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Last Updated: Jun 27, 2023
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एसिडिटी - लक्षण, उपचार और कारण | Acidity in Hindi

एसिडिटी के बारे में एसिडिटी का क्या कारण है? एसिडिटी और गैस में अंतर एसिडिटी के शुरुआती लक्षण एसिडिटी के लिए मानक सावधानियां एसिडिटी का निदान एसिडिटी का सबसे असरदार इलाज उपचार के लिए कौन योग्य है उपचार के बाद दिशानिर्देश एसिडिटी उपचार के दुष्प्रभाव स्वास्थ्य लाभ एसिडिटी कम करने के प्राकृतिक तरीके एसिडिटी में क्या खाना चाहिए एसिडिटी में क्या नहीं खाना चाहिए कौन से खाद्य पदार्थ एसिडिटी को कम करते हैं भारत में एसिडिटी उपचार की कीमत

एसिडिटी क्या है - Acidity in Hindi

एसिडिटी एक मेडिकल कंडीशन है जो एसिड के अधिक उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है। एसिडिटी के कारण पेट में अल्सर, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्न और अपच जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब का सेवन, धूम्रपान, तनाव, फैड आहार और खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। जो लोग मांसाहारी, मसालेदार और तैलीय भोजन का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें एसिडिटी होने का खतरा अधिक होता है।

एनएसएआईडी (नॉन स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं) जैसी बहुत सी दवाएं भी गैस्ट्रिक एसिडिटी का कारण हो सकती है। हैवी भोजन करने के बाद जलन होना, एसिडिटी की पहचान होती है। एसिडिटी के कारण लोगों में अपच और कब्ज की समस्या होना आम है बात।

इसे घरेलू नुस्खों या एंटासिड का सेवन करके ठीक किया जा सकता है। एंडोस्पर्म नामक एक तकनीक एसिड रिफ्लक्स से अत्यधिक राहत प्रदान करती है। एसिडिटी के सामान्य लक्षणों में अपच, जी मिचलाना, मुंह में खट्टा स्वाद, कब्ज, बेचैनी और पेट व गले में जलन शामिल है।

एसिडिटी से आपके शरीर में क्या होता है?

एसिडिटी या एसिडोसिस से शरीर में पीएच असंतुलन होता है, यह आमतौर पर तब होता है जब किडनी और फेफड़े शरीर से अतिरिक्त एसिड को निकालने में असमर्थ होते हैं। इस प्रकार यह एसिडिटी का कारण बनता है।

एसिडिटी का क्या कारण है?

पाचन में मदद के लिए पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है। एसिड के संक्षारक (करोसिव) प्रभाव, प्रोस्टाग्लैंडीन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर (म्यूकस लाइनिंग) में स्रावित होते हैं। यह पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है और एसिडिटी का कारण बनता है।

एसिडिटी के अन्य कारण निम्न हैं:

  • मांसाहारी और मसालेदार भोजन का सेवन करना।
  • अत्यधिक तनाव।
  • बहुत अधिक शराब का सेवन करना।
  • बार-बार धूम्रपान करना
  • पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट के विकार।
  • एनएसएआईडी (नॉन स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं) जैसी दवाएं।

एसिडिटी कैसे होती है?

एसिडिटी तब होती है जब पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां अधिक मात्रा में एसिड का उत्पादन करती हैं और किडनी इससे छुटकारा पाने में असमर्थ होती हैं। यह आमतौर पर हार्टबर्न, रिफ्लक्स और अपच के कारण होता है। आमतौर पर एसिडिटी अधिक मसालेदार भोजन, कॉफी, अधिक मात्रा में भोजन करना और कम फाइबर युक्त भोजन करने के कारण होती है।

एसिडिटी का खतरा किसे होता है?

जिन लोगों को एसिडिटी होने का खतरा होता है वे हैं:

  • भारी भोजन करने वाले
  • मोटापा से ग्रस्त लोग
  • सोते समय आहार करने वाले
  • बहुत अधिक कॉफी का सेवन करने वाले

क्या एसिडिटी अपने आप दूर हो सकती है?

एसिडिटी, जिसे आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गैस्ट्रिक एसिड वापस अन्नप्रणाली (एसोफैगस) में चला जाता है। यदि कभी-कभी ऐसा होता है तो एसिडिटी का होना काफी सामान्य है, लेकिन एसिडिटी बार-बार होती है तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है। एसिडिटी एक क्रोनिक स्थिति हो सकती है और उस स्थिति में यह अपने आप दूर नहीं होती है। प्रारंभिक उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक हो जाता है, अन्यथा इससे ओसोफैगस में अल्सर, स्ट्रिक्टर्स और सूजन जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।

आपके शरीर में बहुत अधिक एसिड का क्या कारण है?

एसिडिटी दो प्रकार की होती है:

  • रेस्पिरेटरी एसिडोसिस: एसिडिटी की यह स्थिति तब निर्मित होती है जब शरीर में CO2 का स्तर अधिक होता है। अस्थमा, छाती में चोट लगना, मोटापा, सिडेटिव, शराब का अधिक सेवन, मांसपेशियों की कमजोरी, छाती की विकृत संरचना जैसी पुरानी वायुमार्ग स्थितियों के कारण एसिडिटी हो सकती है।
  • मेटाबोलिक एसिडोसिस: यह स्थिति तब होती है जब शरीर में बनने वाले अतिरिक्त एसिड को निकालने में किडनी असमर्थ होती है और शरीर में बहुत अधिक लैक्टिक एसिड हो जाता है।

एसिडिटी और गैस में क्या अंतर है? Difference between acidity and gas?

एसिडिटी और गैस में अंतर है:

  • एसिडिटी: एसिडिटी वह स्थिति है जिसमें शरीर पाचन के लिए आवश्यक मात्रा से अधिक एसिड का उत्पादन करता है। एसिडिटी आमतौर पर हार्टबर्न के साथ होती है।
  • गैस: गैस, कोलन में बनती है और यह पाचन में सहायक होती है। एक औसत व्यक्ति दिन में लगभग 20 बार मलाशय या मुंह से गैस छोड़ता है। हालांकि, जब हैवी भोजन या मसालेदार भोजन के कारण गैस का अतिरिक्त उत्पादन होता है तो यह पेट में फंस जाती है। गैस की समस्या हल्के से लेकर चरम स्तर तक हो सकती है। कभी-कभी यह पेट दर्द का कारण बन सकती है।

एसिडिटी के शुरुआती लक्षण क्या हैं - Symptoms of Acidity

  • हार्टबर्न: इस स्थिति में पेट से लेकर सीने और गले तक जलन जैसा दर्द या बेचैनी हो सकती है।
  • रेगुर्गिटेशन: इस स्थिति में कड़वा या खट्टा स्वाद वाला एसिड वापस गले या मुंह में चला जाता है। इससे कुछ जगहों में घाव हो सकता है।
  • अन्य लक्षण: इस स्थिति में पेट में सूजन, रक्तगुल्म (हेमाटेमेसिस), खूनी या काले रंग का मल, बार-बार डकार आना, निगलने में परेशानी, लगातार हिचकी आना, जी मिचलाना, उल्टी, हमेशा पेट भरा हुआ महसूस होना, गले में खराश, लगातार सूखी खांसी, बेचैनी, अपच और अप्रत्याशित वजन घटना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

एसिडिटी के लिए मानक सावधानियां क्या हैं? Standard precautions for acidity

एसिडिटी को रोकने के लिए कई तरीकों का पालन किया जा सकता है:

