoying. The stings are often accompanied by redness, swelling, pain and inflammation. Some of the stings and bites, if not treated timely, can prove to be fatal. The goodness of homeopathy is known to all.

There are excellent homeopathic medicines available for insect stings and bites:

Formica rufa: Stings from fire ants can be an awful experience. There is blistering and the affected area appears reddish. The sting results in an excruciating stinging pain. There is uncontrollable itching at the affected site. However, the sting does not result in much swelling. Formica Rufa is an effective homeopathic medicine to treat such stings.
Apis mellifica: Sometimes, insect bites or stings result in immediate swelling and inflammation at the site of the sting. The unbearable stinging pain is followed by itching. There is a burning sensation and the affected area appears red and hot. In extreme cases, there is considerable swelling of the throat and the mouth (the mucous membrane swells). Apis Mellifica is a powerful medicine providing immense relief. Since the sting site feels hot, a cold compression can be a good option.
Staphysagria: Do not lose sleep over mosquitoes and mosquito bites. Staphysagria is an excellent homeopathic option to deal with mosquito bites. The medicine serves dual purpose. It can be effectively used before (Prophylactic) as well as after the bite. Caladium Seguinum can also be used to treat mosquito and fly bites.
Ledum and lachesis: Ledum is the best homeopathic remedy against poisonous animal bites. When it comes to snake bites, nothing can be more helpful than Ledum. The area affected by the bite turns slightly bluish. The area feels cold and there is a pricking pain and inflammation. Sepsis from animal bite can also be prevented by Ledum.
Lachesis is equally helpful against snake bites and other poisonous insect bites. This medicine is recommended in case the injury site appears bluish purple. There may be a haemorrhage, with the blood appearing few shades darker (almost black in some cases).

Though Ledum and Lachesis provide great relief, getting medical assistance is still very important:

At times, an insect sting can leave a person traumatised. There may be a stinging pain with swelling and tingling. Aconitum Napellus is the best option to treat and deal with such situations.
Urtica Urens is helpful against allergic reactions resulting from insect bites and some foodstuffs (shellfish).
Histaminum is useful against insect bites and hay fever.
Cantharis provides relief from stings and bites resulting in inflammation and redness.
Most of the Homeopathic medicines provide almost instant relief from insect bites and stings.
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What are the initial (prodromal) symptoms of rabies?

C.S.C, D.C.H, M.B.B.S
Cardiologist, Alappuzha
What are the initial (prodromal) symptoms of rabies?
Pain or paresthesia at the site of the bite is well known as a diagnostically useful prodromal symptom occurring in one third to two thirds of cases. In Thailand, however, a specific type of paresthesia itching was the earliest symptom in >40% of cases. Itching occurred at the site of the healed bite wound or involved the whole bitten limb and was sometimes so intense as to provoke frenzied scratching and excoriation of the skin. The explanation for local paresthesia may be the multiplication of virus in the dorsal root ganglion of the sensory nerve supplying the area of the bite.
Pain behind the grafted eye was an early symptom in 3 of the 4 patients who developed rabies following corneal transplants.
Priapism with frequent spontaneous orgasms was the first symptom in one Thai patient.
Fever, malaise, nausea and vomiting.
The skin becomes sensitive to changes of temperature, especially air currents.
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कुत्ते के काटने का इलाज

BAMS
Ayurvedic Doctor, Lakhimpur Kheri
कुत्ते के काटने का इलाज
आमतौर पर कुत्ते को हम खतरनाक जानवर के रूप में नहीं देखते। लोग अपने घरों में इन्हें पालते हैं औऱ परिवार की तरह ही लाड प्यार से रखते हैं। पर कई बार हम इनके मूड को भांप नहीं पाते औऱ अनजाने में इन्हें उकसा देते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार कुत्ते के काटने जैसी घटना हो जाती है। कुत्ते के काटने को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।इसके लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। सबसे पहले आपको एंटी-टेटनस और एंटी-रेबीज शॉट लेने की आवश्यकता हो सकती है।हालांकि कुत्ते के काटने पर आप कुछ ऐसे घरेलू उपचारों की मदद भी ले सकते हैं जो आपको फायदा पहुंचाएंगे।

