Testis Problems in Hindi - क्या होती है टेस्टिस की समस्या | Causes & Treatment For Testicular Pain in Hindi
इस धरती पर ईश्वर ने इंसान बनाए और उन्हें शक्ति दे दी कि वह खुद प्रजनन द्वारा अपनी जनसंख्या बढ़ाए। पुरुष और महिला दोनों के पास अपनी अपनी प्रजनन प्रणाली यानी अपना अपना रिप्रोडक्टिव सिस्टम है। और जब यह दोनों मिलते हैं तो जन्म होता है शिशु का। तो दोस्तों आज हम बात करेंगे पुरुषों के प्रजनन प्रणाली के एक सबसे अहम हिस्से के बारे में। जिसे हम अंडकोष यानी टेस्टिकल्स नाम से जानते हैं।
अंडकोष यानी टेस्टिस पुरुषों में पायी जाने वाली एक थैली है। ओवल आकार के 2 अंडकोष एक थैली के अंदर मौजूद होते हैं। अंडकोष लाखों छोटे-छोटे शुक्राणु कोशिकाएं यानी स्पर्म्स पैदा करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं। इसके अलावा ये टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन भी बनाते हैं, एक ऐसा हार्मोन जिसके कारण पुरुष शुक्राणु पैदा करते हैं। साथ ही टेस्टोस्टेरॉन मांसपेशियों और बालों के लिए जरूरी होता है। इसे मर्दाना हार्मोन भी कहते हैं। कई कारणों से टेस्टिस में दर्द होता है पर वह जानने से पहले हम यह जानेंगे कि टेस्टिकल दर्द (Testicular Pain) क्या है।
क्या है टेस्टिकुलर दर्द - Testicular Pain in Hindi
टेस्टिकुलर दर्द एक ऐसा दर्द है जो पुरुषों को एक या दोनों अंडकोष में होता है। इस दर्द की पैदावार कभी-कभार खुद टेस्टिकल्स से होती है, या कभी यह दर्द दूसरी स्थिति में भी उत्पन हो जाता है। जहाँ आपके अंडकोष की थैली में किसी प्रकार का तकलीफ होना या पेट में कोई तकलीफ होना, आपके टेस्टिकल्स के दर्द का कारण बन सकता हैं। टेस्टिकल्स में दर्द एक्यूट यानी काम समय के लिए या क्रोनिक यानी लंबे समय के लिए हो सकता है। वैसे तो कई सारे कारण होते हैं। टेस्टिकल्स में दर्द होने के पर यह जानना जरूरी है कि कुछ कारण ऐसे भी है जिनके होने पर तुरंत इलाज करवाना जरूरी है। नहीं तो आपका अंडकोष हमेशा के लिए खराब हो सकता है।
आइये जानते हैं किन कारणों से टेस्टिकल्स में दर्द हो सकता है - Reasons For Testicular Pain in Hindi
1. चोट लगना
अंडकोष बहुत अधिक संवेदनशील होता है, और आसानी से उनको नुकसान पहुंचा सकता है। यदि इसपर हल्का सा भी दबाव पड़ता है तो इसमें दर्द हो सकता है। पुरानी चोट भी इसका दर्द बाद में उभार सकती है।
2. इंगुइनल हर्निया
इसे ग्रोइन हर्निया के नाम से भी जाना जाता है। इसमें छोटी आंत का कुछ भाग आपके अंडकोष में आकर दर्द और सूजन पैदा करता है। यह हर्निया अक्सर भारी सामान उठाने के कारण होता है। जिम करते समय सही लंगोट पहने भारी वजन उठाते हैं बिना वह अक्सर हर्निया का शिकार हो जाते हैं।
3. तोरसिओं
इस स्थिति में आपकी स्पेर्मटिक कोर्ड मुड जाती है। जिसके कारण टेस्टिकल्स की ओर जाने वाला रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। यह बहुत तेज दर्द का कारण बनता है। समय रहते इसका इलाज न हो तो अंडकोष हमेशा के लिए खराब भी हो सकता है।
4. अधिवृषण यानी एपीडिड्यमिटिस की समस्या
