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Last Updated: Jul 07, 2023

बार्थोलिन सिस्ट क्या होता है? लक्षण, कारण, परहेज और इलाज

बार्थोलिन सिस्ट बार्थोलिन सिस्ट के लक्षण बार्थोलिन सिस्ट के कारण बीमारी के दौरान आपका खान-पान बार्थोलिन सिस्ट होने पर इन चीजों से करें परहेज बार्थोलिन सिस्ट होने पर क्या करे बार्थोलिन सिस्ट होने पर क्या ना करे बार्थोलिन सिस्ट को घर पर ठीक कैसे करे बार्थोलिन सिस्ट के इलाज बार्थोलिन सिस्ट के इलाज की लागत निष्कर्ष

बार्थोलिन सिस्ट

बार्थोलिन सिस्ट

कई बार योनि के द्वार के बिलकुल बराबर में एक तरल पदार्थ से भरी छोटी थैली विकसित हो जाती है। इस स्थिति को बार्थोलिन सिस्ट या बार्थोलिन डक्ट सिस्ट भी कहा जाता है । दरअसल योनि को चिकनाई देने केलिए योनि द्वार के दोनों तरफ बार्थोलिन ग्रंथियां स्थित होती हैं। इन ग्रंथियों से तरल पदार्थ का स्राव होता है। कभी-कभी इन ग्रंथियों का द्वार बाधित हो जाता है, जिससे इनके द्वारा रिलीज़ किया गया द्रव ग्रंथि में वापस आ जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूजन हो जाती है जिसे बार्थोलिन सिस्ट कहा जाता है। आमतौर पर इनमें कोई दर्द नहीं होता है।इस सिस्ट में मौजूद तरल पदार्थ कई बार संक्रमित हो जाता है औऱ उसके अंदर मवाद बन जाता है। ये स्थिति काफी दर्दनाक होती है।

बार्थोलिन सिस्ट के लक्षण (Bartholin cyst ke Lakshad)

  • बार्थोलिन सिस्ट होने पर आपको अपनी योनि के द्वार के पास एक नरम, दर्द रहित गांठ महसूस हो सकती है।यह गांठ ही बार्थोलिन सिस्ट होती है पर इससे आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है।
  • इसके आकार के कारण चलने फिरने, बैठने और सेक्स को दौरान आपको असहजता भी हो सकती है। साथ ही सिस्ट के आसपास की त्वचा में दर्द महसूस हो सकता है।
  • सिस्ट कभी-कभी लेबिया मेजा के आसपास के होंठों के बाहरी जोड़े को प्रभावित कर सकता है। इससे एक तरफ की त्वचा सूजी हुई या सामान्य से बड़ी लग सकती है।
  • अगर सिस्ट संक्रमित है तो यह बार्थोलिन की ग्रंथियों में से एक में मवाद बना देती है जो दर्द का कारण बनता है।इस कारण आपको फोड़े जैसा अनुभव हो सकता है जो लाल, सूजा हुआ, और गर्म महसूस होगा।
  • संक्रमण के कारण बुखार या ठंड लगना।
  • पुटी से तरल पदार्थ की रिसाव।
  • सिस्ट के आकार में परिवर्तन ।

बार्थोलिन सिस्ट के कारण (Kaaran)

विशेषज्ञों का मानना है कि बार्थोलिन के सिस्ट का कारण सिस्ट में तरल पदार्थ का जमा होना है।ये किसी संक्रमण या चोट के कारण भी हो सकता है।

बार्थोलिन की ग्रंथियां तरल पदार्थ का स्राव करती हैं जो सेक्स के दौरान चिकनाई के रूप में कार्य करता है। यदि इसकी नलिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं, तो वे द्रव से भर सकती हैं और एक सिस्ट बनाने के लिए फैल सकती हैं। नलिकाएं क्यों अवरुद्ध हो जाती हैं,इसका कारण ज्ञात नहीं है पर कभी-कभी यह यौन संचारित जीवाणु संक्रमण (एसटीआई), जैसे गोनोरिया या क्लैमाइडिया, या अन्य जीवाणु संक्रमण, जैसे एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) से जुड़ा होता है।

बार्थोलिन सिस्ट बीमारी के दौरान आपका खान-पान (Aapki Diet Beemari ke Dooran)

बार्थोलिन सिस्ट पर खान पान का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है इसलिए इसके होने पर या इससे बचने के लिए जानकार किसी खास आहार की संस्तुति नहीं करते हैं। हालांकि आप अपनी योनि कि सेहत बेहतर रखने के लिए आप प्रोबायोटिक्स का सेवन कर सकते हैं।

बार्थोलिन सिस्ट होने पर इन चीजों से करें परहेज (Bartholin Cyst hone par en cheezo se kare parhez)

बार्थोलिन सिस्ट में चिकित्सक किसी तरह के खाने से परहेज़ करने के निर्देश नहीं देते हैं इसलिए आप अपना खान पान सामान्य रख सकते हैं।

बार्थोलिन सिस्ट होने पर क्या करे (Bartholin Cyst Hone par kya kare)

  • पर्सनल हाईजीन का ख्याल रखें। अपने प्राइवोट पार्ट्स और आसपास की सफाई सुनिश्चित करें।
  • सुरक्षित यौन संबंध बनाएं जिससे एसटीडी का खतरा ना रहे।
  • क्रैनबेरी जूस या किसी भी तरह के बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से यूरिनरी ट्रैक्ट का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और यूटीआई से बचाव होता है।
  • यदि आपको एक बार्थोलिन सिस्ट महसूस होती है और उससे आपको कोई परेशानी नहीं है, तो इसे ऐसे ही छोड़ देना बेहतर होता है।
  • यदि सिस्ट दर्दनाक है, तो ड़ॉक्टर को दिखाएं।
  • बार्थोलिन सिस्ट होने पर कुछ इंच गर्म पानी में सिस्ट की 10 से 15 मिनट की सिंकाई करें। यदि संभव हो तो इसे दिन में कई बार 3 या 4 दिनों तक करना चाहिए।
  • पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दर्दनिवारक दवाएं लें

बार्थोलिन सिस्ट होने पर क्या ना करे (Bartholin Cyst hone par kya Na Kare)

  • असुरक्षित यौन संबंधों से बचें।
  • योनि और उसके आसपास के क्षेत्र को गंदा ना रखें इससे संक्रमण बढ़ सकता है।
  • यदि सिस्ट दर्द रहित है तो उसे छेड़ने का प्रयास ना करें ,वो अपने आप ठीक हो सकती है।
  • अगर सिस्ट में दर्द अधिक है और मवाद है तो खुद से उसे फोड़ने की कोशिश ना करें बल्कि चिकित्सक की मदद लें।
  • अधिक चुस्त कपड़े ना पहने ।कोशिश करें की सिंथेटिक अंडरगार्मेट्स ना पहनें।

बार्थोलिन सिस्ट को घर पर ठीक कैसे करे (Home Remedy for Bartholin Cyst Treatment in Hindi)

  • अगर आप बार्थोलिन सिस्ट से परेशान हैं तो घर पर कुछ तरीकों का पालन कर के थोड़ी राहत का अनुभव कर सकते हैं।
  • सबसे पहले तो सिस्ट के कार पर ध्यान दें और किसी भी तरह की असामान्य वृद्धि या हाल ही में उसमें हुए परिवर्तनों पर ध्यान दें।
  • कभी भी किसी भी सिस्ट को खुद से दबाने या बाहर निकालने की कोशिश न करें क्योंकि इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

वार्म सिट्ज़ बाथ
गर्म सिंकाई से आपको दर्द में आराम महसूस हो सकता है। इसके लिए सिट्ज़ बाथ सबसे प्रभावशाली तरीका है। अगर आपको पास कोई टब है तो उसमें गर्म पानी भरकर बैठ जाएं या कमोड पर फिट होने वाला टब लेकर उसमें गर्म पानी भरकर सिंकाई करें। कम से कम 15 मिनट के लिए दिन में कम से कम 4 बार सिट्ज़ बाथ लेने से सिस्ट की सूजन कम करने में मदद मिलती है, दर्द से राहत मिलती है और संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है। आप सिंकाई के लिए इस्तेमाल होने वाले गर्म पानी में बीटाडीन के घोल की कुछ बूँदें भी मिला सकते हैं, जो संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद करता है।

हल्के दर्द निवारक लें
हल्के दर्द के लिए दर्द निवारक दवाएं लेना फायदेमंद हो सकता है। हो सकता हो आपको दर्द और उसके कारण बुकार भी हो। ऐसे में इबुप्रोफेन जैसी दवा लेकर दर्द और बुखार से राहत मिल सकती है।बुखार होने पर खूब सारे तरल पदार्थ पिएं और अपने माथे पर ठंडी पट्टी करें।

प्रभावित क्षेत्र पर गर्म कंप्रेस
एक तौलिया लेकर उसे गर्म पानी में डुबोएं। दिन में 3-4 बार प्रभावित क्षेत्र पर हल्का दबाव डाल कर सिंकाई करने से सूजन और दर्द कम हो सकता है। इन चरणों का नियमित रूप से 3-4 दिनों तक पालन करें।

बार्थोलिन सिस्ट के इलाज (Bartholin Cyst Ke Ilaaj)

यदि आपको बार्थोलिन सिस्ट में दर्द है और सूजन महसूस हो रही है तो आपको डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना चाहिए। चिकित्सक आपकी जांच कर के बताएंगे कि आपकी बार्थोलिन की ग्रंथियों में से कोई एक संक्रमित हो सकती है या नहीं। इसके लिए वो बैक्टीरिया की पहचान करने के लिए एक स्वाब का उपयोग कर सिस्ट के अंदर के तरल पदार्थ का नमूना ले सकते हैं।

कभी-कभी कुछ लक्षणों के आधार पर आपको बायोप्सी कराने की सलाह भी दी जा सकती है। बार्थोलिन्स ग्लैंड कैंसर नामक एक दुर्लभ प्रकार के वल्वा कैंसर के लक्षणों की जांच के लिए सिस्ट टिश्यू का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है और माइक्रोस्कोप से उसकी जांच की जाती है।

बार्थोलिन सिस्ट के फोड़े का इलाज
यदि सिस्ट संक्रमित हो जाती है और उसमें एक फोड़ा विकसित हो जाता है जिसमें मवाद भरा है तो आपको संक्रमण को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। एक बार संक्रमण का इलाज हो जाने के बाद भी डॉक्टर आपको सिस्ट निकलवाने की सलाह दे सकते हैं।

अल्सर और फोड़े हटाना
बार्थोलिन के सिस्ट या फोड़े को निकालने के लिए और इसके वापस आने की संभावना को कम करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।

बैलून कैथेटर इंसर्शन
बैलून कैथेटर इंसर्शन को कैथेटर प्लेसमेंट या फिस्टुलाइज़ेशन के रूप में भी जाना जाता है।इस प्रक्रिया का उपयोग कर फोड़े या सिस्ट से तरल पदार्थ को निकाला जाता है। फिर इसमें भविष्य में जमा होने वाले किसी भी तरल पदार्थ को निकालने के लिए एक स्थायी मार्ग बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में कुछ घंटे लगते हैं जिसमें आपको रात भर अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती। यह आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया देकर किया जाता है।यानी प्रभावित क्षेत्र सुन्न हो जाता है ताकि आप कुछ भी महसूस न कर सकें।