कुत्ते के काटने का इलाज
कुत्ते के काटने पर घाव के इलाज के लिए आप कई घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं।कई बार लोग इंजेक्शन के बाद की चिकित्सा के लिए डॉक्टर के पास न जाकर घर पर ही प्राकृतिक उपचार करना चाहते हैं। हालांकि, कुत्ते के काटने के 24 घंटे के भीतर इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य माना जाता है।तो आइए हम आपको बताते हैं कि कुत्ते के काटने पर सबसे पहले फर्स्ट एड के तौरपर आपको क्या कदम उठाने चाहिए।

घाव से खून बहने से रोकने के लिए कुत्ते द्वारा काटने के स्थान को साफ तौलिया से दबाए रखें
घाव के संक्रमण से बचाव के लिए एंटीसेप्टिक घोल से साफ करें औऱ एंटीबायोटिक मरहम लगाएं
समय पर एंटी-रेबीज या एंटी-टेटनस का इंजेक्शन लगवाएं और कुत्ते और घटना के बारे में सारी जानकारि डॉक्टर से साझा करें।
कुत्ते के काटने पर घरेलू उपचार
1. घाव को साफ करें
किसी भी चोट को साफ रखना आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कुत्ते के काटने के तुरंत बाद उसे साबुन और पानी से धोना चाहिए।या फिर किसी एंटीसेप्टिक से साफ करें। यह इसे हाइजीनिक रूप से सुरक्षित रखेगा और संक्रमण के जोखिम को कम करेगा

2. नीम और हल्दी का पेस्ट
कुत्ते के काटने पर नीम और हल्दी का पेस्ट लगाना बेहद कारगर नुस्खा माना जाता है। यह एक प्राकृतिक पेस्ट है जिसे आप चोट के लगने के ठीक बाद लगा सकते हैं। बस नीम के पत्तों और हल्दी को मिलाकर एक चिकना पेस्ट बना लें। इसे त्वचा के काटे हुए हिस्से पर लगाएं। नीम एक हीलिंग एजेंट है जिसका इस्तेमाल कई दवाओं में भी किया जाता है। दोनों जड़ी बूटियों में घाव को भरने वाले गुण होते हैं।

3. लहसुन
लहसुन में जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं जो कुत्ते के काटने पर संक्रमण रोकने में मदद कर सकते हैं। वास्तव में, यह आपकी इम्यूनिटी को भी बढ़ा सकता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए लहसुन को ब्लेंड करें और उसमें थोड़ा सा नारियल का तेल मिलाएं। फिर इसे कुत्ते के काटने के घाव पर लगाएं। इससे आपका घाव जल्दी ठीक होगा।

4. नींबू का रस
नींबू विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है जो कुत्ते के काटने के इलाज में भी सहायक हो सकता है। घाव को जल्दी ठीक करने और संक्रमण से बचाने के लिए आप घाव पर नींबू का रस लगा सकते हैं। यह थोड़ी देर के लिए जलन पैदा कर सकता है लेकिन ये जलन कुछ देर में ठीक हो जाएगी। और घाव भी बहुत जल्द भर जाएगा।

5. सरसों का तेल
कुत्ते के काटने की चोट को ठीक करने के लिए सरसों बहुत ही फायदेमंद इलाज है। काटे हुए स्थान पर सरसों का तेल लगाने से आप प्रभावी परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इसके रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण घाव को ठीक करने में मदद करेंगे।

6. जीरा
जीरे में बैक्टीरिया को खत्म करने और इम्युनिटी बढ़ाने की क्षमता होती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आप थोड़ा सा जीरा लें और उसमें पानी मिलाएं। इसका पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। कुत्ते के काटने के लिए यह एक उपयोगी उपाय साबित हो सकता है।

7. प्लानटेन पत्ते
केले के पत्तों या प्लानटेन पत्तों को कुत्ते के काटने पर इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इनमें एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। केले के पत्ते लगाने के लिए आपको उन्हें कुचलकर पानी में मिलाना है। अब इसमें थोड़ा बेंटोनाइट क्ले पाउडर मिला लें। इसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर कुत्ते के काटने से हुए घाव पर लगाएं। इसे सूखने दें। इस प्रक्रिया को बार बार दोहराने से आराम मिल सकता है। यह घाव में लगातार होने वाले दर्द और खुजली से भी राहत दे सकता है।

