ऐसे समय में जब दुनिया कोविड-19 और मंकीपॉक्स वायरस से जूझ रही है, चीन में एक नया ज़ूनोटिक वायरस - लैंग्या वायरस ने दस्तक दी है, जिसने 10 अगस्त, 2022 तक 35 लोगों को संक्रमित किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लैंग्या हेनिपावायरस (एलवाईवी) का मानव संक्रमण होना जरूरी नहीं है। इसके संक्रमित लोगों के निकट संपर्क में आने से संक्रमण फैलने का कोई सबूत नहीं मिला है। सभी संक्रमित लोग पूर्वी चीन के हेनान और शेडोंग प्रांत के हैं।
वर्तमान में, ताइवान के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) पाए गए नए घातक वायरस के प्रसार का पता लगाने के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट विधि विकसित करने की कोशिश कर रहा है। यह बुखार वाले रोगियों के गले के सैंपल से वायरस का पता चला था।
लैंग्या हेनिपावायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। अब तक, मानव-से-मानव फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सीडीसी ने लोगों को वायरस के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी है।
हाल ही में घरेलू पशुओं पर किए गए सीरोलॉजिकल सर्वे से पता चला है कि लगभग दो प्रतिशत परीक्षण की गई बकरियां और पांच प्रतिशत परीक्षण किए गए कुत्ते वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
25 जंगली जानवरों की प्रजातियों पर किए गए टेस्ट से पता चला है कि छछूंदर(shrew), जो एक छोटा कीटभक्षी स्तनपायी है, जो एक चूहे की तरह दिखता है, वायरस का प्राकृतिक भंडार लगता है, क्योंकि यह कुल 27 प्रतिशत लैंग्या हेनिपावायरस से संक्रमित मिले हैं।
लैंग्या वायरस आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षणों के साथ होता है। एक नज़र देखें:
कुछ रोगियों में सफेद रक्त कोशिकाओं में कमी, प्लेटलेट काउंट में गिरावट, लीवर फेल्योर और किडनी फेल्योर जैसे लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है।
लैंग्या वायरस घातक निपाह वायरस के परिवार से संबंधित है जो विशेष रूप से चमगादड़ों में पाया जाता है। जैसा कि पहले से ही ज्ञात है, निपाह वायरस भी कोरोना वायरस संक्रमण की तरह श्वसन बूंदों(ड्रोप्लेट) के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, लेकिन यह अधिक घातक होता है। यह 3 चौथाई मनुष्यों को मारता है।
हालांकि, हाल ही में पाए गए लैंग्या वायरस के मामलों में हल्के फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं और यह जीवन के लिए खतरा नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस अभी भी घातक साबित हो सकता है क्योंकि इससे निपटने के लिए कोई टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है। इस संक्रमण का इलाज करने का एकमात्र तरीका इसके कारण उत्पन्न होने वाले लक्षणों और जटिलताओं के प्रबंधन के उद्देश्य से सहायक देखभाल होता है।
इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने निपाह वायरस को अगली महामारी का सबसे बड़ा खतरा बताया है।
विशेषज्ञों ने हेनिपावायरस की दो प्रजातियों की पहचान की है - हेंड्रा वायरस और निपाह वायरस। हेंड्रा वायरस पहली बार ब्रिस्बेन उपनगर में पाया गया था, जबकि दोनों प्रजातियों को गंभीर संक्रमण, कभी-कभी घातक होने के लिए जाना जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने हेनिपावायरस को जैव सुरक्षा स्तर 4 के खतरे के रूप में भी वर्गीकृत किया है, जिसमें मृत्यु दर 40 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है।
सौभाग्य से, एलएवी(LayV) के कारण कोई मौत नहीं हुई है।
जूनोटिक रोग का अर्थ है एक संक्रामक रोग जो एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलता है। इसमें संचरण पशु से मानव या इसके विपरीत हो सकता है।
कोविड-19, मंकीपॉक्स और हेंड्रा वायरस (HeV) जूनोटिक वायरस के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में ए ज़ूनोटिक हेनिपावायरस इन फेब्राइल पेशेंट्स इन चाइना शीर्षक के तहत प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार दावा किया गया कि नया हेनिपावायरस पहली बार चीन में पाया गया था।
नहीं, इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि यह वायरस अभी तक चीन से बाहर गया है।
लैंग्या वायरस अभी भी चीन के भीतर है और इसने केवल हल्के से मध्यम लक्षण पैदा किए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसके संक्रमण की गंभीरता को कम करके आंकने के लिए सैंपल का आकार बहुत कम है। इसके अलावा, विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि भविष्य में वायरस का मानव से मानव संचरण संभव हो सकता है। इसलिए, संक्रमण को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपायों का पालन करना बेहतर है।