  1. रिफ्लक्स पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: अधिक मसालेदार भोजन, कॉफी, कार्बोनेटेड पेय, अम्लीय और वसायुक्त भोजन न करें।
  2. भोजन को विभाजित करें: अपने आहार की एक समय सीमा निर्धारित करें। जरूरी नहीं की आप दिन में तीन बार भोजन करें। इसे पांच छोटे-छोटे भागों में विभाजित कर दबाव और रिफ्लक्स से बचा जा सकता है।
  3. खाने के बाद न लेटें: खाने के बाद सीधे बिस्तर पर न जाएं। इससे भोजन वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित हो सकता है। ऐसे में बिस्तर में जाने से पहले कम से कम 2 घंटे का ब्रेक जरूर लें।
  4. खाद्य पदार्थों टालना: कुछ हफ्तों के लिए एसिडिटी ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों को लेने से बचें।
  5. वजन कम करें: अत्यधिक वसा पेट के क्षेत्र पर दबाव डालता है और गैस्ट्रिक एसिड को अन्नप्रणाली में धकेलता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करने की कोशिश करें। इससे एसिडिटी कम करने में मदद मिलती है।
  6. दवाओं से बचें: कुछ ओटीसी दवाएं जैसे इबुप्रोफेन, पेरासिटामोल एसिडिटी का कारण बन सकती हैं। अन्य प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं जैसे एंटीकोलिनर्जिक्स, डोपामाइन जैसी दवाएं, थियोफिलाइन, सिडेटिव्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और बीटा-ब्लॉकर एसिडिटी विकसित करती हैं। ऐसे में इन दवाओं के सेवन से बचना चाहिए।
  7. ढीले कपड़े पहने: कमर और पेट के क्षेत्र में ढीले कपड़े पहनने की कोशिश करें। इससे क्षेत्रों के आसपास तनाव कम हो सकता है।

क्या मुझे एसिडिटी के लिए तत्काल देखभाल के लिए जाना चाहिए?

एसिड रिफ्लक्स के कारण पेट में कई प्रकार की परेशानी होती है। ऐसे भरपूर या मसालेदार भोजन या अधिक मात्रा में भोजन करने के कारण होता है। एसिडिटी को आमतौर पर एंटासिड जैसी काउंटर दवाओं के द्वारा ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि मरीज को सांस लेने में कठिनाई, निगलने में परेशानी, घुटन, ब्लैक टैरी स्टूल की शिकायत, कमजोरी या वजन कम होने का अनुभव होता है, तो उसे तत्काल देखभाल के लिए जाना चाहिए।

एसिड रिफ्लक्स के लिए आपको गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को कब दिखाना चाहिए?

एसिड रिफ्लक्स की समस्या होना आम है। लेकिन यदि इसके लक्षण बार-बार दिखने पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को जरूर दिखाना चाहिए। दरअसल एसिड रिफ्लक्स या जीईआरडी को अनदेखा करने से एसोफेजेल सूजन, अल्सर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

  • दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार एसिडिटी के लक्षण दिखने पर
  • कम भूख लगने पर
  • मतली और उल्टी के साथ हार्टबर्न होने पर
  • निगलने में परेशानी होने पर
  • आवाज बैठने या घरघराहट होने पर
  • रात में पेट से संबंधित होने वाली परेशानी जो नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं

एसिडिटी का निदान कैसे किया जाता है? Diagnosis of acidity

विभिन्न तरीकों से एसिडिटी का निदान किया जाता है। इनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • पीएच मॉनिटरिंग: यह एसोफैगस में एसिड के स्तर की जांच करता है। इस दौरान डॉक्टर द्वारा अन्नप्रणाली में एक उपकरण डाला जाता है। अन्नप्रणाली में एसिड की मात्रा को मापने के लिए इसे 2 दिनों के लिए वहीं छोड़ दिया जाता है।
  • बेरियम स्वैलो: इस प्रक्रिया के जरिए संकुचित अन्नप्रणाली और अल्सर का पता लगाया जाता है। एक सोल्युशन का पालन करना होगा और फिर एक एक्स-रे लिया जाएगा।
  • एंडोस्कोपी: नीचे एक छोटे कैमरे के साथ एक लंबी, लचीली रोशनी वाली ट्यूब को मुंह के माध्यम से मरीज के पेट में डाला जाता है और कैमरा एसोफैगस की मदद से पेट की समस्याओं की जांच करता है। यह बेहोश करने की क्रिया या एनेस्थीसिया की मदद से किया जाता है।

एसिडिटी का सबसे असरदार इलाज क्या है - Treatment of Acidity

एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटासिड का सेवन करने से एसिडिटी को ठीक किया जा सकता है। कई बार, H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरोधक एजेंट) जैसे निज़ेटिडाइन, फैमोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जा सकता है। यदि गंभीर एसिडिटी है तो डॉक्टर द्वारा प्रोटॉन पंप अवरोधक भी निर्धारित की जा सकते हैं। केला, ठंडा दूध, सौंफ, जीरा, इलायची, लौंग, पुदीने के पत्ते और अदरक का सेवन करने से भी एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है।

एसिडिटी से बचने के लिए मसालेदार भोजन या अचार से परहेज करें। अधिक सब्जियां और फल खाएं, मांसाहारी भोजन का सेवन न करें और एनएसएआईडी (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचकर एसिडिटी को रोक सकते हैं।

कई बार सोने से ठीक पहले खाना खाने से एसिडिटी हो सकती है। यह पेट के एंजाइम को अन्नप्रणाली में वापस प्रवाहित करने के लिए प्रेरित करता है और एसिड रिफ्लक्स का कारण बनता है। यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।

उपचार के लिए कौन योग्य है? Eligibility

ज्यादातर मामलों में एसिडिटी एक गंभीर चिंता का विषय नहीं है, जिसे आमतौर पर काउंटर पर मिलने वाली दवाओं से ठीक किया जा सकता है। हालांकि इसकी कुछ गंभीर स्थितियों में शामिल हैं:

  • अपेक्षा से अधिक समय तक एसिडिटी के लक्षण दिखना
  • दवाओं के बावजूद लगातार हार्टबर्न की शिकायत
  • एसिड रिफ्लक्स की आवृत्ति या तीव्रता में परिवर्तन
  • रात के समय के लक्षणों के कारण नींद न आना
  • एसिड रिफ्लक्स के कारण दैनिक गतिविधियों का प्रभावित होना
  • वजन कम होना या भूख कम लगना
  • निगलने में कठिनाई
  • हार्टबर्न के साथ मतली या उल्टी
  • आवाज की कर्कशता या घरघराहट

उपचार के लिए कौन योग्य नहीं है?

एसिडिटी के कई रोगियों को आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अधिकांश मामले सामान्य लक्षणों से जुड़े होते हैं जो अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा हल्की स्थितियों को काउंटर दवाओं जैसे प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स, एंटासिड इत्यादि द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव करके भी एसिडिटी के लक्षणों का समाधान किया जा सकता है।

उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं? Post treatment guidelines

एसिड रिफ्लक्स के मामले में उपचार के बाद कुछ पोस्ट-ट्रीटमेंट दिशा-निर्देश दिए जाते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • हार्टबर्न के ट्रिगर कारकों से बचाव करें।
  • सोने के कम से कम दो से तीन घंटे पहले भोजन करना चाहिए।
  • ज्यादा खाने से बचना चाहिए।
  • छोटी मात्रा में और बार-बार भोजन करने की आदत को अपनाएं। भोजन को धीमी गति से अच्छी तरह से चबाकर खाएं।

एसिडिटी उपचार के दुष्प्रभाव क्या हैं? Side effects of acidity treatment

एसिडिटी के इलाज के लिए एंटासिड, एच2 ब्लॉकर्स और प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स कुछ विकल्प हैं। इन दवाओं से होने वाले निम्न साइड इफेक्ट्स नीचे दिए जा रहे हैं:

  • बोन फ्रैक्चर
  • किडनी फेलियर
  • दिल का दौरा
  • मनोभ्रंश (डेमेंटिया)
  • विटामिन की कमी।

एसिडिटी से ठीक होने में कितना समय लगता है? Cure time

एसिडिटी ठीक होने की अवधि दवाओं के प्रकार, रोग की गंभीरता और रोगी द्वारा किए जा रहे आहार जैसे कारकों पर निर्भर करती है। प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स दवाओं की तुलना में H2 ब्लॉकर्स दवाओं के जरिए इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। यदि एसिडिटी के कारण इरोज़न की शिकायत होती है, तो रोग से उबरने में कई सप्ताह का समय लग सकता है। वहीं, यदि इसके कारण अस्थमा की शिकायत हो जाती है तो इसे ठीक होने में एक महीने तक का समय लग सकता है।

क्या उपचार के परिणाम स्थायी हैं? Are results permanent

जरूरी नहीं कि उपचार के परिणाम एसिडिटी के लिए स्थायी हों। हालांकि दवाएं एसिडिटी के लक्षणों से तत्काल राहत में मदद करती हैं। जीवनशैली में बदलाव और ट्रिगरिंग कारकों से बचकर एसिडिटी का स्थायी इलाज प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। हालांकि कुछ मामलों में एसिडिटी के उपचार के उद्देश्य से किए गए सभी प्रयासों के बावजूद लक्षण बने रह सकते हैं।

एसिडिटी कम करने के प्राकृतिक तरीके क्या हैं? Natural ways to reduce acidity

एसिडिटी कम करने के प्राकृतिक तरीके क्या हैं? Natural ways to reduce acidity

एसिडिटी को कम करने के कुछ प्राकृतिक तरीके इस प्रकार हैं:

  • बादाम: यह पेट के एसिड को बेअसर करता है, दर्द से राहत देता है और एसिडिटी को पूरी तरह से रोकता है। भोजन से पहले रोजाना चार बादाम को अच्छी तरह से चबाकर खाने से पेट में होने वाले अत्यधिक एसिड स्राव से बचा जा सकता है।
  • केला और सेब: केले में प्राकृतिक रूप से एंटासिड होता है। यह एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। वहीं, सोने से पहले सेब के कुछ स्लाइस का खाने से सीने में जलन या रिफ्लक्स से राहत मिलती है।
  • नारियल पानी: नारियल पानी पीने से शरीर का पीएच एसिडिक स्तर, एल्कलाइन हो जाता है और यह पेट में बलगम पैदा करता है। श्लेष्मा पेट को अत्यधिक अम्ल उत्पादन के गंभीर प्रभावों से बचाता है। यह फाइबर युक्त पानी पाचन का समर्थन करता है और एसिडिटी के प्रेषण को रोकता है।
  • पर्याप्त नींद: कम से कम 7 घंटे की लगातार नींद जरूर लें। इससे पेट संबंधी रोग नहीं होते।
Also Read: Home Remedies For Acidity in Hindi

एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए शारीरिक व्यायाम:

शारीरिक व्यायाम करने से हमारे शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं। हालांकि पेट से संबंधित विकार होने पर हमें यह जनना बेहद जरूरी होता है कि किस प्रकार के व्यायाम करने से एसिडिटी से राहत मिलती है। पेट संबंधी विकार होने पर वजन उठाना, दौड़ना, जॉगिंग, रस्सी कूदना और सीढ़ियां चढ़ना जैसे व्यायाम करने से बचने की सलाह दी जाती है। ये एसिडिटी की स्थिति के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।

हालाकि, धीमी और कम तीव्रता वाले व्यायाम के जरिए पेट संबंधी विकारों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। इनमें तैराकी, वाटर एरोबिक्स, कार्डियो, बाइकिंग या स्थिर बाइकिंग, तेज चलना, हल्का वजन उठान और योग शामिल हैं। इन शारीरिक व्यायामों को हल्के तरीके से किया जाना चाहिए।

उपचार के विकल्प क्या हैं?

