पेट की मांसपेशियां (एब्डोमिनल मसल्स) वो होती हैं जिनसे मिलकर पेट की दीवारें बनती हैं। पेट, छाती और पेल्विस (श्रोणि) को जोड़ने वाले ट्रंक का हिस्सा होता है। एब्डोमिनल वाल यानि की पेट की दीवार त्वचा, फस्किया (प्रावरणी) और मांसपेशियों से बनी होती है और एब्डोमिनल कैविटी (उदर गुहा) और आंत को कवर करती है।
पेट की मांसपेशियां (एब्डोमिनल मसल्स), मांसपेशियों के मजबूत बैंड का एक सेट होती हैं जो पेट की दीवारों को अस्तर प्रदान करती हैं। वे शरीर के सामने, पसलियों और पेल्विस के बीच स्थित होती हैं।
पेट में पाँच मुख्य मांसपेशियां होती हैं:
पेट की मांसपेशियां शरीर के बीच वाले भाग(ट्रंक) को सपोर्ट करती हैं, उसको मूव होने में मदद करती हैं, अंगों को उनकी जगह पर स्थिर रखती हैं, और फैलने योग्य होती हैं।
पेट की गहरी मांसपेशियां, आंतरिक पीठ की मांसपेशियों (इन्ट्रिंसिक बैक मसल्स) के साथ मिलकर कोर मांसपेशियां को बनाती हैं और शरीर को स्थिर और संतुलित रखने में मदद करती हैं, और रीढ़ की रक्षा करती हैं।
अत्यधिक खिंचाव, पेट की मांसपेशियों का अति प्रयोग या खेल खेलते समय अनुचित तकनीक का इस्तेमाल जिसमें दौड़ना, मुड़ना और कूदना, भारी वस्तुओं को उठाना, हंसना, खांसना या छींकना शामिल है, ये सब पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण हो सकते हैं।
पेट की मांसपेशियां व्यक्ति के शरीर के कोर का हिस्सा होती हैं, जिसमें पीठ और ग्लूट की मांसपेशियां भी शामिल होती हैं। ये सब मांसपेशियां मिलकर, रीढ़ को स्थिरता और गतिशीलता प्रदान करती हैं और साथ ही पेल्विस को भी सहारा देती हैं।
पेट की मांसपेशियां पोस्चर बनाये रखने में मदद करती हैं और साथ ही रीढ़ की हड्डी को भी सहारा देती हैं।
पेट की मांसपेशियों में तनाव के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं: