अवलोकन

Last Updated: Dec 06, 2022
Change Language

बार्थोलिन सिस्ट का ऑपरेशन - Bartholin Cysts Surgery in Hindi

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी क्या है? बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी के प्रकार - Bartholin Cysts Surgery ke prakar बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी कराने के फायदे - Bartholin Cysts Surgery karne ke fayde बार्थोलिन सिस्ट का ऑपरेशन क्यों कराया जाता है? - Bartholin Cysts ki surgery kyun karayi jaati hai? बार्थोलिन सिस्ट के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Bartholin Cysts ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein बार्थोलिन सिस्ट की सर्जरी से पहले की तैयारी - Bartholin Cysts ki surgery se pehle ki tayari बार्थोलिन सिस्ट का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? - Bartholin Cysts ka operation kaise kiya jata hai बार्थोलिन सिस्ट के ऑपरेशन की जटिलताएं - Bartholin Cysts ke operation ki jatiltayein बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी की लागत - Bartholin Cysts Surgery ki laagat बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी के नुकसान - Bartholin Cysts Surgery ke nuksaan निष्कर्ष - Conclusion

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी क्या है?

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी क्या है?

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी एक सर्जरी प्रक्रिया है, जिसमें महिलाओं में बार्थोलिन सिस्ट की सर्जरी की जाती है। बार्थोलिन सिस्ट दो छोटी-छोटी ग्रंथियां होती हैं जिनसे लिक्विड का स्राव होता है, जो योनि में चिकनाई के लिए ज़िम्मेदार होती है। जब दोनों ग्रंथि में से एक बाधित हो जाती है या उनमें सूजन आ जाती है, तो लिक्विड यहाँ ग्रंथि में इकट्ठा हो जाता है। अगर सिस्ट के अंदर के द्रव में इन्फेक्शन हो जाता है, तो सूजन वाली जगह पर फोड़ा या गांठ बन जाता है, जिसे बार्थोलिन सिस्ट भी कहा जाता है।

बार्थोलिन सिस्ट के इलाज के लिए, सर्जन एक प्रक्रिया करता है जिसे मार्सुपियलाइज़ेशन भी कहा जाता है, जिसमें द्रव को बाहर निकालने के लिए एक छोटा कट लगाकर द्रव को बाहर निकाला जाता है। जब बार्थोलिन सिस्ट का उपचार पहली बार होता है तो उसे सर्जरी द्वारा बाहर निकाला जाता है। जब अगर कोई भी उपचार काम नहीं करता है तो दुर्लभ मामलों में बार्थोलिन सिस्ट को सर्जरी से हटाया जा सकता है। प्रक्रिया के दौरान लोकल और जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जा सकता है, जिसे करने में लगभग 15 मिनट लगते हैं।

  • सर्जिकल ड्रेनेज: छोटा चीरा बना कर द्रव को बाहर निकाला जाता है
  • बार्थोलिन सिस्ट इक्सिश़न: कोई भी उपचार काम नहीं करने पर इसे किया जाता है

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी के प्रकार - Bartholin Cysts Surgery ke prakar

बार्थोलिन सिस्ट के लक्षणों और स्थिति के आधार पर इलाज करने के कई सर्जिकल तरीके हैं। डॉक्टर शुरु में लक्षणों के इलाज के लिए सर्जिकल मेथड का सुझाव दे सकते है। आप किसी भी उचित मार्गदर्शन और अनुभव के साथ सर्जरी से जुड़े जोखिम को कम कर सकते हैं। सर्जिकल तरीकों में शामिल हैं:

मार्सुपियलाइज़ेशन

ये एक विकल्प है, जिसमें महिलाओं में एक छोटी सी सर्जरी की जाती है। किसी रोगी को यदि बार्थोलिन सिस्ट बार-बार हो रही है या सिस्ट से दर्द और परेशानी हो रही हैं, तो आपका सर्जन ये प्रक्रिया अपना सकता है। ऐसे मामलों में जब अन्य उपचार काम नहीं करते हैं, तो यह एक उपचार विकल्प होता है।

