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Last Updated: Feb 29, 2024

गर्भपात क्या होता है? लक्षण, कारण, परहेज और इलाज

गर्भपात प्रकार लक्षण कारण इन चीजों से करें परहेज इलाज इलाज की लागत निष्कर्ष

गर्भपात क्या होता है?

गर्भपात क्या होता है?

गर्भावस्था के पहले 23 हफ्तों के दौरान गर्भ का नुकसान हो जाना गर्भपात कहलाता है। कई बार इसके पीछे के कारण ज्ञात हो पाते हैं पर अधिकतर मामलों में ये पता लगाना मुश्किल होता है कि गर्भपात क्यों हुआ। जानकार मानते हैं कि जब भ्रूण पूरी तरह से स्वस्थ और अपेक्षित रूप से विकसित नहीं होता है तो शरीर स्वतः ही उसे नकार देता है। कई बार गर्भपात गर्भावस्था के इतने शुरुआती चरण में होते हैं कि गर्भ धारण होने का पता भी नहीं चल पाता है।

गर्भपात के प्रकार (garbhpaat Ke Prakaar)

गर्भपात के प्रकार (garbhpaat Ke Prakaar)

गर्भपात कई प्रकार के होते हैं

थ्रेटेंड मिसकैरेज

इस स्थिति में आपका शरीर पहले ही संकेत देने लगता है कि आपका गर्भपात हो सकता है। इस प्रकार के गर्भपात में आपको योनि से हल्का रक्तस्राव या पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। यह कई दिनों या हफ्तों तक रह सकता है और इस दौरान सर्विक्स बंद ही रहता है। इसमें दर्द और रक्तस्राव अपने आप या दवाओं के माध्यम से ठीक हो सकता है और आप स्वस्थ गर्भावस्था को पूरा कर बच्चे को जन्म दे सकती हैं।पर अकसर लक्षण बिगड़ जाते हैं और आपका गर्भपात हो सकता है।

इनएविटेबल मिसकैरेज

इस प्रकार का गर्भपात बिना किसी चेतावनी के आ सकता है। इसमें योनि से बहुत अधिक रक्तस्राव होता है और पेट के निचले हिस्से में तेज ऐंठन होती है। गर्भपात के दौरान आपका गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स खुल जाता है और विकासशील भ्रूण रक्तस्राव से बाहर आ जाता है।

कम्प्लीट मिसकैरेज

जब गर्भावस्था के सभी ऊतक गर्भाशय को छोड़ देते हैं तो उसे पूर्ण यानी कम्प्लीट मिसकैरेज कहते हैं। इसमें योनि से रक्तस्राव कई दिनों तक जारी रह सकता है।इसके अलावा प्रसव पीड़ा से मिलता जुलता ऐंठन वाला दर्द या मासिक धर्म में होने वाला तेज़ दर्द होता है जो गर्भाशय के खाली होने पर संकुचन का संकेत है।

इनकम्प्लीट मिसकैरेज

गर्भपात होने पर कई बार कुछ गर्भावस्था ऊतक गर्भाशय में रह जाते हैं।हालांकि योनि से रक्तस्राव और पेट के निचले हिस्से में ऐंठन जारी रह सकती है क्योंकि गर्भाशय खुद को खाली करने की कोशिश करता रहता है। इसे 'इनकम्प्लीट मिसकैरेज' के रूप में जाना जाता है।

मिस्ड मिसकैरेज

कभी-कभी भ्रूण की मृत्यु हो जाती है, लेकिन वह गर्भाशय में ही रहता है। इसे 'मिस्ड मिसकैरेज' के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में आपको भूरे रंग का स्राव हो सकता है। साथ ही गर्भावस्था के लक्षण, जैसे मतली और थकान, कम हो सकते हैं। कई बार स्कैन करने पर ही पता चलता है कि भ्रूण की मृत्यु हो गई है।

रिकरेंट मिसकैरेज

इसमें एक महिला को बार बार गर्भपात होने की समस्या होती है। यदि यह लगातार हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में चर्चा कर कारणों का पता लगाना चाहिए।

गर्भपात होने के लक्षण (garbhpaat Ke Lakshan)

  • गर्भपात का मुख्य संकेत योनि से खून बहना है।ये रक्त स्राव लाल रंग का या भूरे रंग का भी हो सकता है।
  • पेट के निचले हिस्से में तेज़ ऐंठन और दर्द हो सकता है।
  • आपकी योनि से किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ निकलना
  • आपकी योनि से रक्त के थक्के या गर्भावस्था के ऊतक का रिलीज़ होना

गर्भपात होने के कारण (garbhpaat Hone Ke Kaaran)

गर्भपात होने के संभावित रूप से कई कारण हो सकते हैं, हालांकि आमतौर पर कारण की पहचान कर पाना मुश्किल होता है । जानकार मानते हैं कि अधिकतर गर्भपात क्रोमोसोम में गड़बड़ी के कारण होते हैं। क्रोमोसोम आनुवंशिक 'बिल्डिंग ब्लॉक्स' होते हैं जो एक बच्चे के विकास का मार्गदर्शन करते हैं। यदि किसी बच्चे में बहुत अधिक या बहुत कम क्रोमोसोम हैं, तो वह ठीक से विकसित नहीं हो पाता। इसलिए शरीर स्वतः ही ऐसे भ्रूण को त्याग देता है।कई बार गर्भपात कुछ अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे:

  • हार्मोनल असामान्यताएं
  • इम्यून सिस्टम और रक्त के थक्के जमने की समस्या
  • थायराइड या मधुमेह
  • तेज बुखार पैदा करने वाले गंभीर संक्रमण
  • आपके प्लैसेंटा ,गर्भाशय या सर्विक्स के साथ शारीरिक समस्याएं
  • अधिक मोटापा
  • सिगरेट और शराब का सेवन
  • ड्रग्स का सेवन
  • अधिक कैफीन का सेवन

गर्भपात के दौरान आपका खान-पान (Aapki Diet garbhpaat Garbhpaat ke Dooran)

गर्भपात के बाद स्वस्थ भोजन करना शरीर के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे आघात से उबरने और स्वस्थ होने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
गर्भपात से महिलाओं को थकान और एनीमिक महसूस हो सकता है। गर्भपात के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने पर शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि शरीर में आयरन का स्तर बना रहे, आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है।इसके लिए रेड मीट, पोल्ट्री और सीफूड का सेवन करें। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, दाल, बीन्स, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, तिल और कद्दू के बीज भी आपको लाभ पहुंचाएंगे।

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ
गर्भावस्था के दौरान, शरीर में मौजूद कैल्शियम का उपयोग भ्रूण के स्वस्थ हृदय, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों, हड्डियों के लिए होता है। जब गर्भपात होता है, तो गर्भावस्था के ऊतकों के साथ-साथ कैल्शियम भी समाप्त हो जाता है, जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए, महिलाओं के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी उत्पाद, मछली जैसे सार्डिन और साल्मन, और सूखे मेवे जैसे सूखे अंजीर, खजूर और नट्स खाना चाहिए।

फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ
गर्भपात के बाद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ये आपको हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, केल और लेट्यूस में मिलेगा।इसके अलावा ब्रोकोली, खट्टे फल, दाल, मटर, एवोकैडो,भिडी, भी पाया जाता है।

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि प्रोटीन में अमीनो एसिड कोशिका की मरम्मत में मदद करता है। इसलिए, आपको अंडे, लीन मीट, समुद्री भोजन, दूध, पनीर, दही, दाल और पोल्ट्री जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत मसूर की दाल, डेयरी उत्पाद, और क्विनोआ हैं।इसके अलावा दाल, छोले और पालक पनीर पौष्टिक, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ हैं।

मूड-लिफ्टिंग फूड्स
गर्भपात के कारण होने वाले आघात और अवसाद से उबरने के लिए मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। मैग्नीशियम के लिए नट्स, बीज, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस और गेहूं, हरी पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट, एवोकैडो, और फलियां जैसे मटर, दाल, छोले आदि का सेवन करें ।

फल और सब्जियां
एक बार गर्भपात के बाद भविष्य के गर्भधारण करने पर गर्भपात का जोखिम कम करने के लिए खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और पानी की अधिक मात्रा वाले फल स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ
अंगूर, संतरा और स्ट्रॉबेरी जैसे खट्टे फल विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत हैं जो शरीर द्वारा आयरन के अवशोषण के लिए आवश्यक हैं।

गर्भपात होने पर इन चीजों से करें परहेज (garbhpaat hone par en cheezo se kare parhez)

कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो बहुत अस्वास्थ्यकर होते हैं और गर्भपात के बाद अत्यधिक सेवन करने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जंक और फास्ट फूड
गर्भपात के बाद कचौरी, पानी पूरी, समोसा, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, आलू के वेजेज़, पिज्जा, बर्गर, डोनट्स आदि जंक फूड का सेवन ना करें । इनमें ट्रांस-फैट होते हैं जो शरीर में सूजन का कारण बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में सेवन करने पर मोटापा और हृदय रोग होता है।अधिक जंक फूड खाने से महिलाओं में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है और अवसाद भी हो जाता है।

उच्च कार्बोहाइड्रेट और कम फाइबर सामग्री वाले खाद्य पदार्थ
प्रसंस्कृत भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए हानिकारक होते हैं, क्योंकि उनमें कार्ब्स अधिक होता है लेकिन फाइबर में कम होते हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे इंस्टेंट नूडल्स, सफेद चावल, बिस्कुट या मैदे से बनी चीज़ों से बचें।

मिठाई
मिठाइयों के अधिक सेवन से बचें। चीनी की अत्यधिक मात्रा वाली मिठाई आपको कोई पोषक तत्व नहीं देगी। इसके बजाय, खजूर या अंजीर आधारित मिठाई का विकल्प चुनें।

उच्च वसा सामग्री
वसा का सेवन शरीर में सूजन पैदा कर सकता है और गर्भपात के बाद आपके दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए, पूर्ण वसा वाले दूध, मक्खन, वसायुक्त पनीर, बीफ जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।

गर्भपात होने पर क्या करे (garbhpaat Hone par kya kare)

  • अगर आपकी पहले ट्रामेस्टर में गर्भपात हुआ है तो एक हफ्ते के लिए पूरी आराम करें
  • यदि गर्भपात 6 से 8वें सप्ताह के बीच हुआ है तो आपको बेड रेस्ट की आवश्यकता होगी।विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे में डेढ़ महीने तक
  • पूरा बेड रेस्ट करें। साथ ही तेजी से ठीक होने के लिए आयरन युक्त भोजन और मल्टी विटामिन का सेवन करें।
  • खाने पीने पर ध्यान दें और परिवार और दोस्तों के सम्पर्क में रहें जिससे आपको अवसाद ना हो।

गर्भपात होने पर क्या ना करे (garbhpaat hone par kya Na Kare)

घर के काम करने से बचें
गर्भपात के बाद तुरंत भारी-भरकम घरेलू कार्यों को करने से अधिक असुविधा हो सकती है, इसलिए जितना हो सके काम से बचें।

दवा न छोड़ें
अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा को समय पर लेते रहें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।

संभोग से बचें
गर्भपात के ठीक बाद, गर्भाशय बहुत संवेदनशील होता है इसलिए तब संभोग से पूरी तरह परहेज करें जब तक रक्तस्राव बंद न हो जाए।

भारी कसरत ना करें
गर्भपात के ठीक बाद जिमिंग, वेट ट्रेनिंग, आदि नहीं करना चाहिए। कसरत के तौर पर योग और सांस लेने की कुछ तकनीकों का विकल्प चुन सकते हैं।

गर्भपात को घर पर ठीक कैसे करे (Home Remedy for garbhpaat Treatment in Hindi)

  • अगर आपका गर्भपात हो गया है तो सबसे पहले आपको चिकित्सक को दिखाना चाहिए।इसके बाद गर्भपात की प्रक्रिया से गुज़रते वक्त आप घर पर कुछ उपाय कर इस प्रक्रिया को थोड़ा आसान बना सकती हैं।
  • आप दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग कर सकती हैं।
  • दर्द और ऐंठन में राहत के लिए हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • अधिक रक्तस्राव होने पर आपको अपने शौचालय पर बैठना अधिक व्यावहारिक लग सकता है।
  • खूब पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। चाय या अन्य गर्म पेय पदार्थ भी आराम पहुंचा सकते हैं।
  • जितना हो सके आराम करें।
  • गर्भपात के दौरान टैम्पोन का इस्तेमाल करें। इसलिए पैड का उपयोग तब तक करें जब तक कि भारी रक्तस्राव बंद न हो जाए

गर्भपात के इलाज (garbhpaat Ke Ilaaj)

यदि गर्भपात के बाद आपके गर्भ में कोई गर्भावस्था ऊतक नहीं बचा है, तो किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है। पर इसका पता लगाने के लिए आपको चिकित्सक के पास जाकर जांच कराने की ज़रूरत होगी।हालाँकि, यदि आपके गर्भ में अभी भी कुछ गर्भावस्था ऊतक है, तो आपके पास कई विकल्प हैं जैसे-

अपेक्षित प्रबंधन
यदि आपकी गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में गर्भपात हुआ है, तो आप चिकित्सक से सलाह लेकर गर्भ से ऊतक के स्वाभाविक रूप से बाहर निकलने की प्रतीक्षा करें। इसके लिए 7 से 14 दिनों तक प्रतीक्षा करना चुन सकती हैं ताकि ऊतक स्वाभाविक रूप से बाहर निकल जाए। यदि इस दौरान दर्द और रक्तस्राव कम हो गया है या पूरी तरह से बंद हो गया है तो इसका आमतौर पर मतलब है कि गर्भपात समाप्त हो गया है। यदि दर्द और रक्तस्राव 7 से 14 दिनों के भीतर शुरू नहीं हुआ है या आगे भी जारी है और बढ़ रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि गर्भपात समाप्त नहीं हुआ है। इस मामले में आपको एक और स्कैन कराने की आवश्यकता हो सकती है। इस स्कैन के बाद, आप या तो गर्भपात के स्वाभाविक रूप से होने की प्रतीक्षा करना जारी रख सकती हैं, या दवा उपचार या सर्जरी करवा सकती हैं। यदि आप प्रतीक्षा करना जारी रखती हैं, तो 14 दिनों के बाद एक बार आपको चिकित्सक से जांच करानी चाहिए। इस बीच अगर रक्तस्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है या बुखार और गंभीर दर्द का अनुभव होता है तो डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें।

दवा
यदि 2 सप्ताह के भीतर गर्भपात के बाद ऊतक स्वाभाविक रूप से बाहर नहीं निकलते हैं, तो आप ऊतक को हटाने के लिए दवा ले सकते हैं। इसके लिए अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें।वे आपको ऐसी गोलियां देंगे जो गर्भाशय के सर्विक्स को खोलने का कारण बनती हैं, जिससे ऊतक बाहर निकल जाते हैं।ये दवा खाने के लिए भी दी जाती है या फिर सीधे आपकी योनि में डाली जाती हैं, जहां वे घुल जाती हैं। ये गोलियाँ आमतौर पर कुछ घंटों के भीतर काम करना शुरू कर देती हैं। इन्हें लेने के बाद आप एक भारी पीरियड्स के समान लक्षणों का अनुभव करेंगे, जैसे कि ऐंठन और रक्तस्राव। आप 3 सप्ताह तक योनि से रक्तस्राव का अनुभव भी कर सकती हैं। दवा देकर कुछ देर बाद आपको घर भेज दिया जाएगा। यदि दवा लेने के 24 घंटों के भीतर रक्तस्राव शुरू नहीं हुआ है, तो आपको अपने डॉक्टर से सम्पर्क कर दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

सर्जरी
कुछ मामलों में, गर्भावस्था के किसी भी शेष ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी का उपयोग किया जाता है। कई स्थितियों में आपको तत्काल सर्जरी कराने की सलाह दी जा सकती है।जैसे अगर आप लगातार भारी रक्तस्राव का अनुभव करती हैं। ये इस बात का प्रमाण हैं कि गर्भावस्था के ऊतक संक्रमित हो गए हैं। इससे पता चलता है कि दवा के माध्यम से ऊतक के स्वाभाविक रूप से बाहर निकलने की प्रतीक्षा असफल रही है। सर्जरी में आपके गर्भ में किसी भी शेष ऊतक को सक्शन डिवाइस से निकालना शामिल है। इसके लिए आपको जनरल या लोकल एनेस्थीसिया दी जा सकती है।

गर्भपात के इलाज की लागत (garbhpaat ke Ilaaj ka Kharcha)

भारत में गर्भपात के बाद के इलाज का खर्चा 10,000 रुपए से लेकर 40,000 रुपए तक हो सकता है।

निष्कर्ष

कई बार भ्रूण का सही विकास ना होने पर शरीर उस गर्भ को त्याग देता है जिसके कारण गर्भपात हो जाता है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी विकार,मोटापा,हार्मोनल समस्याएं,सिगरेट या शराब का सेवन शामिल हैं।गर्भपात हो जाने पर तुरंत अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें। इसके अलावा खाने पीने में पौष्टिक चीज़ें ही लें।चिकित्सक की सलाह पर दवाओं या सर्जरी के माध्यम से गर्भपात की प्रक्रिया को पूरा करें। गर्भपात के बाद अवसाद ना हो इसके लिए किसी से अपनी भावनाएं साझा करें।

Frequently Asked Questions (FAQs)

  • आपके शरीर को हाल ही में हुए गर्भपात से उबरने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं। कुछ महिलाओं को दूसरी गर्भावस्था के लिए तैयार होने में भी दो महीने से अधिक समय लगता है।
  • पहली तिमाही के दौरान होने वाले अधिकांश गर्भपात क्रोमोसोमल विसंगतियों या असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये गुणसूत्र दोष या तो फर्टिलाइजेशन के दौरान अनायास हो सकते हैं या वंशानुगत हो सकते हैं।
  • आईवीएफ ज्यादातर भ्रूण के क्रोमोसोमल बदलावों के कारण असफल होता है। इनमें से अधिकांश भ्रूण, विशेष रूप से जो आईवीएफ के माध्यम से बनाए जाते हैं, जन्म से पहले ही ख़तम हो जाते हैं। यह या तो गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान या आरोपण से पहले होता है।
  • गर्भपात होने पर शरीर को ठीक होने में समय लगता है। इससे पहले कि आप एक और गर्भावस्था के लिए प्रयास कर सकें, गर्भाशय और मासिक धर्म चक्र को वापस सामान्य होने की आवश्यकता है। इसलिए गर्भपात के बाद कम से कम 3 महीने तक इंतजार करने की सलाह दी जाती है।
  • हाँ। गर्भपात से फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण हो सकता है और प्रोक्सिमल ट्यूबल अक्लूश़न हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, फैलोपियन ट्यूब का प्रोक्सिमल सिरा, यानी गर्भाशय के पास का सिरा अवरुद्ध हो जाता है।
  • हाँ। इसे आमतौर पर रासायनिक गर्भावस्था कहा जाता है। यह एक बहुत ही प्रारंभिक चरण में गर्भपात की विशेषता है, जो कि एक मिस्ड पीरियड से पहले है। ज्यादातर समय, इस प्रकार के गर्भपात से गुजरने वाले लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगती।
  • ज़रुरी नहीं। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, अनानास में ब्रोमेलैन होता है जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बनता है। हालाँकि, यह ज्यादातर एक मिथक है जिसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
  • गर्भपात को रोकने के लिए अंडे को फायदेमंद बताया गया है। इसके अलावा मछली, सब्जियां, फल और डेयरी उत्पाद भी गर्भपात को रोकने के लिए जाने जाते हैं। संक्षेप में, जो कुछ भी पौष्टिक और स्वस्थ है, वह आपकी गर्भावस्था को लाभ पहुंचाता है।
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PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
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