उपचार के विकल्प नीचे गए हैं:

  • एक्यूपंक्चर
  • पर्याप्त आराम
  • मेलाटोनिन
  • हिप्नोथेरेपी
  • हर्बल उपचार और बेकिंग सोडा का इस्तेमाल
  • जीवनशैली में बदलाव
  • वजन कम करना
  • धूम्रपान से बचना
  • ढीले कपड़े पहनना
  • सिर ऊपर करके सोना

एसिडिटी में क्या खाना चाहिए? What to eat in acidity?

एसिडिटी में निम्नलिखित आहार के सेवन का सुझाव दिया जाता है:

  • सलाद, गाजर, गोभी, शिमला मिर्च, खीरा, अंगूर, खरबूजा और पपीता जैसे फल
  • अंडे, दूध, दही, पनीर, सोया आदि जैसे प्रोटीन युक्त आहार
  • ब्राउन चावल, ओट्स, ब्रेड, मक्का, रोटी और बेसन जैसे अनाज का सेवन
  • दाल, चना, लोबिया और मूंगफली जैसे फलौलीय भोजन का सेवन
  • एसिडिटी में हरी चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है
  • अधिक पानी पीना
  • खाने के बाद अधिक पानी पीने से बचें
  • भोजन के बाद जल्दी सोने से बचें
  • खाना खाने के थोड़े समय के बाद टहलना चाहिए।

एसिडिटी में क्या नहीं खाना चाहिए? What not to eat in acidity?

एसिडिटी होने पर निम्न चीजों से परहेज करने का सुझाव दिया जाता है:

  • मसालेदार और तली हुई चीजें खाने से बचें
  • कॉफी और चाय में कैफीन और अन्य उत्तेजक तत्व होते हैं, इन दोनों को कम मात्रा में लें
  • फास्ट फूड खाने से बचें
  • चिप्स और फ्रेंच फ्राइज एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं
  • सिगरेट से परहेज करें

कौन से खाद्य पदार्थ एसिडिटी को कम करते हैं? Food to reduce acidity

एसिडिटी को कम करने में मदद करने वाले खाद्य पदार्थ हैं:

  • सब्जियां।
  • अदरक।
  • दलिया।
  • सफेद अंडे।
  • गैर खट्टे फल जैसे खरबूजे, केला, सेब और नाशपाती।
  • सी फूड और लीन मांस जैसे टर्की, मछली, चिकन।
  • स्वस्थ वसा जैसे अखरोट, तिल का तेल, एवोकाडो, सूरजमुखी का तेल, अलसी और जैतून का तेल।

क्या दूध एसिडिटी के लिए अच्छा है?

दूध, पेट में एसिड को बफर करने और शरीर में उत्पादित अत्यधिक एसिड को अवशोषित करने में मदद कर सकता है। यह रिफ्लक्स या हार्टबर्न जैसे एसिडिटी के संकेतों को कम करने में भी मदद कर सकता है। दूध को बगैर चीनी के ठंडा लेना चाहिए।

क्या गर्म पानी एसिडिटी के लिए अच्छा है?

गर्म पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए बेहद कारगर होता है। यह भोजन के टूटने के लिए आसान बनाता है। इसके अतिरिक्त, पानी में एक तटस्थ पीएच होता है जो पेट में पीएच को बढ़ाने और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है।

एसिडिटी के लिए कौन सा पेय सबसे अच्छा है?

एसिडिटी के लिए अच्छे वाले पेय हैं:

  • हर्बल चाय
  • नारियल पानी
  • कम वसा वाला या मलाई रहित दूध
  • फलों का जूस
  • पौधे आधारित दूध
  • पानी
  • स्मूदी

क्या कॉफी एसिडिटी में मदद करती है?

