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Last Updated: Jul 07, 2023

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट क्या होता है? लक्षण, कारण, परहेज और इलाज

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट प्रकार लक्षण कारण इलाज इलाज की लागत निष्कर्ष

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट क्या होता है?

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट क्या होता है?

प्रोस्टेट एक ऐसी अंग है जो मूत्रमार्ग के हिस्से को चारों तरफ से घेरता है। बढ़े हुए प्रोस्टेट को बिनाइन प्रोस्टेट हाइपरप्लेजिया (बीपीएच) के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो रोगी की पेशाब करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। जब आपका प्रोस्टेट सामान्य से बड़ा होता है तो वह मूत्रमार्ग को निचोड़ता है। यह आपके पेशाब की धारा को कमजोर कर सकता है और आपको बार बार बाथरूम जाने की ज़रूरत पड़ सकती है। यह अन्य परेशान करने वाले मूत्र संबंधी लक्षणों को भी जन्म दे सकता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में इनलार्ज्ड प्रोस्टेट आम है। कुछ लोग इसे कैंसर समझ लेते हैं पर यह कैंसर नहीं है और आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा नहीं है।लोगों में ये बी धारणा होती है कि बढ़े हुए प्रोस्टेट होने का मतलब है कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ गया है। पर जानकार इस बात से इंकार करते हैं। प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले पुरुषों के लिए भी उतना ही है जितना कि सामान्य़ प्रोस्टेट वाले पुरुषों के लिए है।

बढ़ा हुए प्रॉस्टेट के प्रकार (enlarged prostate Ke Prakaar)

पुरुषों में ये आम समस्या है जिसके कोई प्रकार नहीं होते हैं।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट होने के लक्षण (enlarged prostate Ke Lakshad)

प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि है, जो लिंग और मूत्राशय के बीच पेल्विक क्षेत्र में स्थित होती है। यदि प्रोस्टेट बड़ा हो जाता है, तो यह मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकता है यानी उस ट्यूब पर जिससे मूत्र गुजरता है।इस रोग में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं-

  • पेशाब करने में कठिनाई होना
  • बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता
  • मूत्राशय को पूरी तरह खाली करने में कठिनाई
  • पेशाब के अंत में ड्रिब्लिंग
  • पेशाब करने में असमर्थता
  • पेशाब पर संयम ना होना
  • रात में 2 या अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता
  • पेशाब में खून आना और दर्द होना
  • मूत्र प्रवाह की धीमी या विलंबित शुरुआत
  • पेशाब करने की तीव्र और अचानक इच्छा
  • कमजोर मूत्र धारा

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट होने के कारण (enlarged prostate Hone Ke Kaaran)

प्रोस्टेट वृद्धि का कोई वास्तविक कारण पता नहीं चल सका है । हालांकि उम्र बढ़ने से जुड़े कारक इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। साथ ही अंडकोष की कोशिकाओं में परिवर्तन से भी प्रोस्टेट ग्रंथि का विकास संभव है। वहीं टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी इसके बढ़ने का कारण माना जाता है। जिन पुरुषों ने अपने अंडकोष को कम उम्र में हटा दिया है उनमें बीपीएच विकसित नहीं होता है।

बढ़े हुए प्रॉस्टेट के दौरान आपका खान-पान (Aapki Diet Enlarged prostate ke Dooran)

फलों, सब्जियों और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार प्रोस्टेट की रक्षा करता है।प्रोस्टेट को लाभ पहुंचाने के लिए कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:

सैल्मन
सैल्मन स्वस्थ वसा से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं, जो शरीर में सूजन होने से रोकने और कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा सार्डिन और ट्राउट भी लाभकारी हैं।

टमाटर
टमाटर लाइकोपीन से भरपूर होते हैं, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है और प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं को लाभ पहुंचा सकता है। टमाटर की चटनी या सूप के सेवन से शरीर को अधिक आसानी से लाइकोपीन मिल सकता है।फल जैसे जामुन स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी एंटीऑक्सिडेंट के उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो शरीर से मुक्त कणों को हटाने में मदद करते हैं। मुक्त कण शरीर के भीतर क्षति और बीमारी का कारण बन सकते हैं।

