कॉटन ब्रश या कॉटन बड को आमतौर पर हम अपने जीवन में कभी न कभी इस्तेमाल करते है. कई लोग इसे अपने घरेलु काम जैसे मेक-अप, बैक्टीरिया, कान से मैल निकालने के लिए करते है. हालांकि इसका इस्तेमाल कभी-कही ही कर पाते है, लेकिन यह हमारे घरेलु जीवन में बहुत उपयोगी है.
इसका दुरुपयोग कैसे किया जाता है?
कपास की कलियों को लकड़ी, प्लास्टिक, या लुढ़का हुआ कागज से बने टुकड़ों टुथपीक की तरह होते है. जिसके दोनों तरफ गोल आकर में कॉटन लगी होती है. यह 1920 के दशक के दौरान लियो गेर्स्टेनज़ांग द्वारा कान की सफाई में इस्तेमाल किया गया, जब उसने देखा कि उसकी पत्नी टूथपिक के साथ अपने बच्चे के कान की सफाई कर रही थी. तब से इसका इस्तेमाल कान की सफाई के लिए होने लगा, लेकिन यह बाहरी सतह पर लगे मैल को साफ़ नहीं कर पाता है. कभी कभी इसे कान के अंदर दवाब डाल कर मैल निकालने में अन्दर पड़ा मैल और अन्दर चला जाता है. इसके अत्यधिक दवाब कान के ड्रम को नुकसान पहुंचाता है.
यह नुकसान का कारण कैसे बनता है?
हाथों के साथ कान के अंदर कॉटन बड का इस्तेमाल करना, आम तौर से इयर ड्रम पर दवाब डालता है. जिससे आसपास का मैल एक साथ जमा हो जाता है. यह दवाब अक्सर कान पर पड़ता है, जिससे सिर्फ कान के ड्रम को ही नुक्सान नहीं पहुंचता बल्कि इससे कान में दर्द भी शुरू हो जाता है. साथ ही कान से रिसाव भी होने लगता है. इसके अतिरिक्त असंतुलन, बहरापन और कुछ समान असामान्यताएं भी होती हैं.
वैकल्पिक उपाय : यद्यपि हम अपने कानों की सफाई के बारे में चिंतित होते है. लेकिन इसपर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत नहीं होती है क्योंकि हमारे कान में नहाते समय पानी चला जाता है, जो हमारे कान के मैल को साफ़ कर देता है. हमारे इयर कैनल इस तरह से डिजाइन होते हैं, जो स्वत ही पर कान के चारों ओर असामान्य मोम को साफ करने में मदद करते है.
यदि हमारे कान के अंदर मैल ज्यादा जमा होने लगता है, जिसे सामान्य रूप से साफ नहीं किया जाता है, तो आप हमेशा एक ईएनटी या किसी भी सामान्य चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं. इसे चिकित्सा निगरानी के तहत इसे साफ करा सकते हैं.
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