इसमें सबसे पहले रोगी को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि रोगी आराम करें और उसे कोई दर्द महसूस न हो।। उसके बाद, द्रव को पूरी तरह बाहर निकालने के लिए सर्जन सिस्ट में एक चीरा बनाता है। सर्जन फिर बनाये हुए चीरे के टिश्यू को और आपके वुलवा पर उसके बगल की त्वचा के साथ बॉर्डर पर टांके लगाता है। जिसके कारण एक छोटा खुला पाउच बन जाता है जो अपने चारों ओर की त्वचा से साथ मिश्रित हो जाता है और सिस्ट से जमे द्रव या तरल पदार्थ को लगातार बाहर निकलने देता है।

सर्जिकल ड्रेनेज

इसमें फोड़े की जगह एक छोटा चीरा बना कर द्रव को निकालना शामिल है। इस प्रक्रिया को लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग करके किया जा सकता है।

  • सर्जिकल ड्रेनेज में चिकित्सा पेशेवर कार्बन डाइऑक्साइड लेजर का भी उपयोग कर सकते है, जिसमें पीड़ित क्षेत्र की त्वचा में एक छेद बना कर सिस्ट को हटा देते हैं।
  • सर्जन नीडल एस्पिरेशन का भी उपयोग कर सकते है, जिसमें सिरिंज और सुई का इस्तेमाल किया जाता है, और सिस्ट को ड्रेन या बाहर निकल दिया जाता है। उसके बाद उस जगह को संक्रमण से बचाने के लिए अल्कोहल लिक्विड सलूशन से भर दिया जाता है।

प्रक्रिया करते समय, लगातार ड्रेनेज होने की संभव होती है।

बार्थोलिन सिस्ट को हटा देना

अगर बार्थोलिन सिस्ट बार-बार हो रही है तो ग्रंथियों को पूरी तरह से हटाने की आवश्यकता हो सकती है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब मार्सुपियलाइज़ेशन या अन्य प्रक्रिया विफल हो जाती है। सर्जरी को जनरल एनेस्थीसिया देकर करा जाता है। इसमें सर्जरी का उपयोग करके पूरे सिस्ट को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में कम समय लगता है और रोगी उसी दिन घर जा सकता है।

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी कराने के फायदे - Bartholin Cysts Surgery karne ke fayde

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी के फायदे:

  • सूजन और संक्रमित बार्थोलिन ग्रंथि के कारण होने वाली परेशानी और दर्द से बचने के लिए सर्जरी बहुत महत्वपूर्ण है
  • सर्जरी मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करती है।
  • दर्द से भी राहत मिलती है और संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है।
  • जटिलतओं की संभावना कम होती है
  • ज़्यदातर छोटे कट से काम हो जाता है
  • रिकवरी जल्दी होती है
  • प्रक्रियाएं लगभग एक दिन में ही पूरी हो जाती है

बार्थोलिन सिस्ट का ऑपरेशन क्यों कराया जाता है? - Bartholin Cysts ki surgery kyun karayi jaati hai?

जब दवाएं और अन्य विकल्प स्थिति को ठीक करने में विफल हो जाते है तब सर्जरी की आवश्यकता होती है। बार्थोलिन सिस्ट का इलाज कैसे किया जाता है, यह पूरी तरह से लक्षणों की गंभीरता पर आधारित होते हैं। जब महिलाओं में बार्थोलिन सिस्ट या फोड़े के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तब उन लक्षणों को कम करने के लिए ऑपरेशन किया जाता है। सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब महिलाओं में बार्थोलिन सिस्ट के लक्षण दिखाई देते है जैसे चलने में, बैठने में या सेक्स करने जैसे गतिविधियों में दर्द होना, सिस्ट में संक्रमण होना, चुने पर दर्द होना, आदि। भविष्य में इसी तरह की समस्याओं और स्थिति से बचने के लिए सर्जरी का विकल्प चुना जा सकता है।

बार्थोलिन सिस्ट के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Bartholin Cysts ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein

बार्थोलिन सिस्ट की शुरूआत में, आपको किसी भी तरह के संकेत या लक्षण नहीं दिखाई या महसूस हो सकते है या आपको कोई भी तकलीफ नहीं होती है लेकिन कई बार आपको लगातार दर्द और परेशानी हो सकती है, किसी भी दर्द और परेशानी की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें-

  • अगर घरेलू उपचार करने के 3 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं होता है
  • यदि सिट्ज़ बाथ लेने से दर्द से राहत नहीं मिलती है
  • संक्रमण होने पर फोड़ा बन जाना
  • लक्षण गंभीर होना
  • या सिस्ट बार-बार होता है
  • सिस्ट के साथ बुखार होना
  • सेक्स के दौरान दर्द होना

यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते है या आपको अत्यधिक बेचैनी, और संक्रमित जगह के पास दर्द की अनुभूति होती है तो तुरंत अपने चिकित्सक को दिखाएं।

बार्थोलिन सिस्ट की सर्जरी से पहले की तैयारी - Bartholin Cysts ki surgery se pehle ki tayari

  • सर्जन किसी भी प्रक्रिया को करने से पहले रोगी के मेडिकल इतिहास के बारे में पूछता है। उसके बाद रोगी को प्रक्रिया के बारे में दिशानिर्देश प्रदान करता है। डॉक्टर फिर आपके लक्षणों की जाँच करता है और आपके सिस्ट के अकार और गंभीरता पर सर्जरी करने का निर्णय लेता है और आगे की प्रक्रिया करता है।
  • प्रक्रिया के दौरान आपको लोकल और जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, आपकी स्थिति और सर्जरी के प्रकार के आधार पर, सर्जरी के बाद किसी को आपको घर ले जाने की व्यवस्था करें
  • सर्जरी से कुछ समय पहले डॉक्टर को कुछ भी खाने और पिने के लिए माना कर सकते है जिससे आपका पेट खाली रहें
  • यदि आप पहले से किसी भी बीमारी के लिए दवा लें रहें है, उसे डॉक्टर उसे बंद करने के लिए कह सकते है।
  • अस्पताल जाने से पहले उस जगह को हल्के साबुन से साफ कर लें
  • अपने सर्जरी वाले क्षेत्र को छूने से बचने के लिए ढीले और सूती पजामा या गाउन पहनें
  • चूंकि यह एक आउट पेशेंट ऑपरेशन होता है, इसलिए आपको अपने साथ कुछ भी अस्पताल ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है।

बार्थोलिन सिस्ट का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? - Bartholin Cysts ka operation kaise kiya jata hai

बार्थोलिन सिस्ट का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, सर्जिकल प्रक्रियाएं व्यापक रूप से अलग-अलग हो सकती हैं। डॉक्टर सबसे पहले रोगी की हर संभावित जटिलतओं की जाँच करता है। फिर आपका डॉक्टर आपको प्रक्रिया समझाता है और आगे बढ़ने से पहले आपकी सहमति लेता है।

फिर आपको ऑपरेशन रूम में लें जाया जाता है और ऑपरेशन टेबल पर लेटा दिया जाता है। उसके बाद आपके विटाल्स(नब्ज़) को मॉनिटर से कनेक्ट किया जाता है। फिर आपको सर्जरी के आधार पर जनरल या लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे आप आराम करते है और आपको प्रक्रिया के समय किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है। आपकी प्रभावित जगह को साफ़ करके सर्जरी की जाती है।

सर्जरी के विभिन्न तरीके हैं:

  • कार्बन डाइऑक्साइड लेजर- यह प्रक्रिया में कम समय लगता है क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड लेजर थेरेपी कम आक्रामक होती है। इसमें एंटीसेप्सिस और लोकल एनेस्थेटिक दिया जाता है, सर्जिकल साइट के सुन्न होने के बाद, कार्बन डाइऑक्साइड लेजर का उपयोग करके चीरा बनाया जाता है, जो फोड़े से द्रव को निकलने में सहायता करता है। लेजर प्रक्रिया के दौरान कैप्सूल टिश्यू को नष्ट कर देता है। यह प्रक्रिया बार्थोलिन ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाए बिना सिस्ट को हटा देती है।
  • नीडल एस्पिरेशन- नीडल एस्पिरेशन में सिस्ट को खाली करने के लिए सुई और सिरिंज का उपयोग किया जाता है। इसे कभी-कभी अल्कोहल स्क्लेरोथेरेपी नामक एक प्रक्रिया के साथ जोड़ा जाता है, जिसमें कैविटी को खाली किया जाता है और फिर 70% अल्कोहल तरल से भर दिया जाता है। पांच मिनट तक सिस्ट कैविटी में रहने के बाद इसे बाहर निकाल दिया जाता है।
  • ग्लैंड एक्सिशन- यदि सभी विकल्प फेल हो जाते हैं और बार्थोलिन सिस्ट या फोड़ा बार-बार बनता हैं, तो पीड़ित बार्थोलिन की ग्रंथि को हटाने के लिए सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। जनरल एनेस्थीसिया देने के बाद यह प्रक्रिया लगभग एक घंटे तक चल सकती है। इस प्रक्रिया में आपको कम से कम दो से तीन दिन अस्पताल में बिताने पड़ सकते हैं।
  • मार्सुपियलाइज़ेशन- अगर फोड़ा या सिस्ट बार-बार हो रहा है, तो मार्सुपियलाइज़ेशन नामक प्रक्रिया की जाती है। मार्सुपियलाइजेशन को आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया दे कर, एक आउट पेशेंट सुविधा में किया जा सकता है। इसका मतलब ये है कि केवल वो जगह ही सुन्न होती है जहाँ सर्जरी होनी है ताकि आपको कोई दर्द महसूस न हो।उसके बाद, सिस्ट में जमा द्रव को पूरी तरह बाहर निकालने के लिए सर्जन सिस्ट में एक चीरा बनाता है। सर्जन फिर बनाये हुए चीरे के टिश्यू को और आपके वुलवा पर उसके बगल की त्वचा के साथ बॉर्डर पर टांके लगाता है। जिसके कारण एक छोटा खुला पाउच बन जाता है जो अपने चारों ओर की त्वचा से साथ मिश्रित हो जाता है और सिस्ट से जमे द्रव या तरल पदार्थ को लगातार बाहर निकलने देता है।
  • बार्थोलिन सिस्ट हटाना- अगर बार्थोलिन सिस्ट बार-बार होती है तो सर्जरी द्वारा ग्रंथियों को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब मार्सुपियलाइज़ेशन या अन्य प्रक्रिया विफल हो जाती है। सर्जरी अक्सर जनरल एनेस्थीसिया देकर की जाती है। इसमें सर्जरी का उपयोग करके पूरे सिस्ट को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में कम समय लगता है और रोगी उसी दिन घर भी जा सकता है।

बार्थोलिन सिस्ट के ऑपरेशन की जटिलताएं - Bartholin Cysts ke operation ki jatiltayein

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी की बहुत कम जटिलताएं हो सकती है। लेकिन बार्थोलिन सिस्ट की सबसे आम जटिलताओं में से एक है उसका दोबारा होना। हालांकि, निन्म लिखित जटिलताएं भी हो सकती है:-

  • बुखार होना
  • अपेक्षा से अधिक खून बहना
  • संक्रमण होना
  • असामान्य योनि स्राव होना
  • दर्द जो धीरे धीरे बढ़ता है

