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Last Updated: Mar 29, 2020
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Vitamin E Benefits, Sources and Side Effects in Hindi - विटामिन ई के स्रोत, फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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विटामिन ई भी कई विटामिनों की तरह आवश्यक है. जो हमारे शरीर को स्वस्थ तंदुरुस्त बनाते हैं. यह कई बीमारियों को हमारे शरीर से दूर रखने का काम करती है. विटामिन कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाई जाती है. यदि आप विटामिन ई का सेवन करना चाहते हैं तो उसका सबसे बेहतर उपाय यह है. कि इसे किसी स्वस्थ आहार के माध्यम से ग्रहण किया किया जाए. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि विटामिन की अत्यधिक मात्रा का सेवन न किया जाए क्योंकि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है. आइए विटामिन के फायदे और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानें.
विटामिन ई के स्रोत
सभी मनुष्यों को स्वस्थ रखने और विभिन्न रोगों से दूर रखने के लिए आवश्यक विटामिन को हम कई आहारों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. विटामिन ई कई खाद्य पदार्थों में विद्यमान होता है. इस विटामिन को आप आहारों विभिन्न आहारों के माध्यम से ग्रहण करें जैसे मूंगफली, अखरोट, बादाम, वनस्पति तेल, कुसुम, गेहूं, सोयाबीन और सूरजमुखी आदि में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ ही सूरजमुखी के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक में भी विटामिन ई की मात्रा पाई जाती है.
विटामिन ई के फायदे
विटामिन ई हमारे शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने का काम करती है. यह उन्हें कई तरह के खतरों और जोखिमों से बचाती है. विटामिन-ई हमें कैंसर, भूलने की बीमारी, दिल से संबंधित बीमारियां और अन्य बीमारियों से भी बचाने का काम करती है. ये विटामिन ई के होने वाले प्रमुख फायदे हैं. विटामिन ई हमारी आंखों के लिए भी काफी उपयोगी है. विटामिन ई के फायदे के कारण हम मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से बच सकते हैं. विटामिन ई प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन में भी काम आता है. प्रोस्टाग्लैंडिन, रक्षा, प्रजनन मांसपेशियों में संकुचन के साथ ही मांसपेशियों में मरम्मत का काम सिस्टिक फाइब्रोसिस और जिगर के पित्त तथा पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है.
विटामिन ई के नुकसान
हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विटामिन ई की आवश्यकता से अधिक मात्रा हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है. आवश्यकता से अधिक मात्रा में लेने पर यह शरीर में जमा होने लगती है. क्योंकि यह वसा में घुलनशील है. ये मूत्र पथ के माध्यम से शरीर से निकाला नहीं जा सकता है. धीरे-धीरे यह विशाल स्तर तक जमा हो जाती है. खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन विकास एवं सामान्य है. लेकिन जब पूरक आहार के माध्यम से ले लेते हैं तो यह कई परेशानियों का कारण बन सकती है. विटामिन ई की अधिकता से उत्पन्न होने वाली परेशानियों में खून का पतला होना और थकान जैसी लक्षण दिखाई देते हैं. विटामिन ई की कमी के कारण भी आपको कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि एनीमिया एनीमिया, कंकाल मायोपथी, गतिभंग, परिधीय न्युरोपटी, रेटिनोपैथी, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और तंत्रिका क्षति की हानि के संकेत विटामिन ई की कमी दिखलाता है. इसलिए जब भी विटामिन ई का सेवन करना हो तो किसी विशेषज्ञ के निगरानी में ही करें. ताकि आपको किसी तरह के परेशानी का सामना न करना पड़े.

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