ब्रोकली
ब्रोकली और अन्य क्रूसिफेरस सब्जियां, जिनमें फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और गोभी शामिल हैं इनमें सल्फोराफेन नामक एक रसायन होता है। यह कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करता है और एक स्वस्थ प्रोस्टेट को बढ़ावा देता है।

मेवे
मेवे जिंक से भरपूर होते हैं । जिंक प्रोस्टेट में उच्च मात्रा में पाया जाता है और माना जाता है कि यह टेस्टोस्टेरोन और डीएचटी को संतुलित करने में मदद करता है। नट्स के अलावा, शेलफिश और फलियां भी जिंक से भरपूर होती हैं।

खट्टे फल
संतरा, नीबू और अंगूर सभी विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो प्रोस्टेट ग्रंथि की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।

प्याज और लहसुन
प्याज और लहसुन प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट होने पर इन चीजों से करें परहेज (enlarged prostate hone par en cheezo se kare parhez)

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना भी ज़रूरी है जो प्रोस्टेट के लिए अच्छे नहीं हैं जैसे-

रेड मीट
शोध बताते हैं कि रेड मीट ना खाने से प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।ये भी माना जाता है कि प्रतिदिन मांस का सेवन करने से प्रोस्टेट का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है।

डेयरी उत्पाद
डेयरी उत्पाद के नियमित सेवन से बीपीएच का खतरा बढ़ सकता है । मक्खन, पनीर और दूध का सेवन कम करने से बीपीएच के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

कैफीन
कैफीन एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य कर सकता है, जिसका अर्थ है कि इसके सेवन के बाद बार बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है । कॉफी, चाय, सोडा और चॉकलेट के सेवन को कम करने से बीपीएच के मूत्र संबंधी लक्षणों में सुधार हो सकता है।

शराब
शराब भी मूत्र उत्पादन को उत्तेजित कर सकती है। बीपीएच वाले पुरुषों में शराब छोड़ने से उनके लक्षणों में सुधार होता है।

सोडियम
अधिक नमक का सेवन बीपीएच से जुड़े मूत्र पथ के लक्षणों को बढ़ा सकता है। भोजन में नमक कम करने और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से परहेज करने से मदद मिल सकती है।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट होने पर क्या करें (enlarged prostate Hone par kya kare)

  • घर से बाहर जासे पहले पेशाब कर के ही निकलें
  • अपना वज़न नियंत्रण में रखें।
  • लीकेज से बचने के लिए सोखने वाले पैड्स का इस्तेमाल करें।
  • युरेथ्रल मसाज का सहारा लें जिससे लक्षण कम हो सकें।
  • बढ़े हुए प्रोस्टेट में रात को बार बार पेशाब ना लगे इसके लिए शाम को तरल पदार्थ से परहेज करें।
  • पेशाब करते समय मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करें।
  • पेल्विक फ्लोर व्यायाम करें।
  • ऐसी दवाओं से परहेज करें जो लक्षणों को बढ़ा सकती हैं जैसे कि एंटीहिस्टामाइन, डाइयुरेटिक्स और डीकंजेस्टेंट
  • भरपूर नींद लेने की कोशिश करें और स्वच्छता का पालन करें।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट होने पर क्या ना करें (enlarged prostate hone par kya Na Kare)

  • पेशाब लगने पर देरी ना करें। पेशाब में देरी से बीपीएच के लक्षण बढ़ सकते हैं और मूत्र पथ के संक्रमण जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं
  • शराब का सेवन ना करें। शराब का अधिक सेवन प्रोस्टेट के लक्षणों को बिगाड़ सकता है।
  • धूम्रपान ना करें, इससे प्रोस्टेट के सूजन में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट को घर पर ठीक कैसे करे (Home Remedy for enlarged prostate Treatment in Hindi)

लाइकोपीन का सेवन
लाइकोपीन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला तत्व है जो कई फलों और सब्जियों में मौजूद होता है। यह जैतून के तेल में भरपूर मात्रा में होती है और इसके सेवन से प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सुधार होता है प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन का स्तर कम होता है। इसके अलावा टमाटर लाइकोपीन का सबसे समृद्ध स्रोत हैं। आमतौर पर, गुलाबी या लाल रंग के फलों और सब्जियों में लाइकोपीन की मात्रा अधिक होती है।लाइकोपीन के अन्य स्रोतों में शामिल हैं पपीता, मौसम्बी,तरबूज, अमरूद,गाजर,लाल शिमला मिर्च, खुबानी इत्यादि शामिल हैं

