Last Updated: Jul 05, 2024
आमतौर पर जो दवा हम लेते हैं वह विभिन्न प्रकार के रसायनों से बना होता है. ये दवा बीमारियों के सभी प्रकारों का इलाज करती हैं. बदलते समय के साथ दवा के क्षेत्र में कई नई सफलता हासिल कीया है. हालाँकि दवा हमारी अधिकांश बीमारियों को ठीक करती है, लेकिन यह दुष्प्रभाव भी पैदा कर सकते हैं.
होम्योपैथी के सिद्धांत-
होम्योपैथी दो प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है. सबसे पहले दवा उस सिद्धांत पर आधारित है, जिसमे स्वस्थ व्यक्तियों में कुछ लक्षणों को प्रेरित करने वाले पदार्थ रोगग्रस्त व्यक्ति में समान लक्षणों का इलाज भी करते हैं. एक अन्य महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि हमारे शरीर में उपचार प्रक्रिया को ट्रिगर करने के लिए केवल थोड़ी मात्रा में दवा की आवश्यकता होती है. इसलिए होम्योपैथी का मुख्य लाभ यह है कि यह विकारों को ठीक करता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है. होम्योपैथी विभिन्न बीमारियों से हमारे शरीर को ठीक करने के लिए सही और प्राकृतिक दवाएं प्रदान करता है.
हालांकि, इस तरह की दवा का नुकसान यह है कि यह धीमी और स्थिर प्रक्रिया है और उपचार प्रक्रिया में समय लगता है. हालांकि किसी भी अन्य दवा की तरह, इसमें भी कुछ सावधानी बरतनी चाहिए.
होम्योपैथिक उपचार के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए-
- होम्योपैथिक दवा के दौरान, यह सलाह दी जाती है कि चाय, कॉफी, वाष्पित पेय या औषधीय साबुन, मजबूत सुगंधित बालों के तेल, टूथपेस्ट या दांत पाउडर का उपयोग करने से बचें.
- इसके अलावा, प्याज, लहसुन, अचार, मूली खाने से उपचार व्यर्थ हो सकता है.
- औषधीय जड़ी बूटियों, रेङी का तेल और अन्य नमकीन आहार से बचना चाहिए.
- होम्योपैथिक दवाओं को छूने से सख्ती से बचें; इसे खरीदने से पहले अपने हथेली पर न रखें, क्योंकि दवाइयों के संचालन दवाइयों की शक्ति को कम कर देता है. यह दवाओं को अस्पष्ट स्थितियों के सालमने उजागर करने से भी खराब हो जाता है. दवा को हमेशा बंद बोतल या सादे कागज में लेना चाहिए. यदि आप पेपर का उपयोग करते हैं, तो इसमें कोई प्रिंट नहीं होना चाहिए. कागज पर चढ़ी स्याही दवा को खराब कर सकती है.
- दवा के प्रभावी होने के लिए दूध और दूध उत्पादों से बचना चाहीए. यदि इन सावधानियों को नहीं पालन करते है, तो व्यक्ति आने वाले समय में मधुमेह,किडनी की समस्याएं और उच्च रक्तचाप के खतरा का सालमना कर सकता है.
- यह सलाह दी जाती है कि होम्योपैथी दवाओं के दौरान नियमित समय पर भोजन नहीं छोड़ना चाहिए. इसमें व्यक्ति केले और संतरे जैसे फल खा सकता है.
- डॉक्टरों का सुझाव है कि जब उपचार के दौरान व्यक्ति बेहतर महसूस कर रहे हैं, तो खुराक बंद कर देना चाहिए
- दवा लेने से पहले और बाद में 30 मिनट की अवधि में खाना नहीं खाना चाहिए.
- दवाओं को खुले में नहीं रखना चाहिए, उसे कोई ठंडी जगह में रखना चाहिए.
- सभी प्रकार के बुरी आदतों से बचाना चाहिए