कुछ जगहों पर यह जनरल एनेस्थीसिया देकर भी किया जा सकता है जिसमें आप पूरी तरह बेहोश रहते हैं। इसमें सबसे पहले फोड़े या सिस्ट में एक कट लगा दिया जाता है और द्रव निकाल दिया जाता है।

फिर एक बैलून कैथेटर को खाली फोड़े या सिस्ट में डाला जाता है। बैलून कैथेटर एक पतली, प्लास्टिक की ट्यूब होती है जिसके एक सिरे पर एक छोटा गुब्बारा होता है।

गुब्बारा अंदर भेजने के बाद इसमें थोड़ी मात्रा में नमक का पानी भर दिया जाता है। इससे गुब्बारे का आकार बढ़ जाता है जिससे यह फोड़ा या सिस्ट भी बड़ा हो जाता है।फिर टांके का उपयोग करके आंशिक रूप से इस कट को बंद कर दिया जाता है ।ऐसा बैलून कैथेटर को जगह में रखने के लिए किया जा सकता है। यह कैथेटर अपने स्थान पर ही बना रहता है जबकि इसके चारों ओर नई कोशिकाएँ विकसित हो जाती हैं। इसका मतलब है कि घाव की सतह ठीक हो जाती है, लेकिन एक जल निकासी का मार्ग उस जगह में छोड़ दिया जाता है।

एपिथीलिएलाइज़ेशन
एपिथीलिएलाइज़ेशन में आमतौर पर लगभग 4 सप्ताह लगते हैं। हालांकि रोगी की स्थिति के अनुसार यह समय कुछ बढ़ भी सकता है। एपिथीलिएलाइज़ेशन के बाद, जो गुब्बारा अंदर भेजा गया था उसे निकाल लिया जाता है और कैथेटर हटा दिया जाता है।इस प्रक्रिया के अच्छे परिणाम मिलते हैं और अधिकतर मामलों में बार्थोलिन सिस्ट वापस नहीं आती हैं।

बैलून कैथेटर इंसर्शन में कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं:

  • कैथेटर लगने के कारण दर्द
  • सेक्स के दौरान दर्द या बेचैनी
  • योनि के द्वार के आसपास (लेबिया) की सूजन
  • संक्रमण
  • खून बहना
  • घाव होना
  • मार्सुपियलाइज़ेशन

यदि कोई सिस्ट बार-बार वापस आती रहती है, तो मार्सुपियलाइज़ेशन नामक सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है। इसमें सिस्ट को पहले एक कट लगाकर खोला जाता है और द्रव को बाहर निकाल दिया जाता है। फिर त्वचा के किनारों को एक छोटा 'कंगारू पाउच' बनाने के लिए सिला जाता है, जो बचे हुए तरल पदार्थ को बाहर निकालने की अनुमति देता है।जब प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो घाव से तरल पदार्थ को सोखने और किसी भी रक्तस्राव को रोकने के लिए उपचारित क्षेत्र को पट्टी लगाकर ढीली बैंडेज कर दी जाती है।यह आमतौर पर रोगी के घर जाने से पहले हटा दिया जाएगा।मार्सुपियलाइज़ेशन में लगभग 10 से 15 मिनट लगता है और आमतौर पर यह प्रक्रिया एक दिन ही दिन में पूरी हो जाती है इसलिए आपको रात भर अस्पताल में नहीं रहना पड़ता। यह आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया देकर किया जाता है। डॉक्टर अपनी समझ से इसे लोकल एनेस्थीसिया देकर भी कर सकते हैं। मार्सुपियलाइज़ेशन के बाद कोई विशेष जटिलताएं नहीं होती हैं पर कभी कभी संक्रमण, दोबारा फोड़ा हो जाना,रक्त स्राव, दर्द हो सकता है। प्रक्रिया के बाद 24 घंटों के लिए आपको दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं

मार्सुपियलाइज़ेशन के बाद आपको कुछ दिन आराम करने की सलाह दी जाएगी। आपको तब तक सेक्स करने से बचना चाहिए जब तक कि घाव पूरी तरह से ठीक न हो जाए, जिसमें आमतौर पर लगभग 2 सप्ताह लगते हैं।

बार्थोलिन ग्रंथि को हटाना
यदि आपके सिस्ट और फोड़े उपचार के बाद भी पस आते रहते हैं तो आपके चिकित्सक बार्थोलिन ग्रंथि को हटाने की सलाह भी दे सकते हैं। इसके लिए आपको एक सर्जरी की आश्यकता होगी। यह ऑपरेशन आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया देकर किया जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग एक घंटे का समय लगता है। इसके बाद आपको 2 या 3 दिनों तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है।

इस प्रकार की सर्जरी के जोखिमों में रक्तस्राव, घाव में दर्द और घाव का संक्रमण शामिल है। यदि घाव संक्रमित हो जाता है तो इसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।

वैकल्पिक प्रक्रियाएं
बार्थोलिन सिस्ट के उपचार के कई वैकल्पिक तरीके हैं, लेकिन वे सामान्यतः कम ही उपयोग किए जाते हैं या व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।

सिल्वर नाइट्रेट ग्लैंड एब्लेशन
सिल्वर नाइट्रेट रसायनों का एक मिश्रण है जिसका उपयोग कभी-कभी रक्त वाहिकाओं को जलाकर रक्तस्राव को रोकने के लिए किया जाता है। सिल्वर नाइट्रेट ग्रंथि को हटाने में सिल्वर नाइट्रेट की एक छोटी, ठोस छड़ी का उपयोग किया जाता है। पहले योनि के आसपास की त्वचा और सिस्ट में एक कट लगाया जाता है। फिर सिस्ट या फोड़े को निकाल दिया जाता है और सिल्वर नाइट्रेट की स्टिक को तरल पदार्थ निकालने के बाद बनी खाली जगह में डाल दिया जाता है। सिल्वर नाइट्रेट के कारण सिस्ट कैविटी एक छोटी, ठोस गांठ में बन जाती है। 2 या 3 दिनों के बाद सिल्वर नाइट्रेट और सिस्ट के अवशेष हटा दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया में योनि की कुछ त्वचा जल सकती है।

कार्बन डाइऑक्साइड लेजर
इस प्रक्रिया में योनि की त्वचा में एक कट बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड लेजर का उपयोग किया जा सकता है ताकि सिस्ट को निकाला जा सके। इस प्रक्रिया में लेजर का उपयोग करके सिस्ट को नष्ट किया जा सकता है, या उसमें एक छोटा सा छेद करके छोड़ा जा सकता है ताकि द्रव बाहर निकल जाए।

नीडल एस्पिरेशन
नीडल एस्पिरेशन के दौरान,सिस्ट को निकालने के लिए एक सुई और सिरिंज का उपयोग किया जाता है। इसे कभी-कभी अल्कोहल स्क्लेरोथेरेपी नामक एक प्रक्रिया के साथ जोड़ा जाता है, जहां द्रव निकालने के बाद कैविटी को 70% तरल अल्कोहल से भर दिया जाता है। इसे 5 मिनट के लिए सिस्ट कैविटी में छोड़ा जाता है और फिर बाहर निकाल दिया जाता है।

सर्जरी की प्रक्रियाओं के बाद सलाह
सर्जरी के बाद घाव को भरने और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए, आपको इससे बचने की सलाह दी जा सकती है:

  • 4 सप्ताह तक यौन संबंध बनाना और टैम्पोन का उपयोग करना
  • सुगंधित स्नान उत्पादों का 4 सप्ताह तक उपयोग ना करना
  • एनेस्थिसिया लेने के बाद 24 से 48 घंटों तक वाहन चलाने या ऐसे कार्य करने परहेज़ करना जिनमें सावधानी की आवश्यकता है।

बार्थोलिन सिस्ट के इलाज की लागत (Bartholin Cyst ke Ilaaj ka Kharcha)