ग्रीन टी
ग्रीन टी में उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाने और बढ़े प्रोस्टेट के कोशिकाओं के विकास को संभावित रूप से धीमा कर सकती है।

जिंक
एस्ट्रोजन आंतों में जिंक के अवशोषण को रोकता है। जैसे-जैसे उम्र के साथ किसी व्यक्ति के एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, उनके द्वारा जिंक का सेवन कम होता जाता है। जिंक डीएचटी के उत्पादन को भी कम कर सकता है और एण्ड्रोजन को रिसेप्टर्स से जुड़ने से रोकता है जो कि बीपीएच के लक्षणों को कम करता है।

सॉय
सॉय 5-अल्फा-रिडक्टेस का अवरोधक और कम क्षमता वाला एस्ट्रोजन है। बीटा-साइटोस्टेरॉल इसका एक प्रमुख यौगिक है । जानकार मानते हैं कि बीपीएच वाले लोग अगर इसका सेवन करें तो मूत्र प्रवाह में वृद्धि और मूत्राशय में रुकने वाले मूत्र की मात्रा में कमी आ सकती है ।

ओमेगा-3
ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर आहार प्रोस्टेट की सूजन में भूमिका निभाने वाले यौगिकों की क्रिया को कम करने में मदद कर सकता है।ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में सैल्मन, मैकेरल, और सार्डिन, साथ ही अंडे, अखरोट और कुछ वनस्पति तेल शामिल हैं।

क्रैनबेरी
क्रैनबेरी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो बीपीएच के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकते हैं।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट के इलाज (enlarged prostate Ke Ilaaj)

बीपीएच में यदि जीवनशैली में बदलाव से मदद नहीं मिलती है तो आपको दवा की आवश्यकता हो सकती है ।आपके चिकित्सक आपको ये दवाएं दे सकते हैं-

अल्फा-ब्लॉकर्स
अल्फा ब्लॉकर्स आपके प्रोस्टेट ग्रंथि में और आपके मूत्राशय के आधार पर मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे पेशाब करना आसान हो जाता है।

एंटीकोलिनर्जिक्स
अतिसक्रिय होने पर एंटीकोलिनर्जिक्स मूत्राशय की मांसपेशियों को आराम देता है।

5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर
5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर प्रोस्टेट ग्रंथि को बड़ा होने पर सिकोड़ते हैं।

डाइयुरेटिक्स
डाइयुरेटिक्स मूत्र उत्पादन को तेज करते हैं। यदि इन्हें दिन में लिया जाता है, तो वे रात में आपके द्वारा उत्पादित मूत्र की मात्रा को कम कर देते हैं।

डेस्मोप्रेसिन
डेस्मोप्रेसिन मूत्र उत्पादन को धीमा कर देता है इसलिए रात में कम मूत्र का उत्पादन होता है।

कैथेटर्स
यदि आपको लगातार पेशाब करने में परेशानी हो रही है, जिसे क्रोनिक यूरिन रिटेंशन कहा जाता है, तो आपको अपने ब्लैडर को खाली करने के लिए कैथेटर की आवश्यकता हो सकती है। यूरिनरी कैथेटर एक नरम ट्यूब होती है जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालती है। यह आपके लिंग के माध्यम से, या आपके पेट में बने एक छोटे से छेद के माध्यम से, आपकी प्यूबिक बोन के ऊपर से लगाया जा सकता है।

सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं
यदि अन्य उपचार काम नहीं करते हैं तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो सकती है ।इसमें कई तरह की प्रक्रियें शामिल हैं जैसे-

ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन ऑफ द प्रोस्टेट (टीयूआरपी)
इस प्रक्रिया में एक रेसेक्टोस्कोप नामक उपकरण का उपयोग करके प्रोस्टेट ग्रंथि के हिस्से को निकालना शामिल होता है जो मूत्रमार्ग यानी वह ट्यूब जिसके माध्यम से मूत्र शरीर से बाहर निकलता है, से होकर गुजरता है। यह उन पुरुषों के लिए उपयुक्त है जिनका प्रोस्टेट बढ़ा हुआ है।

