Change Language

होम्योपैथी उपचार के माध्यम से उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करना

Written and reviewed by
Dr. Swarup Kumar Ghosh 92% (91 ratings)
MF Homeo (London), DHMS (Diploma in Homeopathic Medicine and Surgery), Biochemistry M.D.( PG) (Kol), CMS Ed, Affilied by UGC & MCI., Electro - Homoeopathy Pledge (Certifict No.11244)., Electro Homoeopathy Certficate., BEMS; MDEH(MP)., Ph..D. (Zoology).BWN.1980, W.H.O Member, & INDIA RED CROSS SOCIETY, "SEHAK"
Homeopathy Doctor, Hooghly  •  47 years experience
होम्योपैथी उपचार के माध्यम से उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करना

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। यह वसा शरीर के लिए आवश्यक होती है क्योंकि यह हमारे सेल मेम्ब्रेन और हार्मोन निर्माण के लिए आवश्यक होती है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है: एचडीएल (High-Density Lipoprotein) और एलडीएल (Low-Density Lipoprotein)। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, जबकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को 'बुरा' कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। अगर शरीर में अधिक मात्रा में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल होता है, तो यह हृदय रोगों की संभावना को बढ़ाता है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर बनाए रखना शरीर के लिए महत्वपूर्ण होता है।

>कोलेस्ट्रॉल के प्रकार

  • कोलेस्ट्रॉल दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित होता है: एचडीएल (High-Density Lipoprotein) और एलडीएल (Low-Density Lipoprotein)।
  • एचडीएल (High-Density Lipoprotein): यह 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल कहलाता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए लाभकारी होता है। यह कोलेस्ट्रॉल माध्यम रूप से शरीर के अनुच्छेदों को श्रेणीबद्ध करने में मदद करता है और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है। उच्च-पदार्थित आहार और नियमित व्यायाम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
  • एलडीएल (Low-Density Lipoprotein): यह 'बुरा' कोलेस्ट्रॉल कहलाता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल होने पर, यह शरीर के अनुच्छेदों को जमा करके धमनियों को बंद करने और हृदय रोगों की संभावना को बढ़ा सकता है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए?

शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की आदर्श मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग, और सामग्री के आधार पर भिन्न हो सकती है। निम्नलिखित मानक रेंज में कोलेस्ट्रॉल स्तर देखा जाता है:
कुल कोलेस्ट्रॉल:

  • इच्छुक रेंज: कम से कम 125 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल)
  • एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल):उच्चतम सीमा: 200 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल)

एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल):
  • इच्छुक रेंज: 40 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल) या उससे अधिक
  • एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल):उच्चतम सीमा: 60 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल) या उससे अधिक

एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल):
  • इच्छुक रेंज: कम से कम 40 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल)
  • उच्चतम सीमा: 130 मिलीग्राम/डेसिलिटर (मिग्राम/डीएल) या उससे कम

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण :

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

  • अनुचित आहार: आपके खाने में अधिक मात्रा में तले हुए और मोटे तेल, ग्रीसी फास्ट फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ शामिल होने से कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ सकता है।
  • वजन का बढ़ना: अतिरिक्त वजन और मोटापा कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकते हैं।
  • अव्यवस्थित जीवनशैली: नियमित व्यायाम की कमी, बैठे रहना, तंबाकू या अल्कोहल का सेवन और अन्य अनुशासनहीन जीवनशैली आपके कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकती हैं।
  • आनुवंशिक कारण: कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर आपके आनुवंशिक फैक्टर्स भी प्रभाव डाल सकते हैं।
  • मेडिकल स्थितियाँ: कुछ बीमारियाँ और मेडिकल स्थितियाँ, जैसे कि मधुमेह (डायबिटीज), थायराइड समस्याएं, किडनी रोग, लिवर रोग और इंफेक्शन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के खतरे :

उच्च कोलेस्ट्रॉल के कुछ महत्वपूर्ण खतरे हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए:

