नाक में किसी प्रकार की रुकावट के उपचार के लिए की जाने वाली सर्जरी को सेप्टोप्लास्टी कहते हैं। एक टेढ़ा सेप्टम नाक के दोनों नथुनों के बीच की दीवार को अपने स्थान से हटा देता है और अक्सर इन रुकावटों का कारण बनता है। नेज़ल सेप्टम आपकी नाक में मौजूद कार्टिलेज और हड्डी को कहते हैं। ये सेप्टम नाक को दाएं और बाएं हिस्से में विभाजित करता है। टर्बाइनेट्स नामक बढ़ी हुई हड्डी की संरचनाएं भी नाक के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध कर सकती हैं।
सेप्टोप्लास्टी दो तरह से की जा सकती है-
क्लोज्ड सेप्टोप्लास्टी
क्लोज़्ड सेप्टोप्लास्टी में चीरे इस तरह से लगाए जाते हैं कि वे नाक के अंदर छिपे हों।
ओपन सेप्टोप्लास्टी
ओपेन सेप्टोप्लास्टी में ऊतक की पतली पट्टी में चीरा लगाया जाता है जो नथुनों को अलग करती है। इन चीरों के माध्यम से, त्वचा जो नाक की हड्डी और कार्टिलेज या सेप्टम को कवर करती है उसको ऊपर उठाया जाता है।
सारांश- नाक की सेप्टम अगर टेढ़ी हो जाय तो उसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है इसे सेप्टोप्लास्टी कहा जाता है। यह दो प्रकार की होती है। क्लोज्ड और ओपन सेप्टोप्लास्टी।
किसी रोगी को सेप्टोप्लास्टी कराने की सलाह तब दी जाती है जब एक टेढ़े सेप्टम के कारण उस व्यक्ति की नाक लगातार बंद रहती है। टेढ़े सेप्टम के कारण नाक के नथुने अवरुद्ध होते हैं और वायु प्रवाह को प्रभावित करते हैं। निम्न कारणों से टेढ़े हुए सेप्टम के लिए सेप्टोप्लास्टी की जाती है
भ्रूण विकास के समय नाक में विकार
कुछ मामलों में बच्चे में गर्भ के समय से ही सेप्टम डीवियेटेड यानी टेढ़ा होता है। और जन्म के समय इस स्थिति का पता चलता है।ऐसे में सेप्टोप्लास्टी करनी पड़ सकती है।
नाक में चोट
नाक पर चोट लगने के कारण भी सेप्टम टेढ़ा हो सकता है।इसे सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जाता है।
शिशुओं में प्रसव के दौरान ऐसी चोट लग सकती है जिससे सेप्टम टेढ़ा हो सकता है। वहीं बच्चों और वयस्कों में दुर्घटनाओं के कारण नाक को आघात लग सकता है।ऐसा आमतौर पर कुश्ती या सड़क के दौरान होता है।
उम्र बढ़ने के कारण कई बार नाक की संरचना में बदलाव आ सकता है।ऐसे में सेप्टम पर प्रभाव पड़ सकता है।
संक्रमण के कारण नाक गुहाओं या साइनस गुहाओं की सूजन और जलन नाक के मार्ग को और संकीर्ण कर सकती है और इसके परिणामस्वरूप नाक में रुकावट हो सकती है।
कभी-कभी, साइनस सर्जरी या ट्यूमर हटाने जैसी अन्य प्रक्रियाओं के दौरान एक सेप्टोप्लास्टी आवश्यक होती है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या खर्राटों की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सेप्टोप्लास्टी की आवश्यकता हो सकती है।
बढ़े हुए टर्बाइनेट्स से कुछ लोगों को सांस लेने में समस्या भी हो सकती है।ऐसे में सेप्टोप्लास्टी करने की सलाह दी जा सकती है।
सारांश- सेप्टोप्लास्टी करने की वजह सेप्टम को सीधा करना होता है। सेप्टम कई कारणों से टेढ़ा हो जाता है जिसमें भ्रूण में विकार से लेकर चोट तक शामिल हैं। कभी-कभी, साइनस सर्जरी या ट्यूमर हटाने के दौरान एक सेप्टोप्लास्टी आवश्यक होती है। खर्राटों की समस्याओं के लिए सेप्टोप्लास्टी की आवश्यकता हो सकती है।
सेप्टोप्लास्टी सर्जरी के लाभों में शामिल हैं:
सेप्टोप्लास्टी कभी-कभी कुछ छोटी जटिलताओं को जन्म दे सकती है जैसे
सारांश- सेप्टोप्लास्टी में आमतौर पर जटिलताएं नहीं होती पर कई बार खून बहना, संक्रमण और ठंड लगने जैसी समस्या हो सकती है। कई बार टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का सामान करना पड़ सकता है। चक्कर आने, तेज बुखार, बेहोशी जैसी समस्या पर डाक्टर से संपर्क जरुरी है।
सेप्टोप्लास्टी में कई ऐसे काम होते हैं जिन्हें आपको सर्जरी के पहले या बाद में करने पड़ सकते हैं। वहीं कुछ काम ऐसे हैं जो बिलकुल नहीं करने होते हैं।
सेप्टोप्लास्टी से पहले क्या करें
सेप्टोप्लास्टी से पहले क्या ना करें
सारांश- सर्जरी के पहले डाक्टर से संपर्क में रहें, खाने का ध्यान दें। खेल या जोरदार व्यायाम से बचें। एस्परिन दवा ले रहें तो उसे छोड़ना होता है और धू्म्रपान को छोड़ना होगा।
नाक की टेढ़ी हड्डी होने पर सेप्टोप्लास्टी के दौरान एक खास परीक्षण किया जाता है। इसके कई चरण हो सकते हैं। इनमें सामान्य परीक्षण से लेकर सीटी स्कैन तक के टेस्ट शामिल हैं।
एक फिजिकल परीक्षण के दौरान, डॉक्टर आपकी नाक की आंतरिक और बाहरी संरचनाओं की गहन जांच करते हैं। आपको नाक से गहरी सांस लेने या छोटी, तेज सांस लेने के लिए कहा जा सकता है।
यह डॉक्टरों को कार्टिलेज की किसी भी विषमता या अस्थिरता का आकलन करने की अनुमति देता है जो नाक मार्ग बनाती है। डॉक्टर एक प्रकाश और एक हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरण जिसे स्पेकुलम कहते हैं, का उपयोग करके आपके नाक मार्ग के अंदर भी बारीकी से देखते हैं।
स्पेकुलम का उपयोग धीरे-धीरे नासिका को चौड़ा करने के लिए किया जाता है, इसलिए डॉक्टर सेप्टम सहित नाक के आंतरिक ऊतकों और हड्डी की संरचना को देख सकते हैं।
फाइबर-ऑप्टिक नाक एंडोस्कोपी
फाइबर-ऑप्टिक नेज़ल एंडोस्कोपी एक डायग्नोस्टिक परीक्षा है जो नोज कैनाल का विस्तृत दृश्य प्रदान करती है। डॉक्टर सेप्टम की स्थिति निर्धारित करने के लिए एंडोस्कोपी का उपयोग करके यह तय करते हैं कि क्या किसी तरह की कोई और दिक्कत तो नहीं हैं जिससे सांस लेने में परेशानी हो रही हो।
इस प्रक्रिया में मरीज को कम दिक्कत और परिणाम भी अच्छे आएं इसके लिए डाक्टर पहले नाक में एक डीकंजेसेंट स्प्रे करते है। इसके बाद डॉक्टर नाक के प्रत्येक नथुने के माध्यम से एंडोस्कोप नामक एक पतले फाइबर-ऑप्टिक उपकरण को अंदर ले जाते हैं। इस प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट लगते हैं।
सीटी स्कैन
यदि आपकी नाक गंभीर रूप से घायल या टूटी हुई है, तो डॉक्टर आमतौर पर नाक और चेहरे को हुए नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए सीटी इमेजिंग का उपयोग करते हैं।
सीटी स्कैन हड्डियों, कार्टिलेज, और अन्य नाक संरचनाओं की कम्प्यूटरीकृत 2डी या 3डी इमेंज बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग करते हैं। यह डॉक्टरों को विभिन्न कोणों से नाक की जांच करने में सक्षम बनाता है।
सारांश: नाक की टेढ़ी हड्डी होने पर सेप्टोप्लास्टी के दौरान कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं। इसके कई चरण हो सकते हैं। इनमें सामान्य परीक्षण से लेकर सीटी स्कैन तक के टेस्ट शामिल हैं।
नेज़ल सेप्टम नाक के बीच में एक संरचना है जिसे नाक के दोनों किनारों को हवा के प्रवाह की अनुमति देने के लिए अलग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बहुत से लोगों को डेविएटेड नेसल सेप्टम ( विचलित सेप्टम) की समस्या होती है।
इसका मतलब यह है कि सेप्टम एक तरफ से टेढ़ी है और उस तरफ से हवा के प्रवाह को कम जगह देता है। हालाँकि इससे कोई समस्या हो भी सकती है और नहीं भी।
कभी-कभी किसी चोट या दूसरी समस्या के बाद सेप्टम टेढ़ी हो जाती है। डेविएटेड सेप्टम सांस लेने में बाधा या अवरोध पैदा कर सकता है और कभी-कभी साइनस के बार-बार होने वाले संक्रमण का कारण बनता है।
साइनस नाक के चारों ओर खाली स्थान हैं जो वाइस रेजोनेंस देते हैं। उम्र भी पट के विचलन का कारण बन सकती है।
सेप्टोप्लास्टी डेविएटेड सेप्टम को ठीक कर उसे बीच में लाने की एक प्रक्रिया है, जिससे दो समान आकार के दो नासिका मार्ग बनते हैं। जो किसी भी एयरफ्लो गड़बड़ी को ठीक करता है।
एक सर्जन छोटे सर्जिकल उपकरणों का उपयोग सेप्टम के लाइनिंग टिश्यू में चीरा लगाने के लिए करता है। वह नासिका मार्ग के माध्यम से वायु प्रवाह को अधिकतम करने के लिए सेप्टम के विचलित खंड को सीधा या पुन: व्यवस्थित करता है।
यदि सेप्टम जगह से बाहर होने के अलावा क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो डॉक्टर कार्टिलेज या हड्डी के छोटे टुकड़े निकाल सकते हैं।
डाक्टर के निर्देश पर हो सकता है कि सर्जरी से पहले के कुछ घंटों में आपको कुछ भी खाना या पीना नहीं है।
किसी तरह का कोई तरल पदार्थ नहीं लेना है।
यदि रोगी धूम्रपान करने वाला है तो उसे सर्जरी के निर्णय के समय से धूम्रपान बंद कर देना चाहिए। धुआँ नाक के मार्ग को परेशान करता है और खांसी का कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप ऑपरेशन के बाद कई दिनों तक रक्तस्राव हो सकता है।
यह जनरल एनेस्थीसिया के साथ सर्जरी कराने के लिए भी एक निषेध है।
सर्जरी प्रक्रिया
यह सर्जरी आमतौर पर एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के रूप में की जाती है। इसमें अस्पताल में रहने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
कभी-कभी अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है यदि ऑपरेशन दोपहर में किया जाता है या जनरल एनेस्थिीसिया से पूरी रिकवरी नहीं होती है तो रोगी को रात भर रहने की आवश्यकता हो सकती है।
इसके अलावा सर्जरी के बाद की अन्य देखभाल में शामिल हैं-
सारांश: सेप्टोप्लास्टी के पहले आपको अपने डाक्टर के निर्देश पर सारे काम करने होते हैं। सेप्टोप्लास्टी में अक्सर जनरल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। लक्षणों के हिसाब से क्लोज्ड या ओपन सेप्टोप्लास्टी की जाती है।
सर्जरी के बाद अस्पताल में रहने की जरुरत नहीं होती है लेकिन सर्जरी के बाद डाक्टर के निर्देश पर 7-10 दिन तक पूरा ध्यान देना होता है।
सेप्टोप्लास्टी के बाद देखभाल की बहुत जरुरत होती है। इसके लिए कुछ खास बातों पर ध्यान रखना होता है। उदाहरण स्वरूप:
सारांश- सर्जरी के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि नाक की पैंकिग किसी तरह से बिगड़े नहीं। सामान्य ब्लीडिंग तो ठीक है पर अगर ज्यादा ब्लीडिंग हो तो डाक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा डाक्टर के बताए सारे एहतियात मानने चाहिए।
भारत में सेप्टोप्लास्टी कराने में करीब 30,000 रुपए से लेकर 2 लाख तक का खर्च आ सकता है। किसी भी रोगी के इलाज का खर्च इस बात पर निर्भर करेगा कि उसकी नाक में किस तरह का विकार है और वह किस अस्पताल या किस सर्जन से आपरेशन करा रहा है।
सेप्टोप्लास्टी के लिए आपको ईएनटी (कान,नाक, गला) सर्जन की जरुरत होगी। इसके अलावा आपको जनरल फिजीशियन और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की जरुरत होगी।
नाक के दोनों नथुनों के विभाजित करने वाली हड्डी को सेप्टम कहते हैं। जब ये हड्डी टेढ़ी हो जाती है तो कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इनमें सांस लेने में तकलीफ, सोते वक्त नाक से आवाज़ आना, नकसीर से खून आना, चेहरे में दर्द, इत्यादि शामिल हैं। ये हड्डी जन्म के समय से भी टेढ़ी हो सकती है या फिर किसी दुर्घटना के कारण ऐसा हो सकता है। इसे सेप्टोप्लास्टी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।