प्लाज़्मा, रक्त का तरल कॉम्पोनेन्ट है जिससे रक्त का 55% भाग बना होता है। शरीर को चोट से उबरने, पोषक तत्वों को वितरित करने, कचरे को हटाने और संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए प्लाज़्मा आवश्यक है।
प्लाज़्मा, रक्त का तरल भाग होता है। रक्त का लगभग 55% हिस्सा प्लाज़्मा से बना होता है, और शेष 45% भाग में रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स होते हैं। प्लाज़्मा, लगभग 92% पानी है।
प्लाज़्मा, शरीर को क्रियाशील रखने के लिए बहुत ही आवश्यक है। यदि सर्जरी, दुर्घटना या रक्तस्राव विकार, थक्के या इम्यून डेफिशियेंसी के कारण कोई भी व्यक्ति अधिक मात्रा में रक्त खो देता है, तो दान में मिले प्लाज़्मा से शरीर के खोए हुए रक्त और प्लाज़्मा की भरपाई की जा सकती है।
भ्रूण में, गर्भनाल में पाई जाने वाले सेल्स, प्लाज़्मा सेल्स का निर्माण करते हैं। विकास के बाद, प्लाज़्मा प्रोटीन हड्डियों के सॉफ्ट टिश्यूज़ (बोन मैरो), लीवर सेल्स, ब्लड सेल्स और स्प्लीन में बनते हैं।
प्लाज़्मा का रंग हल्का पीला होता है और भूसे के रंग यह दिखता है। हालाँकि प्लाज़्मा, रक्त की कुल मात्रा का आधे से अधिक हिस्सा बनाता है, रेड ब्लड सेल्स का रंग ही पूरे रक्त का रंग बनता है।
ब्लड प्लाज़्मा, निम्नलिखित के संयोजन से बना होता है:
प्लाज़्मा में कई प्रोटीन होते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं:
शेष रक्त से अलग होने पर, प्लाज़्मा एक हल्का पीला लिक्विड होता है। प्लाज़्मा में पानी, साल्ट्स और एंजाइम होते हैं।
शरीर के जिन हिस्सों में पोषक तत्वों, हार्मोन और प्रोटीन की जरूरत होती है, वहां इन सबको ले जाने में प्लाज़्मा की मुख्य भूमिका होती है। सेल्स, अपने वेस्ट प्रोडक्ट्स को प्लाज़्मा में डालते हैं। प्लाज़्मा तब इस कचरे को शरीर से निकालने में मदद करता है। ब्लड प्लाज़्मा, सर्कुलेटरी सिस्टम के माध्यम से रक्त के सभी हिस्सों को भी वहन करता है।
शरीर को कार्य करने में मदद करने के लिए, प्लाज़्मा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निम्नलिखित कार्यों के लिए प्लाज़्मा जिम्मेदार है:
प्लाज़्मा से सम्बंधित रोग या स्थितियों के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं: