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Last Updated: Mar 15, 2023
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स्टिफ पर्सन सिंड्रोम- जानिए इसके बारे में सबकुछ

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम लक्षण कारण खान-पान डायगनोसिस दवाएं और उपचार इलाज की लागत

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या होता है? What is stiff person syndrome in Hindi?

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या होता है? What is stiff person syndrome in Hindi?

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस स्थिति में पीड़ित आमतौर पर अपने धड़ और पेट ( शरीर के मध्य भाग) में मांसपेशियों में जकड़न का अनुभव करते हैं।

समय के साथ, पीड़ित के पैरों और अन्य मांसपेशियों में जकड़न (कठोरता) और ऐंठन भी विकसित हो जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का चलना मुश्किल हो सकता है, और पीड़ित को गिरने और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

पहले स्टिफ पर्सन सिंड्रोम को 'स्टिफ मैन सिंड्रोम' कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे विस्तार देते हुए इसके नाम में परिवर्तन कर इसमें मैन की जगह पर्सन जोड़ा गया। यह समस्या किसी भी उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित कर सकती है।

सारांश- स्टिफ पर्सन सिंड्रोम एक दुर्लभा आटोइम्यून न्यूरलॉजिकल डिसआर्डर होता है। इसमें पीड़ित पैरों समेत अन्य मांसपेशियों में जकड़न और ऐंठन का अनुभव करता है। इससे व्यक्ति का चलना मुश्किल होता है और वो गिरता भी है। यह किसी भी उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Stiff Person Syndrome Symptoms in Hindi

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के लक्षणों में दो मुख्य लक्षण सबसे आम हैं। ये दो मुख्य लक्षण हैं:

  • मांसपेशियों में जकड़न या अकड़न।
  • मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन।
  • एसपीएस के लक्षण लक्षणों को विकसित होने में कई महीनों से लेकर कुछ वर्षों तक का समय लग सकता है। यह लक्षण पीड़ित के शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकते हैं और/या समय के साथ खराब हो सकते हैं।
  • कुछ लोगों के लक्षण सालों तक एक जैसे रहते हैं। अन्य पीड़ित लोगों में लक्षण धीरे-धीरे बिगड़ते रहते हैं। कई बार लक्षण बिगड़ते बिगड़ते इस तरह के हो जाते हैं कि पीड़ित को बहुत ज्यादा लोच या कठोरता का अनुभव करना होता है। यह स्थिति दैनिक कार्यों को प्रभावित करने लगती है।
  • यह स्थिति सामान्य दैनिक गतिविधियों को करने की उनकी क्षमता तक को सीमित कर सकती है।

मांसपेशियों की जकड़न

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के अधिकांश मामलों में, आपकी धड़ (पेट, छाती और पीठ) की मांसपेशियां सबसे पहले कठोर होती हैं। यह स्टिफनेस (कठोरता) दर्द और इससे जुड़ी परेशानी का कारण बनती है।ये लक्षण बिना किसी स्पष्ट कारण या ट्रिगर के गंभीर बन सकते हैं। कई बार वे पीड़ित के हाथ और पैर को भी प्रभावित कर सकते हैं।

जैसे-जैसे अकड़न बढ़ती है, तो कई बार पीड़ित की मुद्रा ही बिगड़ जाती है।कई स्थितियों में यह इतनी इनती बिगड़ जाती है कि इसकी वजह से चलना या हिलना-डुलना मुश्किल हो जाता है।

मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन

मांसपेशियों की दर्दनाक ऐंठन एसपीएस का एक और लक्षण है। यह आपके पूरे शरीर में हो सकता है या फिर यह भी हो सकता है कि शरीर का केवल एक खास हिस्सा ही इससे प्रभावित हो। ये ऐंठन कुछ सेकंड, मिनट और कभी-कभी तो कुछ घंटों तक होती रह सकती है।

ऐंठन निम्न कारणों से ट्रिगर हो सकती है:

  • अचानक होने वाली तेज आवाज
  • शारीरिक स्पर्श या उत्तेजना।
  • तापमान में परिवर्तन या ठंडा वातावरण
  • तनावपूर्ण घटनाएँ
  • मांसपेशियों में ऐंठन के इस तरह के अप्रत्याशित ट्रिगर होने की वजह से कई बार एसपीएस से पीड़ित लोगों में अवसाद, तनाव या एगोराफोबिया विकसित हो जाता है।
  • एगोराफोबिया वह स्थिति होती है कि जिसमें पीड़ित अपने घर से निकलने या फिर खुले या भीड़ भरे स्थानों में प्रवेश करने से बहुत ज्यादा ड़रने लगता है। सार्वजनिक रूप से मांसपेशियों की ऐंठन के ट्रिगर से बचना बहुत ही कठिन होता है।

सारांश- स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के लक्षणों में मांसपेशी की जकड़न और ऐंठन प्रमुख है। यह धड़ से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकती है। इसकी वजह से पीड़ित एगोराफोबिया का शिकार हो जाता है और घर से निकलने में ड़रने लगता है।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का कारण क्या है? - Stiff Person Syndrome Causes in Hindi

अब तक स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस) का सटीक कारण पता नहीं लग सका है। शोधकर्ताओं को लगता है कि यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है। एक ऐसी स्थिति जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली अज्ञात कारणों से स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है।

एसपीएस वाले कई लोग ग्लूटामिक एसिड डीकार्बाक्सिलेज (जीएडी) के खिलाफ एंटीबॉडी बनाते हैं। जीएडी गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए) नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में भूमिका निभाता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने में मदद करता है।शोधकर्ता अभी तक एसपीएस के विकास और बिगड़ने में जीएडी की सटीक भूमिका को नहीं समझ पाए हैं। यहां पर गौरतलब बात यह है कि किसी के शरीर में जीएडी एंटीबॉडी होने का मतलब यह नहीं है कि वह एसपीएस से पीड़ित है।

एंटीबॉडी का मतलब हमेशा स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस) नहीं

कुछ लोगों के शरीर में सामान्य रूप से जीडीए एंटीबॉडी होते हैं। हालांकि इनकी उपस्थिति से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। एसपीएस से जुड़ी अन्य एंटीबॉडी में ग्लाइसिन रिसेप्टर, एम्फीफिसिन और डीपीपीएक्स (डिपेप्टिडाइल पेप्टिडेज-जैसी प्रोटीन 6) एंटीबॉडी शामिल हैं।एसपीएस से पीड़ित कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनमें किसी तरह की कोई एंटीबॉडी नहीं होती है। हालांकि इनमें ऐसी एंटीबॉडी हो सकती हैं जिनके बारे में अब तक पता नहीं चल सका। इस दिशा में खोज के लिए शोध चल रहे हैं।

सारांश- अब तक स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस) का सटीक कारण पता नहीं लग सका है। कुछ एंटीबॉडीज को इनका कारण माना जाता है। जीएडी, ग्लाइसिन रिसेप्टर, एम्फीफिसिन और डीपीपीएक्स (डिपेप्टिडाइल पेप्टिडेज-जैसे प्रोटीन 6) एंटीबॉडी इनमें प्रमुख हैं। हालांकि एंटीबॉडीज का होना इस बात का प्रमाण नहीं कि किसी को एसपीएस है।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम की बीमारी के दौरान आपका खान-पान - Diet during Stiff Person Syndrome in Hindi

एक ग्लूटन फ्री डाइट एक पोषण योजना जो सख्ती से ग्लूटन से मुक्त होती है। ग्लूटन गेहूं में पाए जाने वाले प्रोटीन का मिश्रण है। तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली ऑटोइम्यून बीमारी स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के रोगियों के लिए प्रभावी साबित हुई है।इस अध्ययन के माध्यम से कहा जा सकता है कि ग्लूटन मुक्त आहार स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के लिए उपयुक्त है। ग्लूटन मुक्त डाइट योजना में ग्लूटेन, एक प्रोटीन, शामिल नहीं होता जो गेहूं, जौ, राई और ट्रिटिकेल (गेहूं और राई के बीच एक क्रॉस) में पाया जाता है।ग्लूटन मुक्त आहार

कई स्वस्थ आहार में ग्लूटन नहीं पाया जा सकता है। वे आहार नीचे दिए गए है जैसे:

  • फल और सब्जियां
  • बीन्स, बीज, फलियां और नट अपने प्राकृतिक, असंसाधित रूपों में
  • अंडे
  • लीन मीट, अनप्रोसेस्ड मीट, मछली और पोल्ट्री
  • सबसे कम वसा वाले डेयरी उत्पाद

अनाज, स्टार्च या आटा जो ग्लूटन मुक्त आहार का हिस्सा हो सकते हैं उनमें शामिल हैं:

  • अमरांथ
  • अरारोट
  • अनाज
  • मकई - कॉर्नमील, ग्रिट्स
  • ग्लूटन मुक्त आटा - चावल, सोया, मक्का, आलू और बीन आटा
  • होमिनी (मकई)
  • बाजरा
  • क्विनोवा चावल, जंगली चावल सहित
  • सोया
  • टैपिओका (कसावा जड़)
  • खाना जो नहीं खा सकते हैं

निम्नलिखित ग्लूटन युक्त सभी खाद्य पदार्थों और पेय से एसपीएस पीडितों को बचना चाहिए:

  • गेहूं
  • जौ
  • राई
  • जई
  • ट्रिटिकेल - गेहूं और राई के बीच एक क्रॉस

सारांश- एक ग्लूटन फ्री डाइट ऑटोइम्यून स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के रोगियों के लिए प्रभावी साबित होती है। ऐसे में वो आहार जिसमें ग्लूटन ना हो वो एसपीएस के रोगियों को फायदा करता है ।

आप स्टिफ पर्सन सिंड्रोम को कैसे रोक सकते हैं? - How can you prevent Stiff Person Syndrome in Hindi?

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून-विकार है इसलिए इसे विकसित होने से रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में स्पष्ट है कि एसपीएस को रोक नहीं सकते हैं।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का डायगनोसिस कैसे किया जाता है? - Stiff Person Syndrome Diagnosis in Hindi

स्टिफ़ पर्सन सिंड्रोम की डायगनोसिस मुश्किल हो सकती है, क्योंकि एक तो यह दुर्लभ बीमारी है वहीं इसके लक्षण अन्य स्थितियों जैसे कि एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस, मल्टीपल स्केलेरोसिस या अन्य ऑटोइम्यून स्थितियों के समान हैं।एसपीएस का पता लगाने के लिए एक डाक्टर विशिष्ट लक्षणों का पता लगाने की जरुरत होती है। इसके लिए कई परीक्षणों का उपयोग किया जा सकता है।

शारीरिक परीक्षण

डाक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में सवाल पूछेंगे और एक शारीरिक परीक्षा और न्यूरोलॉजिकल परीक्षा करेंगे। यदि आपके डॉक्टर को स्टिफ पर्सन सिंड्रोम पर संदेह है, तो डायगनोसिस की पुष्टि करने के लिए परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

एंटीबॉडी रक्त परीक्षण

एक रक्त परीक्षण जीएडी (या अन्य प्रासंगिक एंटीबॉडी) के लिए एंटीबॉडी की उपस्थिति और अन्य संकेतों के लिए जांच कर सकता है जो अन्य बीमारियों को इंगित या रद्द कर सकते हैं।

इलेक्ट्रोमोग्राफी (ईएमजी)

यह परीक्षण आपकी मांसपेशियों में विद्युत गतिविधि को मापता है और आपके लक्षणों के अन्य कारणों का पता लगाने में मदद कर सकता है।

लंबर पंचर (स्पाइनल टैप)

एक लंबर पंचर के दौरान, एक डाक्टर जीएडी के लिए एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच करने के लिए आपकी रीढ़ की हड्डी से तरल पदार्थ निकालने के लिए एक सुई का उपयोग करता है। वे अन्य संकेतों की भी तलाश करेंगे जो अन्य स्थितियों को इंगित या खारिज कर सकते हैं।

सारांश- एसपीएस के कई लक्षण बहुत से दूसरी बीमारियों से मेल खाते हैं। ऐसे में इस बीमारी पता लगाने के लिए एक डाक्टर विशिष्ट लक्षणों का पता लगाने की जरुरत होती है। इसके लिए कई परीक्षणों का उपयोग किया जा सकता है। इनमें शारीरिक परीक्षण, एंटीबॉडी रक्त परीक्षण, इलेक्ट्रोमोग्राफी और लंबर पंचर शामिल है।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का उपचार कैसे किया जाता है? - Stiff Person Syndrome Treatment in Hindi

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। इसका उपचार लक्षणों पर आधारित है। उपचार का लक्ष्य लक्षणों का प्रबंधन करना और आपकी मोबिलिटी और आराम में सुधार करना है।लक्षणों के हिसाब से एसपीएस की दो मुख्य उपचार रणनीतियां शामिल हैं:

  • लक्षण प्रबंधन के लिए दवाएं और उपचार
  • इम्यूनोथेरेपी, या रोग-संशोधित उपचार

दवाएं और उपचार

दवाएं जो स्टिफनेस, जकड़न, और मांसपेशियों की दर्दनाक ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं में शामिल हैं:

  • बेंजोडायजेपाइन: बेंजोडायजेपाइन दवाओं का एक वर्ग है जो चिंता, दौरे और अनिद्रा जैसी विभिन्न स्थितियों का इलाज करता है। वे गाबा (जीएबीए) संकेतों को प्रभावित करते हैं। डॉक्टर अक्सर डायजेपाम को एसपीएस के लिए उपचार के रूप में प्रमुखता से लिखते हैं।
  • मांसपेशियां का दर्द निवारक (मसल रिलैक्सेंट): बैक्लोफेन मांसपेशियों की ऐंठन के इलाज में मदद कर सकता है। यह आपकी मांसपेशियों को आराम देकर काम करता है, जिससे मांसपेशियों की जकड़न कम हो जाती है।
  • न्यूरोपैथिक दर्द की दवाएं: गैबापेंटिन और प्रीगैबलिन जैसी दवाएं भी गाबा (जीएबीए) संकेतों को प्रभावित करती हैं और एसपीएस लक्षणों में मदद कर सकती हैं।

