दांतों का रुट कैनाल ट्रीटमेंट - RCT Of Teeth In Hindi!
हमारे दाँतों में तीन परतें होती हैं, इनमें से दो परतें सॉलिड होती हैं जो चबाने में सहायक होती हैं, जबकि तीसरी और निचली परत मुलायम होती है. दाँत का सबसे निचले नरम हिस्सा दाँत का पल्प होता है जो एक सोफ्ट टिश्यू है जिसमें नसें और छोटी ब्लड वेसल्स होती हैं. यह पल्प क्राउन के साथ-साथ रूट कैनाल में भी मौजूद होता है. रूट कैनाल एक ट्यूब होती है जो दाँतों के जड़ में मौजूद होती है. जब दाँतों के बाहरी दो परतें में बैक्टीरियल इन्फेक्शन या फ्रैक्चर हो जाती हैं, तो इससे आपके दाँत के पल्प में सूजन और इन्फेक्शन हो सकता है. पहलें डॉक्टर दाँतों में इन्फेक्शन होने पर दाँतों में धातु भरा जाता था या ज्यादा खराब होने पर दाँत निकाल दिया जाता था. लेकिन अब डॉक्टर आपको रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराने की सलाह देते हैं, जिसे आरसीटी के नाम से जाना जाता है. यह दाँतों में इन्फेक्शन से बचाने के लिए एक कारगर उपाय के रूप में सामने आया है.
इस आर्टिकल में आरसीटी के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी साझा की गयी है. आरसीटी क्या है, किन परिस्थितियों में यह होता है और कैसे किया जाता है इत्यादि.
रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) क्या है?
रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक ऐसा उपचार है जिसमे डैमेज या इन्फेक्टेड दाँतों को निकालने की जगह उसकी ट्रीटमेंट की जाती है. इस ट्रीटमेंट के दौरान दाँतों की जड़ से वेंस और पल्प को हटा दिया जाता है. इसके बाद दाँतों की जड़ से सफाई कर के उसे सील कर दिया जाता है.
अगर समय पर इंफ्केशन का निदान नहीं किया जाता है तो आपके दाँत के आस-पास के टिश्यू संक्रमित हो जाएंगे और जो बाद में दाँत को फोङा बन सकते हैं. रूट कैनाल शब्द दाँतों की जड़ के अंदर कैनाल की सफाई से संबंधित है.
रूट कैनाल ट्रीटमेंट क्यों किया जाता है-
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरुरत इसलिए होती है क्योंकि दाँत का इन्फेक्शन जबड़े की हड्डियों में भी फैल सकता है और रोगी की स्थिति और गंभीर हो जाती है. यदि आपके दाँतों में कैविटी हो गया है या दाँत की पल्प में इन्फेक्शन हो गया है तो ऐसी स्थिति में इन्फेक्शन को हटाने और रूट कैनाल को भरने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरुरत पड़ सकती है.
रूट कैनाल कैसे किया जाता है-
आरसीटी एक मल्टी स्टेज प्रकिया है जहां आपको डेंटिस्ट के पास एक ज्यादा बार जाने की जरुरत पड़ सकती है. ट्रीटमेंट शुरू करने से पहलें अपने डॉक्टर के साथ वर्तमान मेडिकल कंडीशन की जानकारी साझा करें. यह किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए किया जाता है. आपके रूट कैनाल ट्रीटमेंट की प्रक्रिया निम्नलिखित बताए गए है:
ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले दाँतों की एक्स-रे लेने की सलाह दी जा सकती है. ट्रीटमेंट शुरू करने से पहलें दांतों को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में दांत को ड्राई रखने और लिप्स से दूर रखने के लिए एक कॉटन के रोल या रबर की शीट का इस्तेमाल किया जाता है. इससे कैनाल की सफाई और भरते समय लार से बचाव के लिए सहायक होता है.
डेंटिस्ट आपके दांतों के पल्प तक पहुँचने के लिए एक दांत के सॉलिड टिश्यू के बिच में रस्ते बनाने के लिए डेंटिस्ट पानी के स्प्रे के साथ एक डिवाइस का भी इस्तेमाल करता है. इससे आपके क्राउन के सभी डैमेज हिस्से बाहर निकल आते है. साथ ही यह आपके दांतों के रूट की सभी रूट कैनाल तक पहुंचने में मदद करता करता है और इन्फेक्शन को गहराई से खत्म करता है.
रुट कैनाल के बाद कैपिंग-
रूट कैनाल ट्रीटमेंट के प्रक्रिया के बाद, दांतों पर कैपिंग की जरुरत पड़ सकती है. यदि आपके नेचुरल क्राउन को ज्यादा हानि नहीं पहुंचती है, तो आपका डेंटिस्ट नुकसान वाले हिस्से को फिल करने के लिए सामने वाले दांतों में दांत के रंग की फिलर वाली सामग्री का इस्तेमाल करते हैं और पीछे के दांतों में सिल्वर रंग की सामग्री का इस्तेमाल करते हैं.
रूट कैनाल ट्रीटमेंट के साइड इफेक्टस-
आमतौर पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं, हालाँकि कभी-कभी कुछ लोगों में साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है.
* आपके दांतों में लबें समय तक हल्के दर्द का अनुभव हो सकता है. यह उन परिस्थितियों में होता है जहाँ इन्फेक्शन पहलें जबड़े की हड्डियों में था.
* एक अन्य स्थिति में रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद इस्तेमाल की जाने वाली इंसेक्टिसाइड के खिलाफ बहुत एंटागोनिस्ट होता है. इसलिए, वे मरते नहीं है या लम्बे समय तक निष्क्रिय रहते है और एक समय के बाद दांत में इन्फेक्शन फिर से शुरू कर देते हैं.
ट्रीटमेंट के बाद दांतों की नियमित सफाई करें और समय पर समय अपने डेंटिस्ट से दांतों का चेकअप करवाते रहें.