Naso Ki Kamzori ka ilaj - नसों की कमजोरी का इलाज
हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हमारी नसें होती हैं, जो हमारे शरीर में रक्त संचारित करती रहती है, जो हमें जिन्दा रहने के लिए बहुत अहम होता है। पर कई बार कुछ कारणों से ये कमजोर पड़ जाती हैं जिसकी वजह से हमें कई शरीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तो आइए दोस्तों आज हम जानेंगे इन नसों की कमज़ोरी के कारण और इससे निजात पाने के आसन घरेलू उपायों की।
दरसल शरीर का कोई भी हिस्सा जैसे पीठ, कमर, हाथ, गर्दन, लिंग आदि की नस के दबने से होने वाला दर्द काफी तकलीफदेय होता है। इसकी वजह से हम कोई भी काम सही ढंग से नही कर पाते। नसें हमारे शरीर मे मौजूद भिन्न- भिन्न अंगों से होकर गुजरती है और जब कोई अंग कमज़ोर पड़ता है तो सबसे पहले वहां की नसों पर इफ़ेक्ट पड़ता है। ऐसे ही यदि आपके लिंग की नसें कमज़ोर हो जाती है तो यह समस्या भी आपके लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है.
लिंग का नस कमज़ोर होना आजकल एक सामान्य समस्या बन गयी है. करीब 50 % युवा लिंग नसों की कमजोरी से परेशान है. तो इस लेख में हम विस्तारपूर्वक बात करंगे की आखिर लिंग की कमजोरी का कारण क्या है. कई बार हमारे शरीर की नसें गलत व्यायाम करने से या वज़न बढ़ने की वजह से या किसी अन्य वजहों के कारण दब जाती है और शरीर के उस हिस्से में दर्द होने लगता है। जिसकी वजह से हमारा रक्त उस अंग में नही पहुंच पाता, जिससे वह कमज़ोर पड़ने लगती हैं। ऐसे में हम इस समस्या का समाधान किसी अच्छे डॉक्टर की मदद से या खुद घर बैठे भी कर सकते है।
- ध्यान रहे नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करने की जानकारी आपको पूरी तरह से होना बेहद जरूरी है, क्योंकि नसें बहुत ही डेलिकेट होती है और गलत इलाज करने से इसे काफी नुकसान पहुंच सकता है।
- यदि आपके शरीर के किसी भी अंग की नसें कमज़ोर हो गई हों तो उसका घर बैठ इलाज करने से पहले इन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
- दबी हुई नस को जितना हो सके दबाना या मोड़ना टालें।
- यदि सूजन हो तो सूजन कम करने के लिए बर्फ और गर्म चीज़ों से बारी-बारी से मसाज करें।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
- आराम पाने के लिए ज्यादा दबाव न डालें हल्की मालिश ही करें।
- जितना हो सके सफेद या ब्राउन पट्टी की मदद से नस को एक जगह पर स्थिर रखें।
- हद से ज्यादा दर्द हो तो ही कोई दर्द निवारक दवा लें अथवा किसी भी तरह की दवा लेने से बचें।
नसों के कमजोर होने के लक्षण - Naso Ki Kamzori Ke Lakshan
- यदि आपके शरीर की नसें कमज़ोर हो गई हैं, तो इससे शरीर में होने वाले इफ़ेक्ट की पहचान करना जरूरी होता है जिससे सही इलाज करने में सहायता मिलती है।
- यदि आपकी याददास्त घटने लगे तो समझ लीजिये की आपकी नसें कमजोर पड़ने लगी हैं।
- चक्कर आना भी एक संकेत है कि आपकी नसें कमज़ोर है क्योंकि रक्त संचारित नही हो पा रहा।
- रक्त जब शरीर में सही ढंग से नही सर्क्युलेट होता तो आंखों के आगे उठने-बैठने के समय अंधेरा छाने लगता है।
- अपच होना भी एक संकेत है।
- अनिन्द्रा भी दर्शाता है आपके नसों की कमज़ोरी।
- हदय-स्पंदन
- शरीर में खून की कमी होना।
नसों की कमज़ोरी का इलाज - Naso Ki Kamzori Ka Ilaj
इनमें से कोई भी लक्षण जब शरीर में घटित होता है तो नसों में बहुत तेजी के साथ दर्द होने लगता है, जो परेशानी का सबब बन जाता है। तो अब जानते हैं नसों के दर्द को दूर करने के कुछ आसान घरेलू इलाज जिसे आप ठीक से फॉलो करेंगे तो यकीनन फायदा होगा।
1. पुदीने का तेल
यदि आपके नसों में बहुत दर्द होता है, तो दर्द से प्रभावित क्षेत्र में पुदीने के तेल से मालिश करें। इससे आपको नसों के दर्द से राहत मिलेगी।
2. सरसो का तेल
सरसों के तेल से नसों के दर्द से छुटकरा पाया जा सकता है। सरसों के तेल को गरम करके इससे मालिश करे। ऐसा करने से आपको निश्चित ही लाभ होगा।
3. लेवेंडर का फूल
