हम भांग को हमेशा से ही एक नशीले पदार्थ के रूप में देखते हैं। कई लोग इसका उपयोग नशे के रूप में करते भी हैं। वैसे तो किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है, लेकिन उचित समय और उचित मात्रा में भांग का सेवन काफी लाभकारी भी होता है। दरअसल, भांग एक लाभकारी औषधि भी है, जो शरीर को कई तरह के रोगों से बचाने के लिए काफी लाभकारी है। तो चलिए आज हम आपको भांग के लाभ और उसके हानि से परिचित कराते हैं। हालांकि इसके पहले यह जान लेते हैं कि भांग होता क्या है।
दरअसल, भांग एक औषधीय पौधा है, जिसकी पत्तियों और बीज को कई लोग नशे के रूप में भी प्रयोग करते हैं। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही गुण पाए जाते हैं। इसके अधिक मात्रा में सेवन से यह नशे के रूप में काम करता है और दिमाग को प्रभावित करता है। हालांकि, अगर सही मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो यह रोग निवारण भी होता है। भांग के दूसरे नाम मैरिजुआना, कैनाबीस और वीड और इसका साइंटिफिक नाम कैनबिस सैटिवा हैं। हिन्दू प्रथाओं अनुष्ठानों में भगवान शिव की पूजा करने में इसका उपयोग किया जाता है।
नीचे उल्लेखित भांग के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभ हैं
भांग कान के दर्द के लिए रामबाण औषधीय इलाज है। इसके पत्तों का अर्क निकालकर अगर कुछ बूंदे कान में डाला जाए तो कान का दर्द गायब हो जाएगा। इससे कान के कीड़े भी मर जाते हैं
भांग सिरदर्द का लाभकारी इलाज है। 25 ग्राम पिसे हुए भांग को दूध या पानी के साथ सुबह-शाम लेने से भी सिरदर्द से छुटकारा मिलता है और नींद की समस्या का भी निवारण होता है।
अगर आपको भूख नहीं लगती या आपकी पाचनशक्ति ठीक नहीं है तो आप सीमित मात्रा में भांग का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, पाचनशक्ति बढ़ाने में भी भांग काफी लाभकारी है।
किसी भी तरह के घाव पर भांग की पत्तियों का लेप लगाने से घाव जल्दी भर जाता है और किसी भी तरह के साइडइफेक्ट्स भी नहीं होता है।
रूखी या खुरदरी त्वचा से निजात पाने में भी भांग मदद करता है। इसकी पत्तियों का लेप लगाने से त्वचा चिकनी होती है।
भांग के बीज में प्रोटीन और एमिनो एसिड के गुण भी पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह कैलोरी जलाने वाली मांसपेशियों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। व्यायाम या कसरत करने वालों को कसरत के बाद उचित मात्रा में भांग के बीज का जूस पीना चाहिए। यह उनके लिए फायदेमंद होगा।
अगर भांग का सेवन कम मात्रा में किया जाए तो इन्द्रियों और संवेदनाओं तीव्रता बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। जैसे कि स्पष्ट दिखाई देने या सुनाई देने में मदद मिलती है।
सीमित मात्रा में भांग के सेवन से एकाग्रता भी बढ़ती है। इसी वजह से मानसिक बीमारियों के इलाज में प्रयोग की जाने वाली दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसकी मात्रा काफी सीमित रहती है। भांग स्ट्रोक की समस्या में मस्तिष्क को नुकसान से बचाने का काम करती है। भांग का सेवन स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ हिस्सों में समेट कर इसका प्रभाव कम करता है।
भांग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में भी अहम भूमिका निभाता है। दरअसल, लैब में भांग के उपयोग से कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में सफलता पाया गया है। इसके अलावा एचआईवी एड्स की दवाओं में भी भांग का प्रयोग किया जाता है।
जोड़ों का दर्द जिसे आमतौर पर गठिया के नाम से जानते हैं, इसके लिए भी भांग काफी उपयोगी होता है. इसके लिए आपको भांग के बीज के तेल का मालिश करना होता है।
भांग का उपयोग दमा जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए काफी हितकारी है। भांग की 125 मिलीग्राम पत्तियों के साथ 2 ग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम मिश्री मिलाकर खाने से दमा की बीमारी का इलाज मिलता है। इसके अलावा भांग को जलाकर उसके धुंए के रूप में भी लिया जा सकता है। इससे भी दमा की समस्या में राहत महसूस होता है।
भांग की नशीली प्रकृति इसकी सबसे बड़ी कमी रही है। भांग का अधिक मात्रा में सेवन किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए। यह अधिक तेजी से अधिक रक्त भेजने और रक्तचाप बढ़ाने के लिए हृदय को गति प्रदान कर सकता है। इससे मनोविकृति हो सकती है। आइये जानते हैं कि इसका सेवन किसके लिए हानिकारण हो सकता है-
भारत में भांग की खेती नहीं की जाती क्योंकि यह अवैध है। यह भारतीय राज्यों राजस्थान, बिहार, केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के उप-हिमालयी क्षेत्रों में बेतहाशा बढ़ता है। भांग मध्य एशिया का मूल निवासी है और भारत के अलावा यह चीन, पाकिस्तान, इराक, ईरान, यूरोप के कुछ हिस्सों और उत्तरी अफ्रीका में भी पाया जाता है।