ओपेन प्रोस्टेटेक्टॉमी
ओपेन प्रोस्टेटक्टोमी के दौरान, आपके शरीर में एक कट के माध्यम से प्रोस्टेट ग्रंथि को हटा दिया जाता है। यह उन पुरुषों के लिए उपयुक्त है जिनका प्रोस्टेट सामान्य से बड़े आकार का है ।प्रोस्टेटिक यूरेथ्रल लिफ्ट (पीयूएल) इम्प्लांट्स
इस प्रक्रिया में एक सर्जन ऐसे इम्प्लांट्स लगाते हैं जो बढ़े हुए प्रोस्टेट को मूत्रमार्ग से दूर रखता है जिससे वह अवरुद्ध ना हो सके। यह दर्द या पेशाब करते समय कठिनाई जैसे लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।

सिस्टोप्लास्टी
सिस्टोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आंत से ऊतक के एक टुकड़े को मूत्राशय की दीवार में जोड़कर मूत्राशय के आकार को बढ़ाया जाता है। यह उन पुरुषों की मदद कर सकता है जिनके मूत्राशय की मांसपेशियां ब्लैडर के पूरी तरह से भरने से पहले ही सिकुड़ जाती हैं।

प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलिज़ेशन
इस प्रक्रिया में रोगी की कमर या कलाई की एक आर्टरी में एक कैथेटर डाला जाता है। एक्स रे मार्गदर्शन का उपयोग करके, इसे उन रक्त वाहिकाओं में भेजा जाता है जो प्रोस्टेट ग्रंथि को रक्त की आपूर्ति करती हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि की रक्त आपूर्ति को कम करने के लिए इन वाहिकाओं में छोटे प्लास्टिक के कणों को इंजेक्ट किया जाता है, जिससे यह सिकुड़ जाता है। सर्जरी की तुलना में प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलिज़ेशन में जटिलताएं कम होती हैं ।

बोटुलिनम टॉक्सिन
इस प्रक्रिया में मूत्राशय की दीवारों में बोटुलिनम टॉक्सिन के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। यह उन पुरुषों की मदद कर सकता है जिनके मूत्राशय की मांसपेशियां मूत्राशय के भरने से पहले सिकुड़ जाती हैं।

इम्प्लांटेड सेकरल नर्व रूट स्टिमुलेशन
इस प्रक्रिया में एक छोटा विद्युत उपकरण आपकी त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है और बेहतर नियंत्रण के लिए आपके मूत्राशय और युरीन सिस्टम को विद्युत संकेत भेजता है। यह उन पुरुषों के लिए उपयुक्त है जिनके मूत्राशय की मांसपेशियां उनके मूत्राशय के भरने से पहले सिकुड़ जाती हैं।

यूरिनरी डायवर्जन
यूरिनरी डायवर्जन में उन नलियों को जोड़ना शामिल है जो आपके गुर्दे को आपके मूत्राशय से जोड़ने के बजाय सीधे शरीर के बाहर भेजती हैं ताकि पेशाब मूत्राशय में एकत्र हुए बिना बाहर जा सके।

वाटर एब्लेशन
यह प्रक्रिया 2 प्रकार की होती है। पहली में पानी के दबाव का उपयोग प्रोस्टेट के कुछ ऊतकों को नष्ट किया जाता है, जिससे यह छोटा हो जाता है। दूसरे प्रकार में पानी के बजाय भाप को छोड़कर प्रोस्टेट ऊतक को नष्ट किया जाता है ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन की तुलना में वाटर एब्लेशन से साइड इफेक्ट होने की संभावना कम होती है।

बढ़ा हुआ प्रॉस्टेट के इलाज की लागत (enlarged prostate ke Ilaaj ka Kharcha)

भारत में बीपीएच के इलाज की लागत 70,000 रुपए से लेकर 1,50,000 रुपए तक हो सकती है। इलाज की लागत इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रक्रिया के माध्यम से उपचार करा रहे हैं।

निष्कर्ष

पुरुषों में ब्लैडर के पीछे एक छोटी ग्रंथि होती है जिसे प्रोस्टेट कहते हैं। कई बार इस ग्रंथि में सूजन आ जाती है।ऐसी स्थिति में रोगी को पेशाब करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेशाब रुक रुक होता है,पेशाब के दौरान दर्द होता है,ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हो पाता ,कई बार पेशाब रोकने में असमर्थता के कारण लीकेज भी हो जाता है।कम लक्षण होने पर इसे जीवनशैली में बदलाव औऱ दवाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।पर समस्य़ा अधिक होने पर सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