कॉफी, एसिडिटी में मदद नहीं करती है। यह शरीर में अत्यधिक गैस्ट्रिक एसिड उत्पादन को उत्तेजित करती है जो अन्नप्रणाली तक बढ़ सकती है। कॉफी एसिडिटी को बढ़ाने के साथ इसके लक्षणों को भी बढ़ाती है। कॉफी के साथ, एसिडोसिस से पीड़ित होने पर कैफीनयुक्त पेय से बचने की सलाह दी जाती है।

क्या दही एसिडिटी के लिए अच्छा है?

दही एसिडिटी को नियंत्रित करने में वास्तव में अच्छा है, यह एक प्राकृतिक एंटासिड और एक प्रोबायोटिक है। दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पेट पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, अम्लता में मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं।

कौन से खाद्य पदार्थ एसिडिटी में उच्च हैं?

एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं:

  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
  • लाल मांस
  • दुग्ध उत्पाद
  • खट्टे फल
  • काजू
  • मूंगफली
  • फलियां
  • अखरोट

क्या विटामिन सी एसिडिटी के लिए अच्छा है?

फलों, सब्जियों, सप्लीमेंट्स से मिलने वाला विटामिन सी एसिडिटी और इसके लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। विटामिन सी शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है, पाचन में सहायता करता है और स्वस्थ मसूड़ों और दांतों को बढ़ावा देता है।

भारत में एसिडिटी उपचार की कीमत क्या है? Cost of Acidity in India

एक रुपये से कम से लेकर 100 रुपये तक के खर्च के साथ एसिडिटी का चिकित्सकीय प्रबंधन किया जा सकता है। हालांकि, सर्जिकल प्रबंधन में खर्च 50,000 रुपये से लेकर 2,00,000 रुपये तक हो सकता है।

सारांश: एसिडिटी को आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गैस्ट्रिक एसिड वापस एसोफैगस में चला जाता है। यदि कभी-कभी ऐसा होता है तो एसिडिटी का होना काफी सामान्य है, लेकिन एसिडिटी की आवृत्ति अधिक होने पर यह एक गंभीर चिंता का विषय बन जाती है। एसिडिटी के इलाज के लिए एंटासिड, एच2 ब्लॉकर्स और प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स कुछ विकल्प हैं। प्रारंभिक उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। इसे अनदेखा करने से यह ओसोफैगस में अल्सर, स्ट्रिक्टर्स और सूजन जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। आहार और जीवनशैली में बदलाव कर इस स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
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Know About Peptic Ulcers
Hello, I am Dr. Monika Jain, Gastroenterologist. Today I will talk about a peptic ulcer. Ye bahut hi common problem hai. Jiske baare mein aam toor pe general public mein rehta hai ke badi difficult disease hai and common disease hai. Ike baare mei...
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Eye Diseases - Know About Them!
Hello, I am Dr. Leena Doshi. Today we are going to talk about certain eye diseases which cause either partial or complete blindness and how you can take measures to prevent it also a few pointers on that. As all of you know eyes are very precious ...
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Frozen Shoulder - How To Handle It?
Hello friends, Today, I will be talking about the occurrence and the prevention of common childhood infections in this weather. Jo aajkal ka changing season hai usme there are a lot of kids who are coming with gastrointestinal tract infections lik...
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Cancer Of The Digestive System
Hi, I am Dr. Vedant Kabra, Oncologist. Is video ke through mai aap ko aanto aur peat ke cancer ke baare mein kuch batana chahunga. Baad mein btana chahunga ki kis tarah cancer se bachav kiya ja sakta hai. Choti aanth mein cancer kam hota hai. Agar...
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Most Common Health Issue Among Children
Hi everyone! I am Dr. Preeti Singh, consultant pediatrician. Today I am going to speak about stomach ache and abdominal pain. What are the common causes and what are the measures that you can do to prevent this problem at home? So as most of us ha...
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