लेवेंडर का फूल तथा सुइया को नहाने के पानी में मिला कर नहाएं ।
4. बेर की गुठलियां
नसों की कंजोरी को दूर करने के लिए आप बेर की गुठलियों को गुड़ के साथ खाएं जिससे की नसों में मज़बूती आएगी और शरीर बलवान बन जाता है।
5. गाय का दूध
नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए आप गाय के दूध के साथ मक्खन, मिश्री भी खा सकते है, जिससे काफी हद तक नसों की कमजोरी में आराम मिलता है।
6. किसमिस
किसमिस खाने की आदत डाल लें। यह शरीर में अन्य लाभ पहुंचाने के साथ ही नसों की कमजोरी का भी बेहतरीन इलाज है। पर हाँ इसका इस्तेमाल आप सर्दियों के मौसम में ही करने की कोशिश करें।
7. आयुर्वेद का साथ
अश्वगन्धा 100 ग्राम, सतावर 100 ग्राम, बाहीपत्र 100 ग्राम, इसबगोल की भूसी 100 ग्राम, तालमिश्री 400 ग्राम इस सबका एक मिश्रण बना ले और उस मिश्रण को सुबह व शाम को दूध के साथ लें। लगभग एक महीने के प्रयोग से ही शरीर की रक्त क्षमता बढ़ जाती है। और नशों में ताक़त आजाती है ।
8. व्यायाम
यदि आपकी नसों में बहुत दर्द होता है तो आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए जिससे नसों को बहुत लाभ होता है और इसमें पड़ी हुई गांठ भी धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।
9. भ्रस्तिका प्राणायाम
भ्रस्तिका प्राणायाम करने से भी नसों के रोगी को बहुत लाभ होता है। लाभ होता है इसलिए रोजाना यह प्राणायाम करें
10. अनुलोम विलोम
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से भी नसों में होने वाली दिक्कत को एक दम से दूर किया जा सकता है और बहुत दिनों तक करेंगे तो ये बीमारी जड़ से ख़त्म हो जाएगी।
11. मसाज का सहारा
नस में होने वाले दर्द पर दबाव डालने से तनाव को मुक्त करने और दर्द कम करने में मदद मिल सकती है। पूरे शरीर की मालिश करने से सभी मांसपेशियों की शिथिलता को बढाने में और साथ ही प्रभावित हिस्से को आराम देने में हेल्प मिलती हैं।
नसों की कमजोरी के घरेलू उपाय - Naso Ki Kamzori Ke Liye Gharelu Upchar
नसों की कमजोरी को मेडिकल टर्म में न्यूरोपैथी कहा जाता है, जो विभिन्न प्रकार के तंत्रिका विकारों को परिभाषित करती है। यह विकार आपके शरीर के एक या कई हिस्सों को प्रभावित कर नसों को कमजोर बना देता है। हालांकि, कुछ व्यक्तियों में यह समस्या अस्थाई हो सकती है, जबकि कुछ के लिए जीवन भर के दुख में शामिल हो सकती है।
नसों की कमजोरी का घरेलू उपाय है सेंधा नमक - Naso ki kamjori Ka Gharelu Upay Hai Sendha Namak
सेंधा नमक साधारण नमक के मुकाबले कई गुना ज्यादा फायदेमंद होता है। सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों और नसों के बीच के संतुलन को अच्छा बनाता है। इसमें मैग्निशियम और सल्फेट होता है जो इसके गुणों का मुख्य श्रोत होता है। सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक सामग्री में एक कप सेंधा नमक और एक बाल्टी पानी।
इस्तेमाल कैसे करें
सबसे पहले पानी में एक कप नमक मिलाएं, यदि आपको किसी एक हिस्से में दर्द हो रहा है तो उस हिस्से को 20 मिनट तक पानी में डालें। फिर इसके अलावा इस पानी में नहा भी सकते हैं। जब तक नस पुरी तरह से ठीक न हो जाए इस प्रक्रिया को दो दिन में एक बार कर सकते हैं।
नसों में कमजोरी का देसी इलाज अश्वगंधा - Ashwagandha Hai Naso Mein Kamjori ka Desi ilaj
अश्वगंधा से हमारे शरीर को गर्मी, शक्ति और ताकत मिलती है, जिससे नसों के काम करने की क्षमता में सुधार होता है। इसके पत्तों से ज्यादा इसके जड़ को आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। इसके जड़ में तत्रिका तंत्र को बेहतर बनाने वाले गुण पाए जाते है। इसमें आवश्यक सामग्री में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर और एक गिलास दूध या एक गिलास पानी।
इस्तेमाल कैसे करें
इसके पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर रोज रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद पिएं। लक्षणों को कम होने तक एक महिने तक इसका सेवन करें।
