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Last Updated: Jul 27, 2020
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Jaundice in Hindi - क्या होता है पीलिया?

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Dt. RadhikaDietitian/Nutritionist • 16 Years Exp.MBBS, M.Sc - Dietitics / Nutrition
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रक्त में बिलीरूबीन के बढ़ जाने से त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है, इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं। पीलिया से पीड़ित मरीज की पेशाब का रंग भी पीला नजर आता है। पीलिया साधारण बीमारी लग सकती है, मगर इसका सही समय पर इलाज ना हो तो ये बहुत भयंकर परिणाम देती है। ये लीवर से संबंपधित रोग है और इसमें मरीज की जान तक जा सकती है। नवजात शिशुओं में ये समस्या ज्यातर देखी जाती है लेकिन वयस्क भी इसके शिकार होते हैं।

क्यों होता है पीलिया - Jaundice in Hindi

बिलीरूबीन पीले रंग का पदार्थ होता है। ये रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो लिवर इनको रक्त से फिल्टर कर देता है। लेकिन लिवर में कुछ दिक्कत होने के चलते लिवर ये प्रक्रिया ठीक से नहीं कर पाता है और बिलीरूबीन बढ़ने लगता है। इसी के चलते हमारी त्वचा पीली नजर आने लगती है। वयस्कों में पीलिया कम ही होता है, यहां कुछ वजहें हैं जिनके चलते ये समस्या हो जाती है।

  1. हेपेटाइटिस
  2. पैंक्रियास का कैंसर
  3. बाइल डक्ट का बंद होना
  4. एल्कोहल से संबधी लिवर की बीमारी
  5. सड़क के किनारे, कटी, खुतली, दूषित वस्तुएं और गंदा पानी पीने से
  6. कुछ दवाओं के चलते भी ये समस्या हो सकती है।

इन लक्षणों से करें पहचान - Symptoms of Jaundice in Hindi

  1. बिलीरूबिन का स्तर खून में बढ़ने से, त्वचा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होने लगता है।
  2. फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देना- इसमें मरीज को ठंड लगती है, बुखार आता है, उल्टियां भी आने लगती हैं।
  3. लिवर की बीमारियों की तरह इसमें मितली आना, पेट दर्द, भूख न लगना और खाना न हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
  4. वजन घटना
  5. गाढ़ा/पीला पेशाब होना
  6. लगातार थकान महसूस करना

कराएं ये जांचें - Diagnosis of Jaundice in Hindi

ऊपर दिए गए लक्षणों के आधार पर अगर आपको शक है कि पीलिया हुआ है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर को मरीज की शारीरिक जांच से अंदाजा हो जाता है कि उसे पीलिया हो सकता है। खासकर आंखों और त्वचा के रंग से इसकी पहचान हो जाती है। इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर बिलीरूबिन टेस्ट, फुल ब्लड काउंट (एफबीसी) या कम्प्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) और हेपेटाइटिस ए, बी और सी के टेस्ट कराएं।

इन बातों का रखें ध्यान

  1. किसी भी बीमारी के दौरान सही खान-पान बेहद जरूरी है। पीलिया के दौरान नियमित भोजन और हल्कीफुल्की एक्सरसाइज की जा सकती है। हालांकिद स्थिति। ज्यादा खराब हो तो परहेज करें और पूरी तरह से आराम को तरजीह दें। इसके अलावा लिक्विड डाइट लें और फलों का जूस पीते रहें। संतरा, नींबू, नाशपती, अंगूर, गाजर,चुकंदर, आंवले का जूस फायदेमंद होता है।
  2. भारी खाना न खाएं। खाने की जगह दलिया खाना बेहतर रहेगा।
  3. नाश्ते में अंगूर ,सेवफल पपीता ,नाशपती को जगह दें।
  4. नारियल पानी भी इस दौरान काफी फायदेमंद होता है। इसे कम से कम दो बार लें।
  5. इसके अलावा खाने में उबली हुई पालक, मेथी ,गाजर , दो गेहूं की चपाती और एक गिलास छाछ लें।
  6. चिकनाई युक्त पदार्थ जैसे घी ,तेल , मक्खन ,मलाई कम से कम 15 दिन तक न खाएं। इसके बाद थौडी मात्रा में मक्खन या जेतून का तेल उपयोग कर सकते हैं।
  7. इस दौरान भोजन ऐसा होना चाहिए जिसमें पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन सी ,विटामिन ई और विटामिन बी काम्पलेक्स मौजूद हों। ठीक होने के बाद भी भोजन में लापरवाही न बरतें।

करें ये घरेलू उपाय - Home Remedies For Jaundice in Hindi

  1. प्याज पीलिया में काफी फायदेमंद होता है। प्याज छीलकर इसे बारीक काटें फिर पिसी हुई काली मिर्च, थोड़ा काला नमक और नींबू का रस डालकर हर रोज दिन में दो बार लें।
  2. पीलिया में गन्ने का रस काफी फायदा करता है लेकिन ध्यान रखें किये शुद्धता से बनाया गया हो।
  3. लहसुन की तीन,चार कलियां पीसकर दूध के साथ लेने से पीलिया से तुरंत आराम मिलता है और लि।वर भी मजबूत बनता है।
  4. मूली के हरे पत्ते पीलिया में बेहद फायदेमंद है। पत्ते पीसकर रस निकाल लें, फिर छानकर पिएं। इससे भूख बढ़ेगी और आंतें साफ होंगी।
  5. टमाटर का रस पीलिया में लाभकारी है। रस में थोड़ा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीएं। स्वास्थ्य सुधरने पर एक दो किलोमीटर घूमने जाएं और कुछ समय धूप में रहें। टमाटर का सूप भी ले सकते हैं।
  6. चने की दाल को रात में पानी में भिगोकर रखें सुबह इसे पानी से निकालकर गुण के साथ खाएं, राहत मिलेगी।

ये आजमाकर देखें

खाने वाला बंगला पान (खाने में थोड़ा तीखा लगता है) लेकर इस पान में चूना और कत्था लगाइए। अब इस पान में आक (आँकौड़ा, अकौना, मदार जामुनी फूल वाला) के दूध की 3-4 बूंद मिलाकर सुबह खा लें।

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