निष्कर्ष

बार्थोलिन सिस्ट आपकी योनि द्वार के पास होने वाली सिस्ट है जो बार्थोलिन ग्रंथि के अवरुद्ध हो जाने पर होती है। अगर यह दर्द रहित है तो इसे इलाज की आवश्यकता नहीं है पर अगर इसमें संक्रमण हो गया है तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेने की ज़रूरत है। आमतौर पर इसके इलाज में सर्जरी द्वारा विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से सिस्ट का इलाज किया जाता है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

  • बार्थोलिन सिस्ट तब बनता है जब बार्थोलिन ग्रंथि अवरुद्ध हो जाती है और द्रव(फ्लूइड) अंदर जमा होने लगता है। हालाँकि, विशेषज्ञ अभी भी यह नहीं जानते हैं कि ग्रंथि कैसे अवरुद्ध हो जाती है, लेकिन इसे कभी-कभी यौन संचारित रोगों से जोड़ा जा सकता है। इसलिए यौन गतिविधियों के दौरान सुरक्षित रहने और गर्भ निरोधकों का उपयोग करने की सिफारिश की जाती है।
  • जब योनि के दोनों ओर मौजूद बार्थोलिन ग्रंथि अवरुद्ध हो जाती है, तो तरल पदार्थ जो आमतौर पर योनि को चिकनाई देता है, बार्थोलिन ग्रंथि में सिस्ट बनाने के लिए जमा होने लगता है। ये सिस्ट मवाद या तरल पदार्थ से भरे होते हैं।
  • बार्थोलिन सिस्ट आपके योनि होंठ(वैजाइनल लिप्स) (लेबिया) की त्वचा के नीचे गोल बम्प्स के रूप में दिखाई देंगे। वे आमतौर पर दर्द रहित होते हैं। संक्रमण से लालिमा, कोमलता और सूजन हो सकती है। कुछ बार्थोलिन सिस्ट में मवाद या तरल पदार्थ होता है। बार्थोलिन के सिस्ट का आकार मार्बल जितना छोटा से लेकर पिंग-पोंग बॉल जितना बड़ा होता है। सिस्ट आपके लेबिया के एक हिस्से को बड़ा या एकतरफा दिखने का कारण बन सकते हैं।
  • यह ग्रंथि म्यूकस जैसा एक चिचिपा पदार्थ स्रावित करती है, जो योनि क्षेत्र को चिकना रखता है। बार्थोलिन फोड़ा, म्यूकस की रुकावट के कारण होता है। बार्थोलिन सिस्ट के फटने पर म्यूकस या गूई डिस्चार्ज बाहर आ सकता है। यह डिस्चार्ज पीला, भूरा या लाल रंग का भी हो सकता है। फोड़े संक्रमित हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं। एक संक्रमित बार्थोलिन सिस्ट के फटने पर एक अप्रिय गंध आती है। प्रभावित क्षेत्र को तुरंत साफ करना महत्वपूर्ण है।
  • बार्थोलिन सिस्ट कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मवाद, बलगम, बैक्टीरिया, रक्त और कई अन्य तरल पदार्थ भरे होते हैं। डिस्चार्ज पीले, भूरे या लाल रंग का हो सकता है और गाढ़ा हो सकता है। रप्चर बर्थोलिन सिस्ट जो संक्रमित भी हैं, अप्रिय गंध का उत्सर्जन कर सकता है। प्रभावित क्षेत्र की सफाई करना और अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।
  • यदि इसकी प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाए तो बार्थोलिन सिस्ट का इलाज आसानी से घर पर किया जा सकता है। सिस्ट को अपने आप फूटने और निकालने में मदद करने के लिए सिट्ज़ बाथ या वार्म कंप्रेस सबसे अच्छा काम करता है। इसके कारण होने वाले किसी भी दर्द या परेशानी से राहत पाने के लिए आप काउंटर पेनकिलर भी ले सकते हैं।
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Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
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