पित्ताशय शरीर के दाहिनी ओर लीवर के नीचे की ओर स्थित एक छोटी थैली होती है। आपकी पित्ताशय की थैली पाचन में मदद करने के लिए लीवर में बने पित्त को स्टोर और रिलीज करती है। पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन जैसे त्तव भी होते हैं जिन्हें आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को तोड़ने पर बनाता है।
गॉलस्टोन या पित्ताशय की पथरी में पित्ताशय के अंदर यही तत्व जमा होकर कठोर कंकड़ जैसा स्वरूप ले लेते हैं।ये रेत के दाने जितने छोटे या गोल्फ बॉल जितने बड़े हो सकते हैं। ये कठोर पदार्थ जिन्हें पथरी के नाम से जाना जाता है, पित्ताशय की थैली या पित्त नली में विकसित हो जाते है। पथरी अकसर कॉलेस्ट्रॉल या बाइलुरुबिन के कठोर होने से बनती है।
पित्ताशय की पथरी होने के कारण भिन्न हो सकते हैं। पित्ताशय की पथरी के दो मुख्य प्रकार हैं:
गॉल्स्टोन से पीड़ित अधिकांश लोगों में कोई खास लक्षण नहीं होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पथरी पित्ताशय की थैली में रहती है और कोई समस्या नहीं होती है। पर कभी-कभी पथरी पित्ताशय में कोलेसिस्टाइटिस या सूजन का कारण बन सकती है। ऐसे में सबसे पहले रोगी को पेट में दर्द शुरु होता है।
ये तेज़ी से बढ़ता है और असहनीय हो जाता है। यह दर्द शरीर के दाहिनी ओर, पसलियों के ठीक नीचे, कंधे के ब्लेड के बीच या दाहिने कंधे में हो सकता है।इसके अलावा कुछ और संकेत भी हैं जो पथरी होने की तरफ इशारा करते हैं जैसे:
पथरी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-
पथरी की बीमारी में ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसे पचाने में शरीर को अधिक ममेहनत ना करनी पड़े। अगर आप पित्ताशय की पथरी से पीड़ित हैं तो निम्नलिखित चीज़ों का सेवन करने की कोशिश करें-
मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं:
जब कोई पित्ताशय की पथरी से पीड़ित होता है तो डॉक्टर सबसे पहले संक्रमण,किसी तरह की रुकावट,पैंक्रिएटाइटिस, या पीलिया के लक्षण देखने के लिए रक्त परीक्षण कराते हैं । इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी कराए जा सकते हैं जैसे:
भारत में पथरी के इलाज का खर्च 40,000 रूपए से लेकर 2,00000 रुपए तक हो सकता है। हालांकि किसी के इलाज पर कितना खर्च आएगा ये रोगी की स्थिति और वो किस अस्पताल में और किस डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं इस पर भी निर्भर करता है।
पित्ताशय की पथरी आमतौर पर पित्ताशय में कोलेस्ट्राल या बिलिरुबिन के कठोर हो जाने के कारण होती है।इसमें व्यक्ति को पसलियों के नीचे कंधों के पास तेज़ दर्द,उल्टी,एसिडिटी तेज़ी से पसीना आने की शिकायत होती है।छोटी पथरियों को दवाओं के माध्यम से मैनेज किया जा सकता है ।पर पथरी का आकार बड़ा होने पर सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज है।