साइनस की गंभीर स्थितियों के लिए की जाने वाली न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी को फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी (FESS) के नाम से जाना जाता है। हेल्थ-केयर प्रोवाइडर्स सर्जरी करने के लिए नेसल एंडोस्कोप का उपयोग करते हैं। ये एंडोस्कोप पतली ट्यूब जैसे होते हैं जिनमें लाइट और लेंस लगा हुआ होता है। इन एंडोस्कोप की मदद से साइनस के लक्षणों को कम करने के लिए सर्जरी की जा सकती है वह भी आपकी नाक में या उसके आसपास चीरा लगाए बिना। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की यह सर्जरी हुई है उनमें से 80% से 90% लोगों को लगता है कि इससे उनके साइनस की समस्या हल हो गई है।
फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी, एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है जिसका उपयोग साइनस के वेंटिलेशन और नाक के कार्य को सामान्य बनाये रखने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को बार-बार एक्यूट या क्रोनिक इंफेक्टिव साइनोसाइटिस होता है, उनके लिए इस सर्जरी का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद रोगी के साइनस के लक्षणों में 90 प्रतिशत तक सुधार हो सकता है। निदान के लिए और प्रक्रिया के दौरान फाइबरऑप्टिक दूरबीनों का उपयोग किया जाता है, और कंप्यूटेड टोमोग्राफी का उपयोग शरीर रचना विज्ञान का आकलन करने और रोगग्रस्त जगहों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
जिन रोगियों में चिकित्सा उपचार का कोई फ़ायदा नहीं होता है, उनके लिए फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी उपयोग की जाती है। जनरल या लोकल एनेस्थीसिया के तहत, आउट पेशेंट के आधार पर, ये सर्जरी की जा सकती है, और रोगियों को आमतौर पर बहुत ही कम असुविधा का अनुभव होता है। इस प्रक्रिया की जटिलता दर पारंपरिक साइनस सर्जरी की तुलना में कम है।
फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी (एफईएसएस) एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है, जिसमें साइनस एयर सेल्स और साइनस ओस्टिया को डायरेक्ट विज़ुअलाइज़ेशन के तहत खोला जाता है। इस प्रक्रिया का लक्ष्य है: साइनस वेंटिलेशन और सामान्य कार्य को ठीक करना।
नाक और साइनस सर्जरी कई प्रकार की होती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं
इस सर्जरी में, सर्जन एक कैमरे से लैस एक एंडोस्कोप को नाक के अंदर डालता है और इसकी मदद से साइनस तक पहुँचता है। इसकी मदद से सर्जन साइनस के अंदर देख सकता है, और साइनस से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एंडोस्कोप के अंदर फिट होने वाले सर्जिकल उपकरणों का उपयोग करता है। नाक, ट्यूमर, या अन्य अवरोध जिनके कारण वायु प्रवाह और साइनस ड्रेनेज में परेशानी हो रही है उनको हटाने के लिए, इस न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया का उपयोग सेप्टम, हड्डी और कार्टिलेज की पतली दीवार जो नाक को दो चैम्बर्स में विभाजित करती है, उसकी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर, सेप्टम सीधा होता है। कभी-कभी, हालांकि, यह मुड़ा हुआ या टेढ़ा होता है। इसे डेविएटेड सेप्टम के रूप में जाना जाता है। सेप्टोप्लास्टी, एक शल्य प्रक्रिया है जिसका उपयोग डेविएटेड सेप्टम को सीधा करने के लिए किया जाता है जिससे सांस लेने में सुधार हो सके और साइनस संक्रमण और नाक से खून बहने को कम किया जा सके। यह एंडोस्कोप का उपयोग करके या चीरे के माध्यम से किया जा सकता है।
टर्बिनेट, नाक में पतली हड्डियाँ होती हैं। वे एक म्यूकस मेम्ब्रेन से ढकी होती हैं। जैसे ही हवा अंदर ली जाती है और नाक से गुजरती है, टर्बिनेट्स इसे छानते हैं, गर्म करते हैं और इसे नम करते हैं। एलर्जी, साइनस संक्रमण और ऊपरी श्वसन संक्रमण के कारण, टर्बिनेट म्यूकस मेम्ब्रेन में सूजन और वृद्धि हो सकती है। बढ़े हुए टर्बिनेट से एयरफ्लो बाधित हो सकता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
बढ़े हुए टर्बिनेट्स का इलाज करने के लिए, एक सर्जन प्रभावित टर्बिनेट्स या उनके कुछ हिस्सों को हटा सकता है, उन्हें पुनर्स्थापित कर सकता है, या बढ़े हुए म्यूकस मेम्ब्रेन के आकार को कम करने के लिए लेजर या रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन का उपयोग कर सकता है। इलाज के लिए कौनसी प्रक्रिया उपयोग की जाती है उसके आधार पर, सर्जरी के लिए एक छोटे चीरे की आवश्यकता हो सकती है या यह एंडोस्कोप का उपयोग करके सर्जरी की जा सकती ।
इसे, साइनस ओस्टियल डायलेशन या बैलून ओस्टियल डायलेशन के रूप में भी जाना जाता है। इस न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया का उपयोग क्रोनिक साइनोसाइटिस के इलाज के लिए किया जाता है। सर्जन नाक में कैथेटर नामक एक पतली, लचीली ट्यूब डालता है और इसे साइनस में गाइड करता है। कैथेटर के अंत में एक डीफ्लेटेड बैलन होता है।
जब बैलून को साइनस के अवरुद्ध हिस्से के भीतर स्थित कर दिया जाता है, तो सर्जन इसे फुलाता है, इसे डिफ्लेट करता है, फिर इसे फिर से रीइन्फ्लेट करता है। यह साइनस के प्रभावित हिस्से को फैलाता है और खोलता है, जो ड्रेनेज और वायु प्रवाह में सुधार होता है। प्रक्रिया के बाद बैलून और कैथेटर हटा दिए जाते हैं।
एडेनोइड्स, ऊपरी फैरिंक्स में टिश्यू के छोटे-छोटा मास्सेस होते हैं (ट्यूब मुंह और नाक को एसोफैगस से जोड़ती है)। एडेनोइड संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। कुछ मामलों में, बच्चों में एडेनोइड बढ़ जाते हैं, जिससे नाक के माध्यम से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में, एक सर्जन एक एडेनोइडेक्टोमी कर सकता है, या एडेनोइड्स को सर्जरी द्वारा हटा सकता है।
ट्रेडिशनल साइनस सर्जरी विकल्पों की तुलना में, फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी के कई फायदे हैं। मुख्य लाभों में शामिल हैं:
पुरानी साइनस समस्याओं को रोकने के लिए जो मानक सर्जरी है उसे फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी (FESS) के नाम से जाना जाता है। ये सर्जरी आपको साइनस की समस्या से निजात दिलाती है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। हेल्थकेयर प्रोवाइडर, क्रोनिक साइनोसाइटिस के इलाज और नाक के जंतु को हटाने के लिए यह सर्जरी करते हैं। यदि आपका साइनोसाइटिस काफी पुराना है और चिकित्सा उपचार से मदद नहीं मिली है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पूछें कि क्या फैस सर्जरी करवाना एक विकल्प है।
आपको साइनस सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है यदि:
सुनिश्चित करें कि सर्जरी जब हो जाये तो आपको घर ले जाने के लिए कोई आपके साथ हो। एनेस्थीसिया और दर्द की दवा के उपयोग से होने वाले असर के कारण आप खुद वाहन नहीं चला पाएंगे और खुद से वाहन चलाना असुरक्षित हो सकता है।
जोखिम, लाभ और अन्य विकल्पों के साथ-साथ ठीक से समझें कि सर्जरी की क्या योजना है।
अपने चिकित्सक को बताएं कि आप कौनसी दवाएं और प्राकृतिक स्वास्थ्य उत्पाद का सेवन करते हैं। कुछ दवाएं, आपकी सर्जरी के दौरान समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि आपको सर्जरी से पहले उनमें से कौनसी दवा का उपयोग बंद करना चाहिए और इसे कितनी जल्दी करना चाहिए। अपनी सर्जरी से कम से कम 10 दिन पहले एस्पिरिन का उपयोग बंद कर दें। यहां तक कि एस्पिरिन की थोड़ी मात्रा भी सर्जरी के दौरान और बाद में, अत्यधिक ब्लीडिंग का कारण बन सकती है।
यदि आपकी सर्जरी में जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग किया गया है, तो अपनी सर्जरी के दिन आधी रात के बाद कुछ भी न खाएं या पिएं। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपकी सर्जरी शुरू होने से ठीक पहले जनरल एनेस्थीसिया आपको देगा।
गंभीर साइनस स्थितियों के इलाज के लिए फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी एक मानक प्रक्रिया है। हेल्थकेयर प्रोवाइडर अपनी एप्रोच को अधिक रिफाइन करना जारी रखते हैं। निम्नलिखित तरीके से प्रक्रिया की जाती है:
आपको रिकवरी रूम में कुछ समय रहना होगा ताकि आपका हेल्थ-केयर प्रोवाइडर आपकी स्थिति की निगरानी कर सके। आप सर्जरी के बाद खुद से वाहन चलाने में असमर्थ होंगे, इसलिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होगी जो आपको घर ले जाए और पहली रात आपके साथ रहे। आपका हेल्थ-केयर प्रोवाइडर आपको बताएगा कि सर्जरी के बाद आपको क्या करना है। यहां कुछ सामान्य जानकारी दी गई है:
आपको पूरी तरह से ठीक होने में कुछ महीने लग सकते हैं। अधिकांश लोग एक या दो सप्ताह में वापिस अपने काम पर जा सकते हैं और दो सप्ताह के भीतर अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू कर देते हैं।
आप अपना सामान्य आहार खा सकते हैं। यदि आपका पेट खराब है, तो सादा चावल, भुना हुआ चिकन, टोस्ट और दही जैसे कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। सर्जरी के तुरंत बाद गर्म और मसालेदार भोजन से बचें। इससे आपकी नाक बह सकती है।
आपकी सर्जरी के ठीक बाद आपका मल त्याग अनियमित हो सकता है। यह आम है। मल त्याग के साथ कब्ज और तनाव से बचने की कोशिश करें। आप हर दिन फाइबर सप्लीमेंट ले सकते हैं। यदि आपको कुछ दिनों के बाद मल त्याग नहीं हुआ है, तो अपने डॉक्टर से हल्के लैक्सेटिव लेने के बारे में पूछें।
हर किसी व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, लेकिन अधिकांश रूप से फंक्शनल एंडोस्कोपिक सर्जरी लगभग दो घंटे तक चलती हैं।
रक्तस्राव: हालांकि साइनस सर्जरी के साथ रक्तस्राव का जोखिम बहुत कम होता है, लेकिन दुर्लभ स्थितियों में बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो सकता है। इस रोकने के लिए प्रक्रिया को समाप्त करने की आवश्यकता होती है। सर्जरी के बाद रक्तस्राव के लिए नाक की पैकिंग और अस्पताल में एडमिट होने की आवश्यकता हो सकती है। ब्लड ट्रांस्फ्यूज़न की भी आवश्यकता हो सकती है।
पोस्टऑपरेटिव संक्रमण: किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया में पोस्ट-ऑपरेटिव संक्रमण का खतरा होता है। यदि सर्जरी के बाद कोई संक्रमण विकसित होता है, तो एंटीबायोटिक्स निर्धारित किए जाते हैं।
बार-बार होने वाला साइनस संक्रमण: हालांकि एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी करवाने के महत्वपूर्ण लाभ होते हैं, लेकिन सर्जरी साइनोसाइटिस का इलाज नहीं है। आपको सर्जरी के बाद साइनस की दवाएं लेनी पड़ सकती हैं। सर्जरी का लक्ष्य है: लक्षणों को बार-बार होने से रोकना और उनकी को कम करना। कुछ मामलों में, अतिरिक्त सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
अन्य जोखिम: कुछ लोगों को साइनस सर्जरी की वजह से जोखिम और जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि ये स्थिति बनी रहती है, तो इसके लिए अतिरिक्त सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। आप कुछ समय के लिए ऊपरी सामने के दांतों में सुन्नता या बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं। सूजन, चोट लगना, या होंठ में कुछ समय के लिए सुन्नता हो सकती है, साथ ही आंखों के आसपास सूजन या चोट लग सकती है। आपकी आवाज़ में कुछ परिवर्तन हो सकते हैं।
फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी या एफईएसएस(FESS) की लागत आमतौर पर 55,000 रुपये से शुरू होती है और 60,000 रुपये तक जा सकती है। हालांकि, यह एक अनुमानित लागत है और साइनस संक्रमण के प्रकार, उपचार की विधि (यदि सेप्टोप्लास्टी की आवश्यकता है), रोगी की चिकित्सा स्थिति आदि के आधार पर कुल कीमत भिन्न हो सकती है।
भारत में फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की न्यूनतम लागत है: लगभग रु. 55,000
भारत में फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की औसत लागत है: लगभग रु. 57,500
भारत में फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की अधिकतम लागत है: लगभग रु 60,000
साइनस संक्रमण के कारण आपको थकावट और स्ट्रेस हो सकता है। जिन लोगों में क्रोनिक साइनोसाइटिस का निदान किया जाता है और जिनके लिए डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब्ड दवाएं कोई असर नहीं दिखाती हैं, उनके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो सकती है जो सहायक हो सकती है।
'साइनस सर्जरी में, पर्याप्त वेंटिलेशन और ड्रेनेज के लिए नेचुरल पैसेज-वेज़ खोले जाते हैं। इस प्रक्रिया से साइनस होने पर, दवा को बेहतर तरीके से डाला सकता है।