पूरन पोली - स्वस्थ या अस्वस्थ्य?
देश के हर कोने में गुडी पड़वा मनाई जाती है. यह त्यौहार पूरन पोली के बिना अधूरा मानी जाती है. पूरन पोली एक पुराणी और स्वादिस्ट व्यंजन है. यह पीले रंग की मीठी रोटी होती है, जो पीले ग्राम (चना दाल) या लाल ग्राम (तोवर / अरहर दाल) से भरी होती है.
इसके विभिन्न क्षेत्रीय नाम हैं, जैसे तमिल में परुपू पोली, कन्नड़ में होलीगे या ओबट्टू, कोंकणी में ुब्बति. इसके स्वाद हर क्षेत्र में भिन्न होता है. यह मीठा और पराठे की तरह गोलाकार होते है. यह एक उत्सव मिठाई है. इसके अंदर के सामग्री को पूरन कहा जाता है और पराठे जैसी रोटी को पोली कहा जाता है.
अगर आपको लगता है कि पुराण पोली खराब है, तो सोचें कि हर भोजन में योग्यता और दोष होते है.
पूरन पोली को एक उच्च कैल भोजन माना जाता है. इसे स्वस्थ बनाने के लिए आप पर निर्भर करता है, मैदा के बजाय पूरे गेहूं के आटे का उपयोग करें, घी का उपयोग कम करें.
आइए इसकी योग्यता देखें:
आगे बढ़ें और इस त्यौहार की स्वादिष्टता का आनंद लें, लेकिन इसे उत्सव व्यंजन के रूप में रखें और और इसका सेवन हमेशा ना करे, इसका आनंद त्योहार के मौसम के दौरान ही किया जाना चाहिए.
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