अधिवृषण एक नली जैसी होती है जो की आपके दोनों टेस्टिकल्स के पीछे की ओर स्थित होती है। इसमें अधिवृषण में जलन होने लगती है और सूजन भी आने लगती है। एपीडिड्यमिस में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण, सेक्स द्वारा फैलने वाला संक्रमण जिसे हम STD के नाम से जानते है। एपीडिड्यमिटिस ज्यादातर 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है।
5. ओरचीटिस
इस रोग में आपके टेस्टिकल्स में जलन होने लगती है, जो की बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह जलन एक या दोनों अंडकोष में होती है और इसमें अंडकोष में सूजन और दर्द रहने लगता है। और यह ज्यादातर 45 या उससे बड़ी उम्र के पुरषों में अधिक देखने को मिलता है।
6. अन्य बीमारियां
पुरुष के अंडकोष में दर्द के लिए कई अन्य बीमारियां भी जिम्मेदार होती हैं। डाययबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण अंडकोष की नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, यह भी दर्द का प्रमुख कारण बनता है। इसके अलावा क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग भी अंडकोष में दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं।
दर्द में राहत के उपाय - Treatment of Testicular Pain in Hindi
1. आराम करें
अंडकोष में दर्द और सुजन से ग्रसित लोगों को डॉक्टर की सलाह पर बेड रेस्ट जरूर करें और कोई ऐसा काम न करें जिससे आपके अंडकोष पर दबाव पड़े।
2. बर्फ का इस्तेमाल
दर्द होने पर बर्फ काफी कारगर इलाज है। बर्फ का टुकड़ा रुमाल या तौलिए में लपेटकर दर्द वाली जगह पर हर दो घंटे में थोड़ी-थोड़ी देर के लिए लगाने से आराम मिलता है।
3. सही माप की लंगोट
हमेशा सही माप का अंडरवियर या लंगोट का इस्तेमाल करें। इससे अंडकोष को प्रयाप्त सहारा मिलता है और दर्द में राहत मिलती है।
4. वजन न उठाएं
यदि आपके अंडकोष में दर्द है तो ध्यान रखें कि कभी भी भारी भरकम बोझ न उठाएं और यदि जरुरी हो तो अपने घर वालों की मदद लें। इससे अंडकोष पर दबाव नहीं पड़ेगा और आराम मिलेगा।
5. चोट से बचना
चोट लगना एक बड़ा कारण है अंडकोष में दर्द या सूजन आने का। चोट कई प्रकार से लग सकती है। खेलों में चोट से बचने के लिए गार्ड या कप का इस्तेमाल करें और सपोर्टर जरुर पहनें।
6. सही समय पर इलाज
एपीडिड्यमिटिस, पथरी, और संक्रमण की स्तिथि में अपने डॉक्टर से जरुरी दर्द निवारक दवा और एंटीबायोटिक्स नियमित रूप से लें। इससे दर्द को कम करने में मदद मिलेगी।
7. सही आहार लें
कम कोलेस्ट्रॉल वाला खाना खाइए और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं इससे दर्द में आराम मिलेगा।
8. प्रोटेक्टिव सेक्स
STD एक बड़ा कारण है अंडकोष की बीमारी का। इसलिए हमेशा सुरखित यौन संबंध बनाएं।
9. आयुर्वेद का सहारा
आयुर्वेद एक बहुत कारगर जरिया है। किसी भी प्रकार की परेशानियों का समाधान पाने के लिए। आयुर्वेद के अनुसार हल्दी का लेप अंडकोष के बढ़ने यानि सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। इसी प्रकार टमाटर, सेंधा नमक और अदरक का सलाद के रूप में सेवन करने से भी फायदा होता है।
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