मार्सुपियलाइज़ेशन प्रक्रिया की भी जटिलताएँ दुर्लभ होती हैं, लेकिन इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • संक्रमण
  • बार बार फोड़ा बनना
  • घाव से खून बहना
  • दर्द और सूजन होना
  • स्कार पड़ना
  • एनेस्थीसिया के प्रति रिएक्शन

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी की लागत - Bartholin Cysts Surgery ki laagat

बार्थोलिन सिस्ट उपचार के विकल्पों में दवा, सर्जिकल ड्रेनेज और मार्सुपियलाइजेशन शामिल होती हैं। नतीजतन, कुल लागत सर्जरी के प्रकार, डॉक्टर की फीस, क्लिनिक या अस्पताल के साथ-साथ कई अन्य चिकित्सा और गैर-चिकित्सीय विचारों पर निर्भर करती है।

बार्थोलिन सिस्ट के लिए दोनों सर्जिकल प्रक्रियाएं; सर्जिकल ड्रेनेज और/या मार्सुपियलाइजेशन में सिस्ट का चीरा लगाना और फोड़े को निकालने के लिए ड्रेनेज चैनल बनाना शामिल है। भारत में बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी की कीमत नियोजित तकनीक के आधार पर 15,000 रुपये से 30,000 रुपये तक हो सकती है।

सर्जरी ड्रेनेज
भारत में, सर्जिकल ड्रेनेज की लागत आम तौर पर 5,000 रुपये से 8,000 रुपये तक होती है, अंतिम कीमत चुने गए क्लिनिक, डॉक्टर की फीस, दवाओं और अन्य चिकित्सा और गैर-चिकित्सा शुल्क के आधार पर भिन्न हो सकती है।

मार्सुपियलाइज़ेशन
भारत में मार्सुपियलाइजेशन की लागत 20,000 रुपये से 30,000 रुपये के बीच हो सकती है। अंतिम कीमत चुने गए क्लिनिक, डॉक्टर की फीस, दवाओं और अन्य चिकित्सा और गैर-चिकित्सा शुल्क के आधार पर भिन्न हो सकती है।

बार्थोलिन सिस्ट सर्जरी के नुकसान - Bartholin Cysts Surgery ke nuksaan

बार्थोलिन सिस्ट उपचार बहुत सुरक्षित होते है, और इसके बहुत कम नुक्सान होते हैं। यदि एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित तरीके से उपयोग किया जाता है, तो कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव करना संभव है। सर्जिकल प्रक्रियाओं के नुक्सान भी बहुत सीमित होते हैं। बार्थोलिन ग्रंथि को सर्जिकल रूप से हटाना, दुष्प्रभावों और जटिलताओं का सबसे संभावित कारण होता है। मार्सुपियलाइज़ेशन से इन्फेक्शन, ब्लीडिंग हो सकती है।

  • दर्द होना
  • संक्रमण होना
  • ब्लीडिंग होना
  • स्कारिंग
  • एनेस्थीसिया से उलटी, जी मिचलाना या एलर्जी होना
  • यौन क्रिया के दौरान दर्द (डिस्पेरुनिया)।
  • हेमेटोमा (रक्त जो सर्जिकल स्थल पर एकत्र होता है)

निष्कर्ष - Conclusion

बार्थोलिन सिस्ट का आसानी से दवा के साथ इलाज किया जाता है, और यदि वे बहुत छोटे हैं तो उनका इलाज घर पर भी किया जा सकता है। हालांकि, ऐसी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है ,जहां दवा सिस्ट को ठीक करने में असमर्थ होती है, वे बड़े और दर्दनाक होते हैं, या यदि वे लगातार होते रहते हैं।

यदि आप 40 वर्ष की आयु से अधिक या रजोनिवृत्ति के बाद सिस्ट का अनुभव करते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यह स्थापित करने के लिए कि क्या कोशिकाएं घातक हैं या नहीं, इसके लिए बायोप्सी की जा सकती है।

Content Details
Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
General Physician
Having issues? Consult a doctor for medical advice