  • हृदय रोग: उच्च कोलेस्ट्रॉल एक प्रमुख कारक है जो हृदय रोग के विकास को बढ़ाता है, जैसे कि दिल की ब्लॉकेज, दिल की बीमारी और हृदय अटैक।
  • इंसफलेशन: अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर के धमनियों में इंसफलेशन (नसों की बंदिश) का कारण बन सकता है, जिससे रक्त परिसंचरण में समस्याएं हो सकती हैं।
  • मस्तिष्क संबंधी समस्याएं: उच्च कोलेस्ट्रॉल मस्तिष्क के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है, जैसे कि इस्केमिक स्ट्रोक और डिमेंशिया।
  • पेट की समस्याएं: उच्च कोलेस्ट्रॉल आपके पेट के आंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे पैंक्रिएटिटिस, गैलब्लैडर स्टोन, और फैटी लिवर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • अन्य समस्याएं: उच्च कोलेस्ट्रॉल आपके स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जैसे कि मोटापा, मधुमेह, शरीर के अन्य अंगों की समस्याएं, और शरीर की संवेदनशीलता में कमी।

उच्च कोलेस्ट्रॉल की निदान प्रक्रिया कैसे होती है?

उच्च कोलेस्ट्रॉल की निदान प्रक्रिया में निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग किया जाता है:

  • लिपिड प्रोफाइल परीक्षण: यह परीक्षण आपके कुल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल), एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) और ट्रिग्लिसेराइड (अन्य लिपिड) के स्तर की माप करता है।
  • व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास: डॉक्टर आपके व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास का पता लगाने के लिए प्रश्नोत्तरी करेंगे, जिसमें आपके खान-पान, व्यायाम, परिवारिक चिकित्सा इतिहास और संदर्भित बीमारियों के बारे में पूछा जाएगा।
  • शारीरिक परीक्षण: शारीरिक परीक्षण में आपका ब्लड प्रेशर, वजन, ऊँचाई, कमर-पेट का परिमाण, और शारीरिक गतिविधियों की जांच की जाती है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए होम्योपैथी दवाएं:

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए होम्योपैथी चिकित्सा द्वारा उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं के नाम हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • औरेटिका (Aurum Metallicum): यह दवा उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय संबंधी रोग और मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकती है।
  • कोनियम (Conium Maculatum): यह दवा हृदय संबंधी समस्याओं, नसों की कमजोरी और उच्च कोलेस्ट्रॉल के इलाज में मदद कर सकती है।
  • काली कार्बोनिकम (Kali Carbonicum): यह दवा मोटापे, हृदय संबंधी समस्याएं और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए सुझाव दी जाती है।
  • लेसिन (Lecithinum): यह दवा उच्च ट्रिग्लिसेराइड और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

हालांकि, कृपया ध्यान दें कि होम्योपैथी चिकित्सा व्यक्तिगत रोगी के लिए निर्देशित की जानी चाहिए और इसे एक प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक द्वारा ही परामर्श करना चाहिए।

होम्योपैथी उपचार के माध्यम से उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन

होम्योपैथी उपचार के माध्यम से उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करने के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन कर सकते हैं:

  • उपयुक्त आहार: स्वस्थ आहार लेना उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, अदरक, लहसुन, हरी चाय, लोहे के अनाज, ओट्समील, नट्स और यहां तक कि ताजे नारियल का सेवन करने से आपके कोलेस्ट्रॉल स्तर पर असर पड़ सकता है।
  • व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि करना, जैसे कि योग, ध्यान, पैदल चलना और व्यायाम, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
  • होम्योपैथिक दवाएं: उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं उपयोगी हो सकती हैं।
  • दूसरे सहायक उपचार: व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास के आधार पर, होम्योपैथिक चिकित्सक आपको अन्य सहायक उपचार भी सलाह दे सकते हैं, जैसे कि आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक उपचार।

उच्च कोलेस्ट्रॉल समस्या के आहारिक सुझाव:

उच्च कोलेस्ट्रॉल समस्या के लिए निम्नलिखित आहारिक सुझावों का पालन करें:

हरे पत्तेदार सब्जियां और फल: अधिकतर सब्जियां और फलों में कम वसा और उच्च फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इनमें गाजर, गोभी, पालक, टमाटर, सेब, नींबू, अदरक, लहसुन, और केला शामिल हैं।

  • अनाज: अनाज में उच्च फाइबर होता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें ओट्समील, ब्राउन चावल, रागी, जौ, और धानिया शामिल हैं।
  • हेल्दी तेल: अच्छे गुणवत्ता वाले तेलों का उपयोग करें, जैसे कि जैतून तेल, कनोला तेल, और अवोकाडो तेल।
  • अलसी बीज: अलसी बीजों में उच्च फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करता है।
  • अंडे की सफेदी: अंडे की सफेदी को आपकी आहार में शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
  • अनुशंसित खाद्य पदार्थ: उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले आहार के साथ अनुशंसित खाद्य पदार्थ जैसे कि डेढ़ सूखे नट्स, खीरा, अखरोट, फ्लैक्ससीड, और तिल का उपयोग करें।

उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या आजकल आम हो गई है और यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है जो दिल के रोगों की आशंका को बढ़ाती है। कोलेस्ट्रॉल एक वसा की प्रकार है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होती है, लेकिन अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल को प्रबंधित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं। पहले और सबसे महत्वपूर्ण है, स्वस्थ आहार लेना। हमें अधिकतर तत्परता से खाद्य पदार्थों को छोड़ने की आवश्यकता होती है, जो अधिक चिकनाई या तेल के साथ तैयार किए जाते हैं। आहार में हरी सब्जियाँ, फल, पूर्ण अनाज, दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर और दही शामिल करने चाहिए।

57 people found this helpful

सम्बंधित सवाल

Hi, I'm male and 41 years of age. I have high uric acid levels [8.5...
12
I was diagnosed with fatty liver grade 1.also with high cholesterol...
56
I am having high cholesterol level (196 is value. My LDL is 130. I ...
19
My Total cholesterol 251 HDL 40 LDL 178 TRIGLYCERIDES 190 TC/HDL RA...
16
I am suffering from pad I feel pool in my both calf I can't climb s...
2
Is simple cortical cyst in the upper pole of left kidney measuring ...
14
My scan report says that I have fatty liver. What is the natural tr...
My father's age is 67 years. He has chronic kidney disease. His cre...
30
सारे सम्बंधित सवाल देखें

सम्बंधित स्वास्थ्य टिप्स

Liver Diseases - Know How Ayurveda Can Treat It Better Than Liver T...
6394
Liver Diseases - Know How Ayurveda Can Treat It Better Than Liver T...
Fatty Liver - Signs You Are Suffering From It!
6408
Fatty Liver - Signs You Are Suffering From It!
Peripheral Arterial Disease & Its Burden Or Leg Attack!
2874
Peripheral Arterial Disease & Its Burden Or Leg Attack!
Soya Oil Vs Rice Oil - Which One Is Beneficial?
5807
Soya Oil Vs Rice Oil - Which One Is Beneficial?
Peripheral Aneurysm - All You Should Know!
3259
Peripheral Aneurysm - All You Should Know!
Kidney Related Problem - How Can Homeopathy Help?
4645
Kidney Related Problem - How Can Homeopathy Help?
Learning In depth About Peripheral Artery Disease!
1580
Learning In depth About Peripheral Artery Disease!
Peripheral Artery Disease - How Can It Be Diagnosed & Treated?
3723
Peripheral Artery Disease - How Can It Be Diagnosed & Treated?
अन्य सम्बंधित स्वास्थ्य टिप्स

To view more such exclusive content

Download Lybrate App Now

Get Add On ₹100 to consult India's best doctors