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Last Updated: Feb 02, 2023
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फीमेल से मेल सर्जरी - female to male surgery in Hindi

फीमेल से मेल सर्जरी प्रकार फायदे सर्जरी की तैयारी स्टेप्स परेशानियां लागत नुकसान निष्कर्ष

फीमेल से मेल सर्जरी क्या है?

फीमेल से मेल सर्जरी क्या है?

महिला से पुरुष सर्जरी को सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी कहते हैं। इस सर्जरी के दौरान स्तनों को हटाया जाता है और मास्टेक्टॉमी के जरिए इंटीमेट पार्ट को बदल दिया जाता है। मास्टेक्टॉमी को नीचे की सर्जरी भी कहते हैं। इस सर्जरी ने हजारों ट्रांसजेंडर्स को नई पहचान दी है। सर्जरी के दौरान छाती और जननांग को बदल दिया जाता है। इससे आपकी शारीरिक बनावट आपके लिंग से मिलती-जुलती दिखती है। यह सर्जरी निम्न चरणों में पूर्ण होती है।

नीचे की सर्जरी

  • हिस्टेरेक्टॉमी: इस सर्जरी के जरिए गर्भाशय को हटाया जाता है।
  • वैजिनेक्टोमी: इस सर्जरी के जरिए योनि को हटाया जाता है।
  • मेटोइडियोप्लास्टी या फैलोप्लास्टी: इस सर्जरी के माध्यम से एक नए लिंग का निर्माण किया जाता है।
  • मस्टेक्टॉमी: इसके जरिए स्तनों को हटा दिया जाता है।

फीमेल से मेल सर्जरी के प्रकार - female se male surgery ke prakar

छाती का पुनर्गठन

महिला से पुरुष में बदलने के लिए डॉक्टर सर्जरी के माधम से पहले दोनों स्तनों को हटाते हैं। इसे मस्टेक्टॉमी कहा जाता है। इसके अलावा सर्जन निपल्स के आकार और उनकी स्थिति में भी बदलाव करता है।

गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को हटाना

यह सर्जरी का मुख्य भाग होता है। इसके जरिए महिला के नीचे वाले भाग से गर्भाशय, अंडाशय, या फैलोपियन ट्यूब को हटा दिया जाता है। इससे पीरियड और अन्य हार्मोनल एक्टिविटी को बंद कर दिया जाता है। आंशिक हिस्टेरेक्टॉमी के जरिए सर्जन नीचे वाले हिस्से से गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा और बाइलेटरल सैल्पिंगो ऊफोरेक्टॉमी के जरिए दाएं और बाएं फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को हटाया जाता है।

मेटोइडियोप्लास्टी

मेटोइडियोप्लास्टी, एक नए लिंग या नियोपेनिस बनाने की मेथड है। इसमें क्लाइटोरिस (उत्तेजना पैदा करने वाला पार्ट जिसे फीमेल पेनिस भी कहते हैं) को लिंग में बदल दिया जाता है। इस बदलाव या सर्जरी से पहले जेंडर चेंज कराने वाली महिला को एक हार्मोन थेरेपी दी जाती है। इसके बाद वैजिनेक्टोमी के जरिए योनि को हटा दिया जाता है।

फैलोप्लास्टी

फैलोप्लास्टी के जरिए सर्जन नए लिंग या नियोपेनिस का निर्माण करते हैं। इसके लिए सर्जन ग्राफ्टेड स्किन यानी की शरीर के आगे वाले हिस्से जैसे की जांघ, हाथ, पीठ या पेट से स्किन का टुकड़ा लेते हैं। इसका उपयोग नियोपेनिस बनाने में किया जाता है। फैलोप्लास्टी के दौरान सर्जन वैजिनेक्टॉमी के जरिए लिंग के माध्यम से पेशाब निकालने लिए मूत्रमार्ग को लंबा कर देते हैं।

स्क्रोटोप्लास्टी

सर्जरी की इस प्रक्रिया के जरिए अंडकोश बनाने का काम होता है। इसके लिए सर्जन लेबिया (वैजाइना के बाहरी होंठ) को खोखला कर सिलिकॉन टेस्टिकुलर को प्लांट कर अंडकोश बनाता है।

सर्जरी कराने के फायदे - female to male surgery karne ke fayde

  • मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करती है
  • सुसाइड के थॉट को कम करती है
  • मानसिक तनाव को कम करती है
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती है
  • चिंता और डिप्रेशन का स्तर करती है

फीमेल से मेल का ऑपरेशन क्यों कराया जाता है? - female to male ki surgery kyun karayi jaati hai?

यह सर्जरी मुख्य रूप से व्यक्ति की शारीरिक बनावट को बदलने के लिए की जाती है ताकि उनकी शारीरिक बनावट लिंग पहचान से मेल खा सके। जेंडर डिस्फोरिया से ग्रसित लोग सबसे ज्यादा इस सर्जरी को कराते हैं। जेंडर डिस्फोरिया एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित मरीज की शारीरिक बनावट उसके जेंडर से मेल नहीं खाती है। इसके कारण इससे ग्रसित लोग हमेशा तनाव में रहते हैं। उन्हें यह फीलिंग आती है कि उनके शरीर को किसी दूसरे इंसान में फिक्स किया गया है। उदाहरण के लिए लड़की होकर लड़कों जैसे काम करना।

सर्जरी के लिए डॉक्टर को कब दिखाएं - female to male ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein

सामान्य तौर पर जिन लोगों को जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया होता है उनका लिंग परिवर्तन किया जाता है। जेंडर डिस्फोरिया की स्थिति में एक लड़की, लड़के की तरह व्यवहार करती है। वह खुद को अपोजिट सेक्स में ज्यादा सहज महसूस करती है। यह लक्षण 10-12 साल की उम्र से दिखना शुरू हो जाते हैं। जैसे कोई महिला, पुरुषों की तरह कपड़े पहनना पसंद करती है, पुरुषों की तरह चलने की कोशिश करती है, उन्हीं की तरह इशारे करती है। ऐसी स्थिति होने पर लोग सेक्स चेंज करवा सकते हैं।

सर्जरी से पहले की तैयारी - surgery se pehle ki tayari

फीमेल से मेल सर्जरी के लिए कई स्तर पर तैयारी की आवश्यकता होती है। यह सर्जरी के प्रकार और पेशेंट के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। सर्जरी से पहले आपको एक भरोसेमंद डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

  • जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी से पहले साइकेट्रिस्ट से सर्टिफिकेट लेना आवश्यक होता है।
  • सर्जरी के पहले कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोर्ट में एक हलफनामा देना होता है। इसके माध्यम से कोर्ट को लिखित में यह जानकारी दी जाती है कि इस सर्जरी के बाद पेशेंट भविष्य में रिप्रोडक्शन करने में सक्षम नहीं होगा।
  • डॉक्टर सर्जरी की तैयारी के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। ऐसे में आपके द्वारा पहले से उपयोग की जाने वाली किसी भी दवाओं की सही जानकारी अपने डॉक्टर को दें।
  • यदि आपको किसी दवा से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
  • खून को पतला करने वाली दवाएं लेना बंद कर दें। इससे खून का थक्का जमना मुश्किल हो जाता है।
  • सर्जरी से पहले डॉक्टर द्वारा सुझाए गए डाइट प्लान को अपनाएं। आपको लिक्विड आहार लेने की आवश्यकता हो सकती है।
  • किसी भी प्रकार के मेकअप, ज्वैलरी, परफ्यूम, लोशन, नेल पॉलिश और स्प्रे का उपयोग न करें।

जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी के चरण | Gender reassignment ke charan

चेहरे का ऑपरेशन

  • चीकबोन्स: चीकबोन्स को उभारने के लिए ट्रांससेक्सुअल महिलाओं को कई इंजेक्शन दिए जाते हैं।
  • चिन: आप अपनी ठुड्डी के कोणों को नरम या अधिक स्पष्ट कराने के लिए ऑपरेशन करा सकते हैं।
  • जबड़ा: आपके जबड़े को बेहतर बनाने के लिए सर्जन आपके जबड़े में फिलर्स जोड़ सकते हैं।
  • नाक की सर्जरी: अपनी नाक की शेप बदलने के लिए राइनोप्लास्टी करवा सकते हैं।

महिला-से-पुरुष जेंडर रिअसाइनमेंट

सेक्स रिअसाइनमेंट से पहले डॉक्टर महिला के शरीर से मास्टेक्टॉमी के जरिए उसके स्तनों, ऊफोरेक्टॉमी के जरिए गर्भाशय और हिस्टेरेक्टॉमी के जरिए अंडाशय को हटा देते हैं।

सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी में फैलोप्लास्टी की जाती है। इसे रेडियल फोरआर्म फ्लैप मेथड का उपयोग करके किया जाता है। यह दो चरणों में होती है। पहले चरण में सर्जरी के जरिए पेशेंट के शरीर में फैलोप्लास्टी के जरिए एक लिंग और मूत्रमार्ग बनाया जाता है जिसका उपयोग पेशाब जाने के लिए किया जा सकता है। जबकि दूसरे चरण में स्क्रोटोप्लास्टी के जरिए टेस्टिकुलर इम्प्लांट का उपयोग करके अंडकोश बनाए जाते हैं।

सर्जरी के दौरान शरीर में कई सारे कट लगाए जाते हैं। हड्डियों या टिश्यू को काटा जा सकता है। शरीर में स्क्रू या प्लेट्स को इम्प्लांट किया जा सकता है।

सर्जरी के बाद

  • सर्जरी के बाद आपको रिकवरी रूम में लाया जाता है। यहां पर आपको एक से दो दिन निगरानी में रखा जाता है।
  • रिकवरी रूम में डॉक्टर लगातार आपकी हृदय गति और ब्लड प्रेशर को चेक करते हैं।
  • सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी के बाद 5-7 दिन तक आपको नॉर्मल रूम में रहना पड़ा सकता है। यह आपकी रिकवरी करने की क्षमता पर भी निर्भर करता है।
  • पूरी तरह रिकवर होने के बाद आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी के बाद की परेशानियां | female se male surgery ki pareshaniya

  • खून का बहना
  • संक्रमण
  • मूत्राशय की समस्या
  • सेक्सुअल एक्टिविटी
  • एनेस्थीसिया से एलर्जी
  • पेशाब करने में कठिनाई
  • हेमाटोमा (रक्त वाहिकाओं में रक्त जमाव की स्थिति)
  • निप्पल नेक्रोसिस (निपल तक पर्याप्त मात्रा में रक्त का न पहुंचना)

फीमेल से मेल सर्जरी की लागत - female ms male surgery ka kjarcha

  • बैंगलोर: एक लाख 50 हजार से 4 लाख रुपए
  • दिल्ली: एक लाख से 5 लाख रुपए
  • मुंबई: एक लाख 50 हजार से 3 लाख 50 हजार रुपए
  • चेन्नई: एक लाख से 3 लाख 30 हजार रुपए
  • पुणे: 80 हजार से 3 लाख 50 हजार रुपए
  • कोलकाता: एक लाख 20 हजार से 3 लाख रुपए
  • हैदराबाद: एक लाख से 3 लाख 50 हजार रुपए

सर्जरी के दौरान यह खर्च अन्य कारणों से बढ़ सकता है। हालांकि स्वास्थ्य बीमा योजना के आधार पर सर्जरी की पूरी लागत को कम किया जा सकता है।

फीमेल से मेल सर्जरी के नुकसान - female to male surgery ke nuksaan

सर्जरी से जुड़े दुष्प्रभावों में प्रतिकूल एनेस्थेटिक प्रतिक्रियाएं, ब्लड लॉस, रक्त के थक्के और संक्रमण शामिल हो सकते हैं। फीमेल से मेल सर्जरी के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव नीचे दिए गए हैं।

  • हेमाटोमा (रक्त वाहिकाओं में रक्त का जमना)
  • फोड़े बनना
  • सेरोमा (सर्जरी के बाद बने घाव के रोग)
  • संवेदना का नुकसान
  • स्कारिंग (घाव भरने के बाद त्वचा का उभरना)
  • यूरिन संबंधी कठिनाइयां

निष्कर्ष - Conclusion

जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी के दौरान चेहरे, छाती या जननांग को बदला जाता है। इसे आप एक ही सर्जरी के जरिए या कई अलग-अलग ऑपरेशन्स के जरिए करा सकते हैं। सर्जरी से पहले और बाद में साइकेट्रिस्ट की मदद लेना जरूरी है। हाल ही में हुए शोध के अनुसार भरोसेमंद डॉक्टर की सलाह के आधार पर इस सर्जरी के बाद एक सकारात्मक रवैया बनाने में मदद मिलती है। सर्जरी कराने वाले हर व्यक्ति को इस सर्जरी से भरे जोखिम,उसके लाभ और अन्य विकल्पों पर अपने डॉक्टर और साइकेट्रिस्ट से चर्चा करनी चाहिए।

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Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
General Physician
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