लड़के जब किशोरावस्था में पहुंचते हैं तो उनके शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं। इसके मुख्य परिवर्तनों में से एक शरीर में यौन अंगों की वृद्धि और हार्मोन परिवर्तन है। शरीर में हार्मोन परिवर्तन के कारण युवा लड़के हस्तमैथुन(मास्टरबेट) करना शुरू कर देते हैं। अगर इसकी लत लग जाए तो लड़के सेक्स के सपने देखने लगते हैं। अत्यधिक सपने और हस्तमैथुन के कारण अनैच्छिक स्खलन (इन्वॉलन्टरी इजैक्युलेशन) होता है, जिसे नाइटफॉल कहते हैं।
वैसे तो युवा लड़कों में नाइटफॉल की समस्या बहुत आम है, लेकिन किसी भी उम्र के पुरुष इस स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं। यह पुरुषों में होने वाली एक सामान्य स्थिति है और इससे जूझ रहे लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस समस्या का सामना करने वाले युवाओं को अपनी तकलीफ के बारे में अपने पार्टनर्स या घरवालों से बात करने में शर्म महसूस होती है। जिसके कारण वो समस्या को अपने अंदर ही रखते हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। जब भी नाइटफॉल का पता चले, तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपनी समस्या के बारे में बात करें।
आधुनिक जीवन में पोर्नोग्राफी और इंटरनेट जैसे कई विकर्षण (डिस्ट्रैकशंस) हैं। ये विकर्षण, सेक्स को गलत तरीके से दिखाते हैं। नियमित रूप से पोर्न देखने वाले युवकों को नाइटफॉल के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नाइटफॉल होने का एक और कारण सेक्स के बारे में गलत धारणाएं हैं। हमारे समाज में, सेक्स के बारे में बोलना वर्जित है। इसलिए लोग इसके बारे में बात करने से हिचकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सेक्स के बारे में युवाओं को सही जानकारी मिले।
नाइटफॉल कई कारणों से हो सकता है। आमतौर पर यह हानिरहित होता है। यह उम्र के साथ ठीक हो सकता है, लेकिन अगर यह बार-बार नाइटफॉल होता है तो यह चिंता का कारण बन सकता है:
डॉक्टर आपको कई निवारक उपायों के बारे में बताएंगे। ये उपाय नाइटफॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं। कुछ निवारक उपायों में मसालेदार भोजन से बचना, उचित आहार और व्यायाम जैसे टहलना, बिस्तर पर जाने से पहले पेशाब करना, पोर्न देखने से बचना, कब्ज से बचना, अच्छी किताबें पढ़ना और सोने से पहले सुखदायक संगीत सुनना शामिल हैं। ऐसे लोग जो टेस्टोस्टेरोन दवाएं ले रहे हैं उन्हें रात में होने वाली परेशानी से बचने के लिए दवाएं लेना बंद करना चाहिए या इसकी डोज़ कम कर देनी चाहिए।
बहुत लोग नाइटफॉल सी समस्या को ठीक करने के लिए अंग्रेजी दवाओं का सहारा लेते हैं। वहीं कुछ लोग आयुर्वेदिक उपचार की मदद लेते हैं| घरेलू उपाय के द्वारा भी नाइटफॉल की समस्या को रोका जा सकता है। यदि नाईटफॉल ज्यादा होता है तो शरीर में कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। अधिक नाइटफॉल से शरीर में धीरे-धीरे कमजोरी आने लगती है और किसी काम को करने में मन नहीं लगता है| शरीर की ताकत धीरे-धीरे कम होने लगती है और शरीर में आलस्य फैलने लगता है| इसके अलावा आप के गुप्त अंगो पर भी इसका निगेटिव असर पड़ता है|
अध्ययनों में पाया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक और लगातार नाइटफॉल की शिकायत होती है। महिलाओं में नाइटफॉल की शिकायत को निश्चितता के साथ पहचानना अधिक कठिन हो सकता है। दरअसल यह स्खलन आमतौर पर पुरुष स्खलन से संबंधित होता है जबकि योनि स्नेहन सही से नाईट फॉल के संकेत नहीं दे सकता है।
लोगों को नाइटफॉल के मिथकों को दूर करना चाहिए और समझना चाहिए कि यह पुरुषों की एक सामान्य स्थिति है।
नाइटफॉल के निम्नलिखित कारण नीचे दिए जा रहे हैं:
आयुर्वेद के अनुसार, नाइटफॉल एक ऐसी स्थिति है जो तनाव, चिंता व आधुनिक जीवन की व्यस्त जीवन शैली के कारण होती है। उचित व्यायाम और आहार व जीवनशैली में बदलाव करके इसे आसानी से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद के जरिए नाइटफॉल की समस्या को दूर किया जा सकता है।आयुर्वेदक दवाएं मरीज को ताकत हासिल करने में सक्षम बनाती हैं। साथ ही नाइटफॉल की समस्या को कम कर आत्मविश्वास हासिल करने में भी मदद करती हैं। स्वप्नदोष की समस्या से बचने के लिए आयुर्वेद में योग और ध्यान के साथ-साथ सुखदायक स्नान की सिफारिश करता है।
स्वप्नदोष रोकने का सबसे अच्छा तरीका जीवनशैली को बदलना और डॉक्टर के मार्गदर्शन के साथ इलाज कराना है। इसमें हस्तमैथुन की आवृत्ति को कम करना और अश्लील व न्यूड फोटो को देखने से बचना शामिल है। हालांकि, यहां स्वप्नदोष को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के कुछ तरीके दिए गए हैं।