नसों की कमजोरी को करें कैमोमाइल-टी से दूर - Naso Ki Kamzori ko Karein Chamomile Tea Se Dur
कैमोमाइल टी सबसे हेल्दी पेय पदार्थों में से एक होता है और यह हर्बल टी में काफी लोकप्रिय भी माना जाता है। कैमोमाइल मूल रूप से एक जड़ी बूटी होती है जो फूल से ली जाती है। कैमोमाइल टी के फायदे के बारे में सभी को जानना चाहिए। कैमोमाइल टी बनाने के लिए पहले फूलों को सुखाया जाता हैं और फिर इन्हें गर्म पानी में भिगोया जाता है। इसमें आवश्यक सामग्री में एक-दो चम्मच सूखा कैमोमाइल, एक कप पानी, स्वाद के लिए शहद।
इस्तेमाल कैसे करें
एक कप पानी में सूखे कैमोमाइल को डालें और पांच मिनट के लिए उबालें। अब पानी को हल्का ठंडा होने दें और उसके स्वादा के अनुसार शहद मिलाएं। अब आपका चाय सर्व करने के लिए तैयार है। कैमोमाइल चाय रोजाना तीन से चार बार पिएं।
नसों की कमजोरी का इलाज है ग्रीन-टी - Naso Ki Kamjori ka ilaj hai Green Tea
वैसे तो ग्रीन टी के कई फायदे होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की यह हेल्दी तंत्रिका तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा होता। इसमें एल-थीनिन नाम का तत्व होता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, ग्रीन टी तनाव संबंधी विकारों से भी ठीक करने में मदद करती है। इसमें आवश्यक सामग्री में एक ग्रीन टी बैग, एक कप गर्म पानी और शहद।
इस्तेमाल कैसे करें
एक ग्रीन टी बैग लें और इसे पांच-दस मिनट तक एक कप गर्म पानी में डिप करें। उसके बाद पानी को थोड़ा ठंडा होने दें और स्वाद के अनुसार शहद मिलाएं। अब आपका ग्रीन टी तैयार है। आप हर रोज कम से कम तीन बार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
गर्म सिकाई नसों की कमजोरी का देसी नुस्खा - Naso Ki Kamjori ka Desi Nuskha hai Garam Sikai
दर्द और सूजन जैसे मामलों में गर्म सिकाई काफी आराम प्रदान करती है। इसी के इसका अनुभव भी काफी राहत भरा होता है। गर्म सिकाई नसों के दर्द को कम करता है और उन्हे मजबूती प्रदान करता है। हमारे शरीर के गर्म सिकाई से तंत्रीकाओं को काफी आराम मिलता है। गर्म सिकाई कई तरह से किया जा सकता है। इसमें आवश्यक सामग्री में एक बर्तन में गर्म पानी और कपड़ा या गर्म पट्टी लें।
इस्तेमाल कैसे करें
कपड़े को गर्म पानी में भीगोएं और कमजोर लगने वाले हिस्से पर लगाएं। आप कपड़े के जगह पर गर्म पट्टी भी ले सकते हैं। इसे 15 से 20 मिनट तक प्रयोग करें। इसके अलावा आप गर्म पानी के बदले तवे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले तवे को गर्म करना है, उस पर नम कपड़ा रखें फिर उससे कमजोरी वाले हिस्से की सिकाई करेंं। ज्यदा हिस्सों पर कमजोरी होने से आप गर्म पानी से स्नान भी कर सकते हैं। इस तरीके को दिन में एक बार ठीक होने तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
ठंडी सिकाई से दूर होती है नसों की कमजोरी - Thandi Sikai Se Dur Hoti Hai Naso Ki Kamjori
गर्म सिकाई के मामले में ठंडी सिकाई कम आराम देती है लेकिन यह नसों संबंधी दर्द को कम करने के लिए काफी असरदार होती है। यह त्वचा को सुन्न कर देने वाली प्रभाव उत्पन्न करती है जिससे दर्द से राहत मिलती है। आपको बतादें, की बर्फ एंटी-इंफलेमेटरी के रूप में काम करने के साथ सूजन को कम करती है। ठंडी सिकाई से नसे सुन्न तो जरूर होती है लेकिन यह नसों को मजबूत बनाती है। यदि किसी पर गर्म सिकाई का असर न हो तो वह ठंड सिकाई कर सकता है। इसमें आवश्यक सामग्री में बर्फ के छोटे टुकड़े और कपड़ा का प्रयोग किया जा सकता है।
इस्तेमाल कैसे करें
बर्फ और छोटे टुकड़े के साथ हम हम अपने नसों के कमजोरी को दूर कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को दिन में एक बार करने की सलाह दी जाती है।
नसों को मजबूत करने और ठीक करने के लिए आपको अपने दिनचर्या और जीवन में भी बदलाव लाना होता है। जैसे- अच्छा आहार लेना, उसमें फलों और सब्जियों को शामिल करना। रोज एक्सरसाइज करना भी हमें नसों के दर्द से छुटकारा दिला सकता है।