बॉयलस(फोड़े), त्वचा पर मवाद से भरे फोड़े होते हैं जो स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक जीवाणु के कारण बनते हैं। वे ये अक्सर, खराब स्वच्छता या कुपोषण के कारण होते हैं लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या कुछ रसायनों या दवा के संपर्क में आने के कारण भी हो सकते हैं। सौभाग्य से, न केवल ये बाहरी त्वचा से सम्बंधित हैं और इन्हें स्पॉट करना आसान है, बल्कि इनका इलाज घर पर भी किया जा सकता है। फोड़े के इलाज के लिए कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
बॉयलस(फोड़े) के लिए सबसे अच्छा और सबसे प्रसिद्ध उपचार में से एक है: वार्म कंप्रेस, क्योंकि यह मवाद को बाहर निकालने में मदद करता है। इस उपचार को करने के लिए आप गुनगुने पानी में कुछ चम्मच नमक मिलाएं और उसमें एक साफ़ कपड़े को डुबायें।
इसके बाद उस कपड़े को प्रभावित जगह पर लगाएं। इस कपड़े को उस जगह पर दस से पंद्रह मिनट तक लगाए रखें। मवाद को साफ करने और इसे होने से रोकने के लिए, इस प्रक्रिया को दिन में कई बार करें। इसे कम से कम दिन में दो बार किया जाना चाहिए।
टी ट्री ऑयल, बॉयलस(फोड़े) के लिए एक और प्रसिद्ध घरेलू उपचार है। एंटीसेप्टिक होने के नाते, टी ट्री ऑइल सभी प्रकार की त्वचा की समस्याओं और संक्रमण के इलाज के लिए अच्छा है। आपको बस त्वचा पर प्रभावित जगह पर इसकी एक बूंद लगानी है।
तेल के एंटीसेप्टिक गुण, बॉयलस(फोड़े) पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद करेंगे जिसके कारण ये बॉयलस(फोड़े) हुआ है या बढ़ रहा है। साथ ही बॉयलस(फोड़े) को तेजी से ठीक करने में भी मदद करेगा। वार्म कंप्रेस की प्रक्रिया को करने के दौरान, बीच में त्वचा को ठीक करने के लिए टी ट्री ऑयल को लगाया जा सकता है, जब पस को पूरी तरह निकाल दिया गया हो।
हल्दी पाउडर, एक प्राकृतिक रक्त शोधक(ब्लड प्यूरीफायर) है जिसमें एंटीबैक्टीरियल के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी विशेषताएं हैं। अपनी एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण, यह बॉयलस(फोड़े) को जल्दी से ठीक करने में मदद करता है। हल्दी और अदरक का पेस्ट बॉयलस(फोड़े) को होने से रोकता है।
सेंधा नमक, मवाद को सूखने में मदद करता है जिससे बॉयलस(फोड़े) सूख जाता है। सेंधा नमक और पानी के घोल में भिगोए हुए कपड़े से प्रभावित जगह पर, रोजाना 15 - 20 मिनट तक कंप्रेस(सेक) करें।
कैस्टर ऑयल में, रिसिनोलिक एसिड नामक यौगिक मौजूद होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसीलिए, बॉयलस(फोड़े) के प्राकृतिक उपचार के लिए, उसपर सीधे कैस्टर ऑयल लगाया जाता है। बॉयलस(फोड़े) से छुटकारा पाने के लिए आपको दिन में कम से कम 3 बार कैस्टर ऑयल लगाने की आवश्यकता है।
नीम को, हर किसी के द्वारा, इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। आपको दिन में कम से कम 3-4 बार बॉयलस(फोड़े) पर सीधे नीम का तेल लगाना चाहिए। नीम का तेल, बॉयलस(फोड़े) को तेजी से ठीक करने में मदद करता है। नीम का तेल, बॉयलस(फोड़े) के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।
ताजा लहसुन से रस निकालकर और इसे सीधे बॉयलस(फोड़े) पर 15-20 मिनट के लिए लगाना चाहिए। इस उपचार को रोजाना कम से कम दो बार करना चाहिए। हल्दी और अदरक का पेस्ट, बॉयलस(फोड़े) को होने से रोकता है।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, नेओस्पोरिन जैसे ऑइंटमेंट को बॉयलस(फोड़े) पर लगाया जा सकता है।
प्याज में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं और बॉयलस(फोड़े) से मवाद को बाहर निकालने में मदद करते हैं। आपको प्याज को मोटे टुकड़े में काटें और उसे बॉयलस(फोड़े) पर रखें। प्याज, गर्मी उत्पन्न करता है जो शरीर के प्राकृतिक उपचार तंत्र को उत्तेजित करता है।
दूध पीने से, इसमें मौजूद विटामिन और आवश्यक पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण, बॉयलस(फोड़े) के संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। आप दूध में हल्दी भी मिला सकते हैं और अच्छे परिणाम के लिए उबालने के बाद इसे पी सकते हैं।
जीरे का बॉयलस(फोड़े) पर ठंडा प्रभाव पड़ता है। आप कुछ मिनटों के लिए जीरे को पानी में भिगो दें और उसके बाद इसका पेस्ट बनाकर बॉयलस(फोड़े) पर लगायें, इससे बॉयलस(फोड़े) के आसपास की जलन को कम करने में मदद मिलेगी।
दही को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें।
ज्यादातर बॉयलस(फोड़े), स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया द्वारा होने वाले बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होते हैं। अगर बॉयलस(फोड़े) के आसपास की त्वचा को साफ नहीं किया जाता है तो इससे आसपास के क्षेत्र में भी संक्रमण फैल जाएगा। बॉयलस(फोड़े) को फैलने को रोकने के लिए अपनी त्वचा को साफ रखें।
सारांश: बॉयलस(फोड़े) को कंप्रेस, नीम, कैस्टर ऑयल, टी ट्री ऑयल, दही, जीरा, कच्चे प्याज का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। दूध पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
ये उपाय काफी सुरक्षित हैं और अगर इनका सही तरीके से और देखभाल के साथ उपयोग किया जाए तो इसके साइड-इफेक्ट होने का कोई खतरा नहीं है। कुछ विशिष्ट मामलों में, हालांकि, दुष्प्रभाव होने की संभावना है। ये साइड-इफ़ेक्ट आमतौर पर उपचार के अनियंत्रित प्रशासन का परिणाम होते हैं या उपचार का संचालन करने वाले लोगों की ओर से सावधानी न बरतने के कारण होते हैं। निम्नलिखित में से ये हो सकते हैं:
यदि रोगी को टी ट्री ऑयल से एलर्जी है, तो एलर्जिक रिएक्शन के रूप में, प्रभावित जगह पर इसे लगाने से त्वचा सूज जाती है। हालांकि, टी ट्री ऑयल से किसी को एलर्जी होना बहुत ही असामान्य बात है, लेकिन यह आम दुष्प्रभाव नहीं है। हालांकि, सावधानी बरती जानी चाहिए जब भी कोई नया पदार्थ ऐसी त्वचा पर लगाया जाये, जो पहले से ही बॉयलस(फोड़े) जैसी समस्या का सामना कर रही हो।
जब बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बॉयलस(फोड़े) हो जाते हैं, तो यदि स्वछता के साथ इनका उपचार नहीं किया जाता है तो संक्रमण बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए सुनिश्चित करें कि, आप वार्म कंप्रेस करने के लिए एक साफ कपड़े का उपयोग करें। वार्म कंप्रेस को तैयार करते समय, पानी में कुछ मात्रा में पोटेशियम परमैंगनेट को मिलाने से कोई नुकसान नहीं होता है।
यह सुनिश्चित करेगा कि खुले घाव या उसके आसपास की त्वचा किसी भी अतिरिक्त बैक्टीरिया के संपर्क में न आए, जिससे इसकी स्थिति और अधिक खराब न हो।
सारांश: प्रभावी होने के बावजूद, कुछ घरेलू उपचारों के कुछ दुष्प्रभाव होते हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं, इसलिए अपने घरेलू उपचार का चयन केवल तभी करें जब आप किसी विशेष पदार्थ से एलर्जिक या संवेदनशील न हों। अधिक मात्रा में किसी भी घरेलू उपचार का उपयोग न करें क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
उपाय के बाद के कोई प्रमुख दिशानिर्देश नहीं हैं क्योंकि बॉयलस(फोड़े) एक ऐसी समस्या है जो जल्द ही उचित उपचार के साथ कम हो जाती है। हालांकि, मवाद को जमा होने से रोकने और प्रभावित जगह को साफ और बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए, समस्याओं के कम होने के बाद भी, उपचार को कुछ दिनों तक जारी रखना चाहिए। ध्यान रखने योग्य अन्य बातें हैं:
सारांश: उपाय के बाद के दिशानिर्देशों का पालन करें। घाव के आसपास की जगह को साफ़ रखें, घाव को छूने या खरोंचने से बचें।
ये उपाय, शुरू होते ही परिणाम दिखाना शुरू कर देंगे। वार्म कंप्रेस से, पहली ही बार में लगाने के बाद, मवाद निकलना शुरू हो जाएगा। हालांकि, अगर इस उपाय को दिन में दो बार रोजाना किया जाता है, तो यह उपाय प्रभावित जगह को पूरी तरह से ठीक करने के लिए एक से दो सप्ताह लेगा। यदि आप और जल्दी परिणाम चाहते हैं, तो आप वार्म कंप्रेस को लगाने के बाद, इसके साथ ही टी ट्री ऑयल का उपयोग करें, दिन में छह बार तक।
सारांश: आमतौर पर पूरी तरह से ठीक होने में एक से दो सप्ताह लगते हैं यदि उपचार को ठीक से किया जाता है।
जब सुरक्षित रूप से और सही तरीके से इन उपायों का प्रयोग किया जाता है तो इनके परिणाम स्थायी होते हैं। हालांकि, चूँकि बॉयलस(फोड़े) प्रतिरक्षा समस्याओं, खराब पोषण, या कई अन्य समस्याओं के साथ खराब स्वच्छता के कारण भी हो सकते हैं, वे शरीर के अन्य जगहों पर दोबारा हो सकते हैं यदि अंतर्निहित कारण को ठीक नहीं किया जाता है।
सारांश: यदि दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन किया जाता है, तो उपाय का परिणाम स्थायी हो सकता है।
जैसा कि यह एक काफी सरल प्रक्रिया है जिसे घरेलू वस्तुओं और ओवर-द-काउंटर दवा के साथ प्रशासित किया जा सकता है, इस तरह के घरेलू उपाय को प्रशासित करने के लिए कोई प्रशिक्षण आवश्यक नहीं है। हालांकि, इनमें से किसी का भी उपयोग करने से पहले, एक बार डॉक्टर से परामर्श करने में कोई परेशानी नहीं है।
सारांश: इन घरेलू उपचारों को करने के लिए कोई प्रशिक्षण या विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता नहीं है।