8. मनुका शहद
शुद्ध मनुका शहद में शक्तिशाली सूजन-रोधी गुण होते हैं। यह अक्सर त्वचा की देखभाल के लिए उपयोग किया जाता है क्योंकि यह घावों को ठीक कर सकता है और जीवाणु संक्रमण को रोक सकता है। इसलिए मनुका शहद कुत्ते के काटने के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचारों में से एक है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको बस 3 चम्मच मनुका शहद चाहिए। कुत्ते के काटने से हुए घाव को साफ कर के सुखाने के बाद उस पर शहद लगाएं। इसे कई घंटों तक लगा रहने दें।आप चाहें तो घाव को रूई औप पट्टी की मदद से लपेट दें।इसके लगातार इस्तेमाल से घाव ठीक हो सकता है।

9. नीम एसेंशियल ऑयल
कुत्ते के काटने पर नीम के एसंशियल ऑयल का का इस्तेमाल बहुत लाभकारी होता है। इसके उपयोग के लिए करने के लिए 2 बड़े चम्मच एलोवेरा या नारियल के तेल में नीम के एसंशियल ऑयल की 10 बूंदें मिलाएं। आप नीम के पत्तों को पीसकर एलोवेरा के साथ भी मिला सकते हैं। इस पेस्ट को घाव पर लगाएं और रात भर छोड़ दें। इसमें आप किसी भी वाहक तेल का उपयोग कर सकते हैं। एलोवेरा घाव को ठंडक प्रदान करेगा।

10. गोल्डनसील
प्राचीन समय से ही गोल्डनसील का उपयोग प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता रहा है। इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी शक्तियां एलर्जी और सूजन का भी इलाज कर सकती हैं। तो अगर आपको कुत्ते के काटने का इलाज करने की ज़रूरत है, तो गोल्डनसील का इस्तेमाल करें। आपको घाव पर गोल्डनसील का अर्क लगाने की सलाह दी जाती है। इसे लगाकर घाव को ड्रेसिंग से ढक दें और ठीक होने तक दिन में दो बार बदलें।

11. हींग पाउडर
अगर आप खून के थक्के जमने से परेशान हैं तो हींग पाउडर का इस्तेमाल करें। कुत्ते के काटने का यह घरेलू उपचार बैक्टीरिया को मारते हुए खून के थक्के बनने से रोकता है।

इसका इस्तेमाल करने के लिए 2 से 3 चम्मच हींग का पाउडर सीधे घाव पर छिड़कें। इसे लगाने के बाद घाव पर पट्टी लगा दें और रात भर छोड़ दें। काटने के ठीक होने तक इसे रोजाना दोहराएं। इसके प्रभावशाली उपचार गुण निश्चित रूप से आपके घाव में राहत देंगे।

12. लाल मिर्च
कुत्ते के काटने पर लाल मिर्च का इस्तेमाल करना एक सटीक नुस्खा माना जाता है। इसके लिए आपको लाल मिर्च का पाउडर लेना है। उसे थोड़े से सरसों के तेल में मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें।अब इस पेस्ट को घाव पर लगा दें। हालांकि घाव पर लगाने से पीड़ित व्यक्ति को तकलीफ ज़रूर होगी पर जानकार मानते हैं कि ये नुस्खा कुत्ते के काटने पर ज़हर फैलने से रोकता है।

13. अखरोट औऱ गिरी
माना जाता है कि कुत्ते के काटे हुए घाव पर अखरोट औऱ गिरी लगाने से भी काफी लाभ होता है। इसके लिए आप थोड़ा सा प्याज़ का रस लें औऱ उसमें थोड़ा अखरोट औऱ थोड़ी गिरी मिलाकर पेस्ट बना लें।अब इसे घाव पर लगाएं ।इसके सूख जाने पर घाव पर थोड़े से शहद में नमक मिलाकर लगाने की सलाह दी जाती है।इससे आपके घाव में काफी आराम मिलेगा।
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