अगर आपको नाइटफॉल की समस्या से बनी रहती है, तो आपको एक सेक्सोलॉजिस्ट से परामर्श करना चाहिए। इससे आप अंतर्निहित कारण के उचित उपचार के साथ अपनी खोई हुई शारीरिक व यौन शक्ति व स्प्नदोष की समस्या को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं। स्वप्नदोष का इलाज करना आसान है।
नाइटफॉल को रोकने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
स्वप्नदोष को नियंत्रित करने या रोकने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार किए जा सकते हैं:
नाइटफॉल व्यक्ति को शारीरिक, यौन और मानसिक रूप से कमजोर बना सकता है। नाइटफॉल से पीड़ित व्यक्ति के विशिष्ट लक्षण हैं:
नाइटफॉल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं माना जाता है। यह स्वस्थ यौन अंगों के साथ-साथ यौवन का भी संकेत है। हालांकि, बार-बार नाइटफॉल होने से शरीर पर कुछ नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यह व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और यौन रूप से कमजोर बना सकता है। इसके अलावा यह अनिद्रा, घुटने का दर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण भी पैदा कर सकता है। जबकि गंभीर मामलों में, यह स्मृति संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। पुरुषों में बार-बार होने वाला नाइटफॉल आमतौर पर हस्तमैथुन (मास्टरबेट) की कमी और कम टेस्टोस्टेरोन से जुड़ा होता है।
नाइटफॉल अपेक्षाकृत सामान्य और प्राकृतिक क्रिया है। यह वास्तव में स्वस्थ यौन अंगों का संकेत है। एक सामान्य आदमी को हफ्ते में एक या दो बार नाइटफॉल का अनुभव हो सकता है। हालांकि, यदि समस्या बढ़ जाती है, तो यह अनिद्रा, घुटने में दर्द, मानसिक समस्याओं, तनाव और मेमोरी लॉस का कारण बन सकता है।
नाइटफॉल यदि नियंत्रित आवृत्ति में होता है, तो इसे सामान्य माना जाता है। हर सप्ताह लगभग दो नाइटफॉल होना सामान्य क्रिया है। किशोर पुरुषों के लिए, नाइटफॉल की औसत आवृत्ति सप्ताह में लगभग 0.36 बार होती है, जबकि 40 वर्षीय पुरुषों के लिए, नाइटफॉल की औसत आवृत्ति सप्ताह में 0.18 बार होती है। इस श्रेणी का नाइटफॉल, यौन अंगों के स्वस्थ कामकाज को प्रदर्शित करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नाइटफॉल होना सामान्य माना जाता है। यह स्वस्थ यौन अंगों के काम करने का संकेत होता है। आमतौर पर नाइटफॉल सप्ताह में एक या दो बार होता है। यदि यह बार-बार होता है, तो नाइटफॉल अनिद्रा, एकाग्रता की हानि, घुटने में दर्द और बेचैनी का कारण बन सकता है।
पुरुषों में नाइटफॉल एक सामान्य घटना है। सोते समय यह एक अनैच्छिक स्खलन (इन्वॉलन्टरी इजैकुलेशन) है। नाइटफॉल, आमतौर पर रात में बेडशीट या यौन सपने के साथ जननांगों की उत्तेजना के कारण होता है। बाद वाला कारण, स्पर्म्स के रिसाव का कारण हो सकता है। ऐसे पुरुष जिनके यौन अंग ठीक से काम करते हैं उन्हें आमतौर पर सप्ताह में एक या दो बार नाइटफॉल का अनुभव हो सकता है।
वेट ड्रीम्स आमतौर पर 13 से 17 वर्ष की आयु के लड़कों में यौवन के दौरान शुरू होते हैं। ये पुरुषों में युवावस्था के लक्षण होते हैं। आवाज में बदलाव, लिंग में वृद्धि, चेहरे पर बाल आना युवावस्था के लक्षण हैं। जब लड़के युवावस्था में आते हैं, तो उनके टेस्टिस और स्क्रोटम, लिंग के साथ बढ़ने लगते हैं, जो प्यूबिक हेयर के विकास के लिए आगे बढ़ता है।
वेट ड्रीम्स पुरुषों की ऊंचाई को प्रभावित नहीं करते हैं। ये आमतौर पर उसी समय शुरू होते हैं जब विकास तेजी से होता है या बहुत करीब होता है। वेट ड्रीम्स इस बाक का संकेत हैं कि लड़का युवावस्था में पहुंच गया है। यह टेस्टिस और स्क्रोटम की वृद्धि को प्रदर्शित करता है जिससे लिंग का विकास होता है।
बार-बार नाइटफॉल होने से थकावट और ताकत कम हो सकती है। हालांकि, इन दोनों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। नाइटफॉल से होने वाली थकान और पॉवर में कमी, बेचैनी, अनिद्रा, तनाव और मेमोरी लॉस जैसे समस्याएं हो सकती हैं।
नाईट फॉल के लिए योगासन एक अच्छा तरीका है। नाइटफॉल के लिए कुछ योगासन सही माने जाते हैं। यह आपके दिमाग को शांत रखने और जननांग में ब्लड फ्लो को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। जो इस प्रकार निम्नलीखित हैं।
इसलिए आप इन स्वप्नदोष के लिए योगासन के तरीकों को अपनाकर भी इन समस्याओं से छुटकार पा सकते हैं।