आयुर्वेद के अनुसार शरीर में 7 धातु से बने होते है: रसा (फ्लिड), रक्ता (रक्त), मम्सा (मांसपेशियों), मेडा (वसा), अस्थी (हड्डियों), मज्जा (मज्जा) और सुक्र (वीर्य).
इनकी तुलना सैद्धांतिक रूप से व्याख्या करने के लिए की जाती है, अन्यथा यह बहुत जी अलग विषय है.
सुकरा धातू दोनों पुरुषों और महिलाओं में मौजूद है, इसलिए इसे शुक्राणुओं या मौलिक तरल पदार्थ से भ्रमित न हो.
शरीर में सभी 7 धातु बनने के बाद सुक्रा धातू बनता है.
इसलिए, हम कह सकते हैं कि सुक्रा धातू सभी धात्व का सार है, यह शरीर में अच्छी तरह फैल गया है.
आधुनिक अवधारणाओं के अनुसार सुक्रा धातू को यौन शक्ति, स्खलन, सीधा शक्ति, शुक्राणुओं की गुणवात्त, वीर्य या हम व्यक्ति की समग्र प्रजनन शक्ति के रूप में समझा जा सकता है.
सुक्र्रा धातू का एक सामान्य जीवनशैली विकार सुकरा क्षय या सुकरा धातू का नुकसान है, इसमें सामान्य लक्षण जैसे कि नपुंसकता, समयपूर्व स्खलन, मांसपेशियों को कमजोर करना, त्वचा की झुर्रियां, बालों को सफ़ेद करना, थकान, एकाग्रता शक्ति का नुकसान आदि शामिल हैं.
स्वस्थ सुक्रा धातू को बनाए रखने के लिए आहार और जीवनशैली की उचित देखभाल आवश्यक है.
धातू में सुधार करने के उपाय:
यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप एक आयुर्वेद से परामर्श कर सकते हैं और एक नि: शुल्क प्रश्न पूछ सकते हैं.
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