पीठ दर्द आमतौर पर पीठ के हड्डियों से संबंधित समस्याओं से जुड़ा हुआ है. हड्डी जो पीठ निर्माण करती है, उसे कशेरुका कहते है, जो मानव रीढ़ की हड्डी बनते हैं. कशेरुका के बीच की डिस्क झटके को अवशोषित करती है और रीढ़ की हड्डी की लचीलापन बनाती है. बढ़ती उम्र के साथ डिस्क डिस्क टूट जाती है. डिस्क के अपघटन से रीढ़ की किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, वहीं सबसे कमजोर लम्बर और गर्भाशय ग्रीवा डिस्क होता हैं.
इस स्थिति के सामान्य लक्षणों में निचले हिस्से में दर्द, कटिस्नायुशूल इत्यादि शामिल हैं. पीठ के दर्द आपके पैर, बाँह,गर्दन तक भी पहुँच जाती है. इस दर्द को होम्योपैथिक मोड डिस्क प्रक्षेपण से ठीक करना फायदेमंद होता है. चूंकि होम्योपैथी का कोई दुष्प्रभाव नहीं है. इसलिए यह मरीजों के लिए सही विकल्प है.
होम्योपैथी को संबोधित करने वाले कुछ सामान्य लक्षण:
होम्योपैथी को संबोधित करने वाले कुछ सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
इस स्थिति के संभावित कारण क्या हैं?
डिस्क प्रोलैप्स के लिए कोई भी एक कारण नहीं है. यह कशेरुका के टूटने के कारण,गंभीर दुर्घटना, उम्र बढ़ने, डिस्क में पानी की सीमा, वजन उठाने इत्यादि से होता है. कमर सबसे नाजुक क्षेत्र है, जो डिस्क प्रकोप के कारण प्रभावित होता है .
होम्योपैथिक उपचार के लाभ
सबसे बड़ा फायदा यह तथ्य है कि उपचार के इस तरीके के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं.
इस स्थिति का इलाज करने के लिए होम्योपैथी की कुछ महत्वपूर्ण दवाएं निम्नलिखित है.
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