अन्य उपचार

उपचार जो लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:

  • भौतिक चिकित्सा
  • मालिश
  • हाइड्रोथेरेपी (जल चिकित्सा)
  • ताप चिकित्सा
  • एक्यूपंक्चर

इम्यूनोथेरैपी

कुछ मामलों में इम्यूनोथेरेपी का एक प्रकार इंट्रावीनस इम्युनोग्लोबुलिन (आईवीआईजी) देने से एसपीएस से पीड़ित लोगों को लक्षणों में सुधार देखा गया है।

आईवीआईजी थेरैपी में स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले हजारों लोगों द्वारा डोनेट किए गए इम्युनोग्लोबुलिन (प्राकृतिक एंटीबॉडी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पैदा करती है) दिए जाते हैं।

सारांश- स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं होता है, इसके लक्षणों का ही इलाज किया जाता है। लक्षणों का इलाज दवा, कई तरह की थेरैपी और इम्यूनोथेरैपी से किया जाता है।

स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के लिए बेस्ट डॉक्टर | Best doctor for stiff person syndrome in Hindi

एसपीएस का कोई इलाज नहीं है ऐसी स्थिति में इसके लक्षणों का इलाज किया जाता है। इसके लिए आपको कई तरह के डाक्टरों की जरुरत पड़ेगी। इसलिए आपकी स्वास्थ्य सेवा टीम में कई विशेषज्ञों का शामिल होना बहुत जरुरी है जैसे:

  • न्यूरोलॉजिस्ट: विशेष रूप से, न्यूरोइम्यूनोलॉजिस्ट- ये डाक्टर एसपीएस विकार से जुड़े न्यूरो ट्रांसमीटर दोष और जटिलताओं को कम कर सकता है।
  • फिजीशियन चिकित्सक: जो दर्द मांसपेशियों के विकार आदि लक्षणों की ठीक कर सकें।
  • फिजियोथेरैपिस्ट: इस बीमारी में थेरेपिस्ट आपकी सहायता कर सकते हैं क्योंकि इसके लिए वो जरुरी एक्सरसाइज करा सकते हैं।
  • स्पीच थेरेपिस्ट: कई बार इस बीमारी में वोकल कार्ड से जुड़ी मांसपेशियों में में दिक्कत होती है इसके लिए स्पीच थेरेपिस्ट की जरुरत पड़ सकती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या मनोवैज्ञानिक: इस बीमारी में पीड़ित कई बार तनाव ग्रस्त, एनजाइटी या एगोरा फोबिया (घर से निकलने में ड़र या भीड़ भाड़ वाली तेज आवाज की जगहों पर जाने से ड़र) का शिकार हो जाते हैं।
  • इनके अलावा रोगी को रीहैब स्पेशलिस्ट की जरुरत भी पड़ सकती है।
  • सारांश- एसपीएस में इलाज लक्षणों के हिसाब से किया जाता है। इस वजह से न्यूरोलॉजिस्ट, विशेष रूप से, न्यूरोइम्यूनोलॉजिस्ट, फिजीशियन चिकित्सक, फिजियोथेरैपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या मनोवैज्ञानिक की जरुरत पड़ती है। इनके अलावा रोगी को रीहैब स्पेशलिस्ट की जरुरत भी पड़ सकती है।

    स्टिफ पर्सन सिंड्रोम के इलाज की लागत | Cost of stiff person syndrome treatment in Hindi

    स्टिफ पर्सन सिंड्रोम का उपचार संभव नहीं है। इसके लक्षणों का ही इलाज किया जा सकता है। इसलिए खर्च और लागत अलग अलग हो सकती है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप कैसे अस्पताल और डाक्टर को चुन रहे हैं। इसकी लागत 10 हजार से 2 लाख रुपए तक हो सकती है।

    निष्कर्ष

    स्टिफ पर्सन सिंड्रोम एक बहुत दिन तक चलने वाली (आजीवन) स्थिति है। यह कुछ कारकों के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है, जिनमें शामिल हैं:

    • लक्षण की गंभीरता
    • स्थिति बिगड़ने में कितना समय लग रहा है
    • इलाज से कितनी मदद मिलती है
    • समय के साथ, चलना अधिक से अधिक कठिन हो सकता है। आपकी दैनिक, नियमित कार्यों को करने की क्षमता भी समय के साथ कम हो सकती है। एसपीएस के बिगड़ने पर गिरने का बढ़ता जोखिम भी एक बढ़ती हुई चिंता बन जाता है।
    • कुछ लोगों को सहायता के लिए बेंत, वॉकर या व्हीलचेयर का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। सिंड्रोम का इलाज नहीं होता है सिर्फ लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है।

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    Written By
    PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
    Pharmacology
    English Version is Reviewed by
    MD - Consultant Physician
    General Physician
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