  • बढ़े हुए प्रोस्टेट (एंलार्ज प्रोस्टेट) के इलाज की हालिया विधि को वाटर एब्लेशन कहा जाता है। दो अलग-अलग जल एब्लेशन तकनीकें हैं। सबसे पहले, मूत्रमार्ग के ऊपर एक जांच की जाती है और प्रोस्टेट में पानी डाला जाता है। ऊतक के हिस्से को हटाने के लिए पानी के दबाव का उपयोग करके प्रोस्टेट को आकार में कम किया जाता है।
  • हालांकि अन्य अध्ययनों ने 30 सीसी (36) या 40 सीसी (11, 15) के कटऑफ को नियोजित किया है, 20 सीसी से अधिक प्रोस्टेट की मात्रा को अक्सर संरचनात्मक बीपीएच (2, 35) का संकेत माना जाता है। 40 सीसी से बड़े प्रोस्टेट वाले पुरुष अक्सर अधिक लक्षणों और बदतर परिणामों का अनुभव करते हैं (1,15)।
  • यदि आपको बीपीएच या बढ़ा हुआ प्रोस्टेट है तो यौन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, कुछ उपाय मददगार हो सकते हैं। अध्ययनों में स्तंभन दोष और बीपीएच (बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया) के बीच संबंध पाया गया है। "यह एक भ्रमित करने वाली कहानी है, लेकिन बीपीएच वाले लोगों में अक्सर ईडी होता है।
  • बिनाइन प्रोस्टेटिक एंलार्जेमेंट (बीपीई) बढ़े हुए प्रोस्टेट (एंलार्ज प्रोस्टेट) के लिए चिकित्सा शब्द है, एक ऐसी स्थिति जो पेशाब करने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकती है। बीपीई 50 से अधिक उम्र के पुरुषों में अक्सर होता है। यह कैंसर नहीं है, और आमतौर पर आपके स्वास्थ्य के लिए कोई महत्वपूर्ण जोखिम नहीं है।
  • इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि नियमित सेक्स प्रोस्टेट वृद्धि को रोकता है। बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, जिसे बीपीएच के रूप में भी जाना जाता है, वृद्ध पुरुषों में प्रचलित समस्या है और इसके परिणामस्वरूप मुश्किल पेशाब, बार-बार पेशाब आना और कमजोर मूत्र प्रवाह जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  • पीएसए ब्लड टेस्ट के अलावा घर पर प्रोस्टेट कैंसर का परीक्षण करने की कोई सरल तकनीक नहीं है। डिजिटल रेक्टल परीक्षा के लिए डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है क्योंकि उन्हें गांठ या बढ़े हुए प्रोस्टेट (एंलार्ज प्रोस्टेट) को महसूस करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
  • ओपन रेडिकल प्रोस्टेटेक्टोमी की तुलना में, लैप्रोस्कोपिक प्रोस्टेटेक्टोमी के कुछ लाभ हैं, जिनमें कम रक्त हानि और दर्द, कम अस्पताल में रहना (अक्सर एक दिन से अधिक नहीं), जल्दी ठीक होने का समय, और कैथेटर को मूत्राशय में कम समय की आवश्यकता होती है।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना कई तरह के लक्षण पैदा कर सकता है, जिनमें से सभी समय के साथ ख़राब होते जाते हैं। सामान्य बीपीएच चेतावनी संकेतों और लक्षणों में मूत्र की इच्छा शामिल है जो लगातार या जरूरी है। रात में पेशाब की आवृत्ति में वृद्धि (नोक्टूरिअ)
  • प्रोस्टेट सूजन (प्रोस्टेटाइटिस) से प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो शुक्राणु की गतिशीलता को प्रभावित करती है, या शुक्राणु कैसे पलायन करती है। प्रोस्टेट की सूजन जो मूत्राशय को प्रभावित करती है, प्रतिगामी स्खलन का कारण बन सकती है, जिसमें सीमेन छोड़ने के बजाय मूत्राशय में प्रवेश करता है।
  • कुछ बीपीएच लक्षण असामान्य हैं और यह बीमारी के अधिक गंभीर या उन्नत मामले का संकेत दे सकते हैं। जब आप पेशाब करते हैं तो उनमें दर्द या जलन शामिल होती है।
  • नहीं, अगर इसका ठीक से इलाज किया जाए तोे प्रोस्टेट का बढ़ना उतना खतरनाक नहीं है।
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