पीआईडी का पूरा नाम पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज है। यह महिलाओं में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। पीआईडी, पेल्विक इंफ्लेमेटरी बीमारी एक संक्रमण है जो महिला प्रजनन प्रणाली के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। इसमें गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और श्रोणि का आंतरिक हिस्सा शामिल है। अक्सर, इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं। इस बीमारी का पता तब चलता है जब प्रेगनेंसी में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यह आमतौर पर तब होता है, जब यौन संचारित बैक्टीरिया योनि के माध्य्यम से गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय तक फैल जाता है। यह महिला प्रजनन अंग को प्रभावित करता है। सुरक्षित सेक्स के माध्य्म से पीआईडी संक्रमण से बचा जा सकता है। यह संक्रमण आमतौर पर क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण के कारण होता है। इसके कारणों में बैक्टीरियल वेजिनोसिस, एंडोमेट्रियोसिस और पूर्व पेल्विक सर्जरी शामिल हैं।
पीआईडी किसी भी स्पष्ट लक्षण का कारण नहीं बनता है। हालाँकि, यदि आप इनमें से किसी भी हल्के लक्षण का निरीक्षण करते हैं, तो जांच करवाना बेहतर है।
पैल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के निम्न कारण हो सकते हैं:
अनुपचारित पीआईडी प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचाने वाले फैलोपियन ट्यूब में निशान ऊतक और फोड़ा संग्रह का कारण बनता है। इसका यह भी कारण हो सकता है:
पैल्विक सूजन की बीमारी का यदि इलाज नहीं किया जा सकता है तो निम्न गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं:
पीआईडी की जांच के लिए निम्न प्रक्रियाएं अपनाई जा सकती हैं:
यदि आंतरिक रूप से किसी भी प्रकार की कोई छति हुई है तो निम्न जांच की जा सकती हैं:
पीआईडी आमतौर पर कई बैक्टीरिया से संक्रमण के कारण होता है। इसलिए, संक्रमण से निपटने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के संयोजन निर्धारित को किया जा सकता है। प्रारंभिक खुराक एंटीबायोटिक दवाएं दी सकती हैं इसके 14 दिन के बाद इंजेक्शन निर्धारित किया जा सकता है। आमतौर पर स्वस्थ्य होने के बाद भी एंटीबायोटिक्स दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। पीआईडी के गंभीर मामलों में, आईवी एंटीबायोटिक्स देने के लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है। यदि आपको पैल्विक दर्द कम होता है, तो एंटीबायोटिक दवाओं के साथ दर्द निवारक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
पीआईडी के इलाज के दौरान मरीज को डॉक्टरी फॉलो अप लेने की आवश्यकता हो सकती है। दरअसल इससे यह पता किया जाता है कि कहीं एंटीबायोटिक्स दवाओं के कोई साइड इफएक्ट्स तो देखने को नहीं मिल रहे या दवाएं सही तरीके से काम कर रही हैं यी नहीं। इसके अलावा पीआईडी होने पर सेक्स करने से बचने की सलाह दी जाती है। इससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।
हां, इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है। इस बीमारी का इलाज करने के लिए इसकी प्रारंभिक पहचान करना एक महत्वपूर्ण कारक होता है। यदि इस स्थिति का देर से निदान किया जाता है तो, आमतौर पर रोगी की प्रजनन प्रणाली को नुकसान हो सकता है।
पीआईडी के आवर्तक एपिसोड के कारण निशान के ऊतकों का गठन बांझपन के जोखिम को बढ़ा सकता है। दरअसल इस बीमारी के कई पुनरावृत्तियां अक्सर फैलोपियन ट्यूब के ट्यूबल ब्लॉकेज का कारण बनती हैं। इससे एक्टोपिक प्रेगनेंसी का विकास भी हो सकता है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) को निम्न तरीकों से रोका जा सकता है:
विशेषज्ञ इस बीमारी के निदान के लिए प्रजनन अंगों के अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग की सलाह देते हैं। एंटीबायोटिक्स आमतौर पर इस संक्रमण के उपचार के लिए निर्धारित होती है। पीआईडी उन महिलाओं में अधिक आवर्ती है जिनके पास इस बीमारी का पिछला इतिहास है। आईयूडी (अंतर्गर्भाशयी डिवाइस) का उपयोग भी इस बीमारी से संक्रमित होने का कारण होता है।
पीआईडी के घरेलू उपचार: