Last Updated: Aug 27, 2023
8 घंटे से ज्यादा की नींद स्वास्थ्य के लिए नुकसान कर सकती है
Written and reviewed by
Dr. Mansoor Khan
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MBBS, Associate Fellow of Industrial Health
General Physician, Chittorgarh
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32 years experience
नींद, मानव निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है. यह वह समय है जब शरीर खुद को बहाल करता है. जबकि कम नींद शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है. नए शोध से पता चला है कि ज्यादा नींद लेने से भी नुकसानदायक है. ओवरस्लीपिंग कुछ स्वास्थ्य जोखिम का संकेत है. यह कुछ चिकित्सीय स्थितियों को भी संकेत करता है, जो एक व्यक्ति को हो सकता है. ओवरस्लीपिंग के जोखिम और अधिक है:
- गर्भवती होने में मुश्किल: वर्ष 2013 में कोरियाई शोध दल द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है की 650 महिलाओं के लिए गए नमूने जो गर्भवती हो गई थी, वे 7 से 8 की नींद लेती थी. अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है, कि नींद मासिक धर्म चक्र, सर्कडियन लय, और हार्मोन स्राव को प्रभावित कर सकती है. हालांकि शोध अभी तक नींद और बांझपन के बीच सीधा सह-संबंध ढूँढ पाए है, लेकिन कई शोधकर्ता इस मिथ्या को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
- मधुमेह का जोखिम: 2013 में आयोजित एक क्यूबेक अध्ययन ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि एक व्यक्ति जो दिन में आठ घंटे से अधिक समय तक सोता है, वह टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित होने और ग्लूकोज सहनशीलता को कम करने के लिए अधिक जोखिम होता है. छः अवधि के समय के फ्रेम पर, जो लोग 7-8 घंटे से अधिक समय तक सोते हैं, वे मधुमेह से संबंधित जटिलता से पीड़ित होने की अधिक संभावना रखते हैं, भले ही वे बॉडी मास को नियंत्रण में रखें.
- मानसिक स्वास्थ्य और अवसाद: अवसाद ओवरस्लीपिंग का एक प्रमुख लक्षण है. जबकि अवसाद वाले लोग अनिद्रा से पीड़ित होते हैं, वहीं अनुमानित 15 प्रतिशत रोगी अवसाद से पीड़ित होते हैं. नियमित नींद लेने वाले की की तुलना में, जो लोग ज्यादा सोते हैं वे चिंता के लक्षण और लगातार अवसाद से पीड़ित होते हैं. एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बहुत ज्यादा सोना आनुवांशिक विरासत की संभावनाओं को बढ़ा सकता है. एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि जो लोग 10 घंटे से अधिक समय तक सोते हैं, वे मानसिक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. जॉन हॉपकिंस मेडिकल स्कूल में किए गए एक अन्य शोध से पता चला कि अनियमति समय से सोने से अस्थायी रूप से मानसिक अवसाद का कारण बन सकती है.
- सूजन में वृद्धि: ओवरस्लीपिंग अल्जाइमर रोग, हृदय रोग आदि जैसी कुछ बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती है. शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है, कि आठ घंटे से अधिक समय तक सोने वाले महिलाओं में 44 प्रतिशत से अधिक सी-प्रतिक्रियाशील प्रोटीन होता है. एक अन्य अध्ययन में बताया गया है, कि हर अतिरिक्त घंटे सोने से सी-रेएक्टिव में 8 प्रतिशत की वृद्धि होती है.
- अधिक दर्द: नींद और आराम अक्सर उपचार के साथ जुड़े होते हैं, कभी-कभी ओवरस्लीपिंग लक्षणों को बढ़ा सकता ह. बिस्तर पर बहुत अधिक समय सोने से कंधे और बैक के दर्द में वृद्धि हो सकती है. ओवरस्लीपिंग सिरदर्द की उच्च आवृत्ति से भी जुड़ा हुआ है. ओवरस्लीपिंग अक्सर माइग्रेन को ट्रिगर करती है और किसी व्यक्ति में तनाव का स्तर बढ़ाती है. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप एक सामान्य चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं.
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